नयी दिल्ली:ज्यादातर महिला उद्यमियों का मानना है कि समाज में उन्हें गंभीरता से नहीं लिया जाता. एक अध्ययन में यह बात कही गयी है. खुद का कारोबारी उपक्रम चलानेवाली अधिकांश महिला उद्यमियों की यही राय है. उपभोक्ता अनुसंधान फर्म ‘ग्रेहाउंड स्कल्प’ द्वारा 1,000 महिला उद्यमियों पर किये गये सर्वेक्षण में 50 फीसदी महिला उद्यमियों ने कहा कि उद्यमी के रूप में वे खुश हैं क्योंकि इससे उन्हें आजादी का अहसास होता है.
करीब 68 फीसदी महिला उद्यमियों ने कहा कि देश में उद्यमी के रूप में उन्हें गंभीरता से नहीं लिया जाता, जबकि 40 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें परिवार का पूरा सहयोग नहीं मिलता.
अध्ययन कहता है कि इससे यह बात एक बार फिर से पुष्ट होती है कि कारोबारी मामलों में महिलाओं के लिए परिवार की मंजूरी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. इसमें कहा गया है कि रीयल एस्टेट तथा वाहन ऐसे क्षेत्र हैं जहां महिलाओं के प्रवेश में अड़चन आती है. सिर्फ 20 प्रतिशत महिला उद्यमियों ने कहा कि उन्होंने अपना कारोबार अपने शौक की वजह से शुरू किया. वहीं 20 फीसदी का कहना था कि कारोबार क्षेत्र में वे अपने जीवनस्तर को बेहतर बनाने के मकसद से उतरीं.