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अपग्रेड हैकॉमर्स का क्षेत्र
बारहवीं के बाद कॉमर्स में कैरियर ऑप्शंस की कमी नहीं है. इस स्ट्रीम से जुड़े ऐसे कई कोर्स हैं, जिसमें एडमिशन लेने के बाद आप अपने भविष्य को सिक्योर महसूस कर सकते हैं. आइए आपको बताते हैं कॉमर्स स्ट्रीम से जुड़े कैरियर विकल्पों के बारे में विस्तार से.. कॉमर्स के क्षेत्र की बात आते ही […]
बारहवीं के बाद कॉमर्स में कैरियर ऑप्शंस की कमी नहीं है. इस स्ट्रीम से जुड़े ऐसे कई कोर्स हैं, जिसमें एडमिशन लेने के बाद आप अपने भविष्य को सिक्योर महसूस कर सकते हैं. आइए आपको बताते हैं कॉमर्स स्ट्रीम से जुड़े कैरियर विकल्पों के बारे में विस्तार से..
कॉमर्स के क्षेत्र की बात आते ही सबसे पहले बीकॉम प्रोग्राम का नाम जहन में आता है. यही वह डिग्री है जिसके माध्यम से कॉमर्स के छात्र वाणिज्य और व्यवसाय की दुनिया में कदम रखते हैं. आज के दौर में इसे भी थोड़ा मॉर्डनाइज किया गया है. इसके तहत बीकॉम, बैंकिंग एंड इंश्योरेंस या बीबीआइ, बीकॉम फाइनेंशियल मार्केट या बीएफए और बीकॉम अकाउंटिंग एंड फाइनेंस या बीएफए जैसे स्पेशलाइज्ड कोर्स सामने आये हैं.
कॉमर्स एलाइड क्षेत्र हैं बेहतर विकल्प
कॉमर्स स्ट्रीम से बारहवीं करनेवाले विद्यार्थी अपने कैरियर की शुरुआत अगर जनरल बीकॉम से करते हैं, तब भी उनके पास कॉमर्स के एलाइड क्षेत्रों के साथ आगे बढ़ने के भरपूरे मौके होते हैं. जानें इनके बारे में..
सीएफए : 12वीं के साथ ही बीकॉम करने के बाद छात्र द चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट (सीएफए) की ओर कदम बढ़ा सकते हैं. सीएफए असल में छात्रों को इंटरनेशनल चार्टर बनाता है. इसके लिए उन्हें सीएफए संस्थान द्वारा आयोजित तीन विभिन्न परीक्षाओं को पास करना होता है. तीनों परीक्षाओं में फाइनेंशियल एनालिसिस के विभिन्न पहलुओं पर फोकस किया जाता है.
किस तरह की मिलती है जॉब: सीएफए के रूप में छात्रों को पोर्टफोलियो मैनेजर्स, रिसर्च एनालिस्ट, कंसल्टेंट, कॉरपोरेट फाइनेंशियल एनालिस्ट, फाइनेंशियल एड्वाइजर आदि पदों पर काम करने का मौका मिलता है.
सीए : कॉमर्स स्ट्रीम से संबंधित विद्यार्थियों के लिए चार्टर्ड अकाउंटें (सीसीए) चिरपरिचित कैरियर विकल्प है. चार्टर्ड अकाउंटेंसी एक प्रतिष्ठित कैरियर विकल्प होने के साथ आकर्षक वेतन के लिए भी जाना जाता है. सीए बनाने की जिम्मेदारी द चार्टर्ड अकाउेंटेंट्स ऑफ इंडिया (आइसीएआइ) की है.
आइसीएआइ सीए के लिए चार स्तरीय परीक्षा का आयोजन करती है. कॉमन प्रॉफिशिएंसी टेस्ट सीपीटी, इंटीग्रेटेड प्रोफेशनल कॉम्पीटेंस कोर्स आइपीसीसी, सीए फाइनल और आर्टिकलशिप. इस क्षेत्र की ओर 10वीं के बाद से ही रुख किया जा सकता है. इसके तहत विद्यार्थियों को सीपीटी परीक्षा से तीन महीने पहले रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होता है. 12वीं पास करने के बाद सीपीटी दिया जा सकता है. कुछ नियमों के तहत सीपीटी में छूट प्रदान की जाती है और सीधे आइपीसीसी में रजिस्टर्ड हुआ जा सकता है.
किस तरह की मिलती है जॉब
सीए के रूप में विद्यार्थी बड़ी फर्म्स, कंपनीज और एमएनसीज में चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) के रूप में काम कर सकते हैं. इसके साथ ही खुद का ऑफिस खोलने के बाद विभिन्न क्लाइंट्स को ऑन कॉल अपनी सर्विसेस दे सकते हैं.
सीएस: द कंपनी सेक्रेटरीशिप (सीएस) प्रोग्राम के माध्यम से विद्यार्थियों को कंपनियों के लीगल और एडमिनिस्ट्रेटिव, सेक्रेटेरियल पहलुओं की जानकारी दी जाती है. कंपनी सेक्रेटरी बनने के लिए भी छात्रों को कई स्तर की पढ़ाई करनी होती है. इसमें सबसे पहले फाउंडेशन, फिर इंटरमीडिएट और फाइनल स्टेज होती है. इसके बाद उन्हें इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग करनी होती है.
