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रेल बजट कल : बेहतर सुविधाओं और सुरक्षा पर जोर संभव
आम लोगों को नयी सरकार से बड़ी उम्मीदें भारतीय रेलों में जनसुविधाओं की हालत काफी खराब है. ऐसे में रेल बजट से ज्यादातर यात्रियों की पहली उम्मीद सुविधाओं में बेहतरी की होगी. रेलवे की सुरक्षा भी एक बड़ी चिंता का सबब है, जिसके लिए बजट में अहम घोषणाएं हो सकती हैं. एमएम अग्रवाल पूर्व सदस्य […]
आम लोगों को नयी सरकार से बड़ी उम्मीदें
भारतीय रेलों में जनसुविधाओं की हालत काफी खराब है. ऐसे में रेल बजट से ज्यादातर यात्रियों की पहली उम्मीद सुविधाओं में बेहतरी की होगी. रेलवे की सुरक्षा भी एक बड़ी चिंता का सबब है, जिसके लिए बजट में अहम घोषणाएं हो सकती हैं.
एमएम अग्रवाल पूर्व सदस्य (ट्रैफिक) रेलवे बोर्ड
दिक्कत यह है कि पिछले कुछ सालों में लिये गये मनमाने फैसलों के कारण मौजूदा समय में रेलवे की माली हालत काफी खराब है. उसकी वित्तीय स्थिति बिगड़ गयी है और ऑपरेटिंग रेशियो काफी बढ़ गया है. इससे रेलवे के आधुनिकीकरण का कार्य प्रभावित हुआ और विस्तार योजनाओं पर ब्रेक लग गया है.
इसलिए उम्मीद करनी चाहिए कि इस रेल बजट में सरकार रेलवे की माली हालत सुधारने के लिए कई अहम उपाय करेगी. रेलवे की सबसे बड़ी समस्या है डिमांड और सप्लाइ के बीच काफी अंतर होना. इसे कम करने के लिए हाल के वर्षो में दीर्घकालिक नीतियों की बजाय लोकलुभावन नीतियां अपनायी गयीं. रेलवे के लंबित 700 प्रोजेक्ट के लिए मौजूदा समय में 2 लाख करोड़ रुपये चाहिए, लेकिन अभी ऐसी स्थिति नहीं है कि रेल मंत्रालय इतना पैसा खर्च कर सके.
अच्छी बात है कि मौजूदा रेल मंत्री सुरेश प्रभु समझदार आदमी हैं. उम्मीद है कि वे रेलवे की स्थिति सुधारने के लिए नये विचारों पर अमल करेंगे. आम यात्राियों की सुविधा बढ़ाने के लिए कुछ नये तरीके
अपनाने की घोषणा संभव है. इसके लिए रेल डिब्बों की डिजाइनिंग में बदलाव, खानपान की गुणवत्ता में सुधार, दूसरी श्रेणी के डिब्बों में डस्टबिन, बायो-शौचालय लगाने जैसी घोषणाएं हो सकती हैं. रेल डिब्बों की नयी डिजाइनिंग से अधिक यात्रियों को जगह मिलेगी और ट्रेनों की स्पीड भी बढ़ पायेगी. रेल डिब्बों में सफाई के लिए डस्टबिन लगाने जैसे उपाय महत्वपूर्ण हो सकते हैं. साथ ही सुरक्षा, खासकर महिलाओं की सुरक्षा, के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने, सुरक्षा गार्ड की तैनाती करने की घोषणा हो सकती है. रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के पास एफआइआर दर्ज करने का अधिकार नहीं है. इस बजट में आरपीएफ को यह अधिकार दिया जा सकता है. सुरक्षा के लिहाज से यह अहम कदम होगा. इसके अलावा, आरपीएफ के 30 हजार पद खाली हैं.
बड़ी संख्या में रिक्त पदों को भरने की घोषणा हो सकती है. कुल मिला कर रेल बजट में सफाई, सुरक्षा और खाने की गुणवत्ता पर जोर रहने की उम्मीद है.
हर बजट में अमूमन 160-180 नयी ट्रेनें चलाने की घोषणा कर दी जाती है, जबकि रेलवे ट्रैकों की स्थिति अब अतिरिक्त दबाव सहने की नहीं है.
ऐसे में सुरक्षा से समझौता किया जाता है और इसकी कीमत यात्रियों को चुकानी पड़ती है. उम्मीद है कि इस बजट में रेल मंत्री ऐसी घोषणा करने से बचेंगे और कुछ अंतराल के बाद नयी ट्रेनें चलायेंगे. उम्मीद है कि इस रेल बजट में इंटरसिटी ट्रेनों में एसी डिब्बे लगाने की घोषणा होगी.
देश में अभी बुलेट ट्रेन चलाने की क्षमता नहीं है. मौजूदा संसाधनों को बेहतर करने के बाद 3-4 साल बाद इस पर काम हो सकता है. उम्मीद है कि रेलवे फंड जुटाने के लिए अपने ‘लैंड बैंक’ यानी गैर-उपयोगी जमीनों को विकसित करेगा. साथ ही पीपीपी मॉडल से आधुनिकीकरण को बढ़ावा दिया जायेगा.
सरकार ने पहले ही रेलवे में एफडीआइ की सीमा बढ़ा दी है. एफडीआइ आने से रेलवे की सेहत को ठीक किया जा सकता है. डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के काम में तेजी आ सकती है. इस कॉरिडोर के निर्माण से जहां रेलवे की आय में इजाफा होगा, वहीं मौजूदा ट्रैक पर मालगाड़ियों का लोड कम होने से ज्यादा यात्री गाड़ियां चलायी जा सकती हैं. इससे आम यात्रियों की बड़ी परेशानी दूर हो सकेगी.
(विनय तिवारी से बातचीत पर आधारित)
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