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नन्हें बच्चों की पीठ पर भारी-भरकम स्कूल बैग

प्राची दामिनी का सात वर्षीय बेटा साहिल स्कूल से आते ही कंधों से अपना भारी भरकम बैग उतारता है और कुछ देर यूं ही थका हुआ-सा कुर्सी पर चित बैठा रहता है. आये दिन साहिल, दामिनी से कहता है कि मां बैग बहुत भारी है, कंधों में दर्द होने लगा. दामिनी को भी साहिल का […]

प्राची

दामिनी का सात वर्षीय बेटा साहिल स्कूल से आते ही कंधों से अपना भारी भरकम बैग उतारता है और कुछ देर यूं ही थका हुआ-सा कुर्सी पर चित बैठा रहता है. आये दिन साहिल, दामिनी से कहता है कि मां बैग बहुत भारी है, कंधों में दर्द होने लगा. दामिनी को भी साहिल का भारी भरकम स्कूल बैग देख कर उसके ऊपर बड़ी दया आती है. खुद स्वास्थ विशेषज्ञ भी अभिभावकों को यह चेतावनी देते हैं कि बच्चों पर बढ़ते पढ़ाई के दबाव ने सिर्फ उनका तनाव ही नहीं बढ़ाया है, बल्कि छोटी-सी उम्र में भारी वजन वाले स्कूल बैग उन्हें शारीरिक रूप से भी नुकसान पहुंचाने लगे हैं. ऐसे में कुछ बातों पर ध्यान देकर आप अपने नन्हें के कंघे के इस भार को कम कर सकती हैं.

1. बच्चे के स्कूल बैग का भार कम करने के लिए उसके टाइम टेबल शिड्यूल के हिसाब से ही उसका बैग लगाएं. यदि बच्च खुद ही बैग लगाता हो तो इस बात पर ध्यान दें कि वह अपने बस्ते में अनावश्यक कॉपी-किताबें न रखे.

2. कुछ स्कूलों में बच्चों को लॉकर की सुविधा दी जाती है. इन लॉकरों में बच्चे अपने सामान रख सकते हैं और इनकी चाभी भी उन्हें अपने पास ही रखनी होती है. यदि आपके बच्चे को स्कूल में लॉकर की सुविधा दी जा रही है, तो उसे अपनी रोजाना में प्रयोग होनेवाली भारी किताबों को उन लॉकर्स में रखने की सलाह दें. वे उन किताबों को तभी अपने साथ घर लेकर आएं, जब उन्हें घर पर उसकी आवश्यकता पड़े. इसी तरह वे उन स्टेशनरी को भी स्कूल के लॉकर में ही छोड़ सकते हैं, जिनका प्रयोग वे घर में नहीं करते.

3. यदि बच्चे का स्कूल नजदीक है, तो आप खुद या फिर घर का कोई बड़ा सदस्य बच्चे का बैग लेकर उसे स्कूल तक छोड़ सकता है. इसी तरह आप स्कूल की छुट्टी होने पर उसे लेने भी जा सकती हैं.

4. यदि बच्चे का स्कूल दूर है और बस या रिक्शे से स्कूल जाता है, तो भी उसे रिक्शे या बस स्टैंड तक छोड़ने जायें. इस दौरान उसका बैग आप ही उठा लें.

5. अगर बच्च खुद अपना बैग उठाता है, तो आप इस बात पर ध्यान दें कि उसके दोनों कंधों पर बैग बराबर टंगा है या नहीं. अकसर बच्चे जल्दबाजी में बैग एक ही कंधे पर टांग लेते हैं, जिससे बैग का पूरा भार एक ही कंधे पर आ जाता है और जल्द ही उस कंधे में दर्द की समस्या पैदा होने लगती है.

6. यदि आपका घर दूसरी या इससे भी ऊपर की मंजिल पर है, तो स्कूल बैग के साथ बच्चे को सीढ़ियों से ऊपर आने के लिए न कहें. उसे बताएं कि वह लिफ्ट के माध्यम से ही आये-जाये.

7. यदि बच्चे को स्कूल बैग कंधों पर डालते या उतारते समय दर्द महसूस हो, स्कूल बैग के साथ चलते हुए बच्चे का पोस्चर बदलने लगे, कंधों की त्वचा पर लाल निशान पड़ने लगे या फिर बच्च कंधों और पीठ के सुन्न होने की शिकायत करे, तो इसे अनदेखा न करें और इस विषय में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

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