12वीं के बाद करें इस ओर रुख
सीए और कैरियर काउंसलर अमर उमर के अनुसार कॉमर्स स्ट्रीम से पढ़ाई करनेवाले विद्यार्थियों के लिए कैरियर विकल्पों की कमी नहीं होती. आज के दौर में कई ऐसे क्षेत्र हैं, जिनमें कॉमर्स के अलावा अन्य स्ट्रीम के विद्यार्थी भी रुख कर सकते हैं, पर उन क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करने का दम कॉमर्स स्ट्रीम के विद्यार्थियों में ज्यादा होता है. ऐसे कुछ एवेन्यूज हैं- इनश्योरेंस सेक्टर, बैंकिंग सेक्टर, वैल्युअर्स- ये मशीनरी, बिल्डिंग आदि की वैल्यू निकालने का काम करते हैं, बिजनेस मैनेजमेंट कोर्सेस, स्टॉक मार्केट एंड फाइनेंस, इनवेस्टमेंट, कैपिटल मार्केट, अकाउंटिंग, केपीओ एवं बीपीओ, टेक्सेशन आदि.
इ-कॉमर्स भी है एक विकल्प
कॉमर्स से 12वीं करनेवाले विद्यार्थी आज के दौर के नये कैरियर विकल्प को चुन सकते हैं. इस विकल्प का नाम है इ-कॉमर्स. गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी, नयी दिल्ली में इससे संबंधित एक कोर्स भी चलाया जा जाता है. वह कोर्स है – बैचलर ऑफ इ-कॉमर्स. इसके अलावा बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन इन इ-कॉमर्स भी किया जा सकता है.
अन्य क्षेत्र जहां है उम्मीदों का आकाश
स्नातक करने के बाद कॉमर्स के छात्र मैनेजमेंट, मास कम्युनिकेशन, हॉस्पिटिलिटी इंडस्ट्री आदि के क्षेत्र में जा सकते हैं. टीचिंग का क्षेत्र भी कॉमर्स स्ट्रीम में उच्च शिक्षा हासिल करनेवालों के लिए हमेशा खुला रहता है.
कॉमर्स से जुड़े स्वरोजगार
कॉमर्स स्ट्रीम से पढ़ाई करनेवाले छात्र स्वरोजगार की ओर भी आसानी से कदम बढ़ा सकते हैं. इसके तहत वे अपनी बिजनेस फर्म्स खोल सकते हैं, स्टॉक ब्रोकर्स बन सकते हैं, ट्रेड कंसल्टेंट, मैनेजमेंट कंसल्टेंट, एंटरप्रेन्योर, कॉरपोरेट लॉयर, फाइनेंशियल एनालिस्ट, टैक्स कंसल्टेंट बन सकते हैं.
प्रोग्राम भी हैं बहुत
12वीं से कॉमर्स करने के बाद छात्र कई तरह के प्रोग्राम्स की ओर रुख कर सकते हैं. इनमें से कुछ इस प्रकार हैं-
बैचलर्स ऑफ कॉमर्स (बीकॉम), इसमें सामान्य के साथ ऑनर्स प्रोग्राम भी कराये जाते हैं. अधिकांश कॉलेजों में यह कोर्स तीन वर्ष का होता है.
बैचलर्स ऑफ बिजनेस स्टडीज (बीबीएस)
अवधि : तीन वर्ष.
बैचलर्स ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (बीएमएस)
अवधि : तीन वर्ष
बैचलर्स इन बिजनेस मैनेजमेंट/ एडमिनिस्ट्रेशन (बीबीएम) अवधि : तीन वर्ष
बैचलर्स ऑफ कॉरपोरेट सेक्रेटरीशिप (बीसीएस)
अवधि : तीन वर्ष
चार्टर्ड अकाउंटेंसी
चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट प्रोग्राम (सीएफए).
कंपनी सेक्रेटरी प्रोग्राम (सीएस).
कॉस्ट एंड मैनेजमेंट अकाउेंटसी.
डिप्लोमा इन इंडस्ट्रियल अकाउंटेंट. यह कोर्स आइसीएआइ में होता है.
परीक्षाएं जिनमें हो सकते हैं शामिल
बोर्ड परीक्षाएं पूरी होने के बाद कॉमर्स क्षेत्र के विद्यार्थी नीचे दी जा रही कुछ परीक्षाओं में भी शामिल हो सकते हैं. इनमें से प्रमुख हैं-
कॉमन प्रॉफिशिएंसी टेस्ट : जून 2015
आवेदन की अंतिम तिथि : 28 अप्रैल, 2015
परीक्षा तिथि : 14 जून, 2015
2. नेशनल काउंसिल फॉर होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी (एनसीएचएम जेइइ 2015)
आवेदन की अंतिम तिथि : 6 अप्रैल, 2015
परीक्षा तिथि : 25 अप्रैल, 2015
3. क्लैट, आवेदन की अंतिम तिथि: 31 मार्च, 2015
ऑनलाइन परीक्षा तिथि: 10 मई, 2015
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