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सिंगापुर की समृद्धि के शिल्पी थे ली

सिंगापुर: देश के 31 साल तक प्रधानमंत्री रहे ली क्वान यू को सिंगापुर की समृद्धि के शिल्पी के रूप में जाना जाता है. वर्ष 1923 में जन्मे ली 1959 में प्रधानमंत्री बने थे, जब सिंगापुर जमीन का एक छोटा सा टुकड़ा था, जिसके पास कोई प्राकृतिक संसाधन नहीं थे और जहां बहुभाषी चीनी, मलय और […]

सिंगापुर: देश के 31 साल तक प्रधानमंत्री रहे ली क्वान यू को सिंगापुर की समृद्धि के शिल्पी के रूप में जाना जाता है. वर्ष 1923 में जन्मे ली 1959 में प्रधानमंत्री बने थे, जब सिंगापुर जमीन का एक छोटा सा टुकड़ा था, जिसके पास कोई प्राकृतिक संसाधन नहीं थे और जहां बहुभाषी चीनी, मलय और भारतीय आबादी थी. वह ब्रिटिश भू-भाग का हिस्सा था और दंगों व अशांति से त्रस्त था. उन्होंने 1965 में सिंगापुर के मलेशिया से अलग होने की घटना का नेतृत्व किया.

ली के प्रमुख सिद्धांतों में प्रभावी व साफ छवि की सरकार, कारोबार अनुकूल आर्थिक नीतियां और सामाजिक व्यवस्था जैसी चीजें शामिल थीं, जिससे देश में व्यापक निवेश आकर्षित करने में मदद मिली. उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद विश्व की सबसे बड़ी कंपनियां सिंगापुर पहुंचीं और जल्द ही देश का जीवन स्तर अव्वल दर्जे का हो गया. करिश्माई नेता ली ने पीपुल्स एक्शन पार्टी (पीएपी) की सह स्थापना की, जो सिंगापुर पर 1959 से शासन कर रही है. कैंब्रिज से शिक्षा प्राप्त ली की मीडिया की स्वतंत्रता पर रोक और राजनीतिक विरोधियों के साथ कठोर बरताव के लिए आलोचना भी हुई. ली ने 1990 में प्रधानमंत्री पद छोड़ दिया था.

पूर्व प्रधानमंत्री ली क्वान यू के परिवार में दो पुत्र- सिंगापुर के वर्तमान प्रधानमंत्री ली सीन लूंग (63) और ली सीन यांग (57), पुत्री ली वेई लिंग (60), सात पोते-पोतियां और दो भाई-बहन हैं. उनकी पत्नी का 89 साल की उम्र में 2010 में निधन हो गया था.

सिंगापुर के संस्थापक जनक ली क्वान यू का निधन

सिंगापुर के संस्थापक जनक ली क्वान यू का सोमवार को 91 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. उन्होंने आधी सदी से अधिक समय तक देश की राजनीति में अपना प्रभुत्व बनाये रखा और पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश को एक वैश्विक व्यापार व वित्तीय शक्ति में तब्दील कर दिया. सरकार ने कहा कि सिंगापुर के प्रथम प्रधानमंत्री ली का ‘सिंगापुर जनरल हॉस्पिटल में निधन हो गया.’ वह निमोनिया से पीड़ित होने पर पांच फरवरी से चिकित्सकों की गहन निगरानी में थे. उनके पुत्र व वर्तमान प्रधानमंत्री ली सीन लूंग ने कहा, ‘वह हमारी स्वतंत्रता के लिए लड़े, एक ऐसी जगह से राष्ट्र का निर्माण किया, जहां कुछ खास नहीं था. साथ ही देश को ऐसा स्थान बनाया, जहां हमें सिंगापुरी होने पर गर्व हो. हमें उनके जैसा कोई दूसरा नेता नहीं मिलेगा.’ जूनियर ली ने कहा कि उनके पिता का पार्थिव शरीर 25 से 28 मार्च तक संसद भवन में रखा जायेगा, ताकि जनता अंतिम दर्शन कर सके. सिंगापुर ने सोमवार से सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है. ली का 29 मार्च को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा.

श्रद्धांजलि का लगा तांता

ली की मौत की घोषणा के साथ दुनिया भर के नेताओं की ओर से श्रद्धांजलि का तांता लग गया. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ली को ‘इतिहास का एक सच्चा नेता’ करार दिया. संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने उन्हें ‘एशिया की प्रसिद्ध हस्ती’ करार दिया. चीनी विदेश मंत्रलय ने उन्हें ‘एशिया का विलक्षण प्रभावशाली राजनेता’ करार दिया. भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने ट्वीटर पर कहा, ‘सिंगापुर के पूर्व प्रधानमंत्री ली कुआन यू के निधन पर गहरा दु:ख हुआ. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक वक्तव्य में कहा, ‘वह एक दूरदृष्टि वाले राजनेता व एक अग्रणी नेता थे. ली क्वान यू का जीवन सभी लोगों को बहुमूल्य शिक्षा देता है.’

उनके निधन का समाचार दुखद है. शोक की इस घड़ी में हमारी संवेदनाएं ली क्वान यू के परिवार और सिंगापुर की जनता के साथ हैं, ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें.’

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