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बच्चे में पनप तो नहीं रही चोरी की आदत

पांच साल के आर्यन का स्कूल बैग पैक करने के दौरान गीतिका को उसके पेंसिल बॉक्स में एक एक्सट्रा पेंसिल नजर आयी. जब गीतिका ने आर्यन पूछा कि बेटा ये आपकी पेंसिल तो नहीं है, फिर आपके बॉक्स में कैसे आयी? यह सवाल सुन कर आर्यन कुछ देर तो चुपचाप खड़ा रहा, फिर गीतिका ने […]

पांच साल के आर्यन का स्कूल बैग पैक करने के दौरान गीतिका को उसके पेंसिल बॉक्स में एक एक्सट्रा पेंसिल नजर आयी. जब गीतिका ने आर्यन पूछा कि बेटा ये आपकी पेंसिल तो नहीं है, फिर आपके बॉक्स में कैसे आयी? यह सवाल सुन कर आर्यन कुछ देर तो चुपचाप खड़ा रहा, फिर गीतिका ने जोर देकर पूछा तो उसने बताया कि ये पेंसिल मयंक की है मुझे अच्छी लगी इसलिए मैंने रख ली.

गीतिका को समझते देर नहीं लगी कि आर्यन ने मयंक की पेंसिल चुरा ली है. पसंद आ जानेवाली चीजों को बिना पूछे उठा लेना छोटे बच्चों की आम आदत है. उन्हें तो इस बच्चेत का एहसास भी नहीं होता कि उनकी इस नादानी को बड़ों की भाषा में चोरी कहा जाता है. ऐसे में अभिभावक ही अपनी सूझ-बूझ से बच्चों में पनपने वाली ऐसी आदत को छुड़ा सकते हैं.

1.बच्चेढ़ाका चोरी करना एक गंभीर विषय है, लेकिन इसके लिए बो को चोर की नजर से देखना ठीक नहीं. यदि आपकेबच्चेमें लोगों की चीजों को चुपचाप उठा लेने की आदत पड. रही है, तो आप उसे प्यार से समझाने की कोशिश करें. उसे उदाहरण देकर बताएं कि यह आदत ठीक नहीं है.

2. बो से बच्चेत करके यह जानने की कोशिश करें कि उसने ऐसा कब और क्यों किया. उसे अपनी पूरी बच्चेत कहने का मौका दें. इस दौरान गुस्सा न दिखाएं. हो सकता है कि आपके गुस्से का उस पर विपरीत असर हो और आगे से वह चोरी भी करे और आपके पूछने पर झूठ बोलना भी सीख जाये.

3. यदि बच्चे पूरी साई के साथ आपको बताता है कि उसने दूसरों का सामान क्यों लिया और वह अपनी गलती स्वीकार करता है, तो उसकी ईमानदारी का सम्मान करें और उसे समझाएं कि यह आदत उसके लिए कितनी नुकसानदेह साबित हो सकती है. उसे बताएं कि बिना बताये दोस्तों का सामान लेने की आदत से उसके दोस्त उससे नाराज हो सकते हैं.

4. साथ ही बो पर नजर रखें. रोजाना उसका पेंसिल बॉक्स और खिलौने चेक करें. यदि उसके सामान में किसी दूसरे का सामान मिलता है, तो बो से न सिर्फ सामान वापस करने को कहें, बल्कि उन्हें अपनी इस गलत बच्चेत के लिए माफी मांगने के लिए भी कहें.

5. प्यार से समझाने के बच्चेद भी बच्चे अपनी इस आदत में कोई सुधार नहीं करता, तो फिर उसके साथ सख्ती से पेश आएं. किसी का सामन चोरी करने पर उसे कोईउचित सजा दें. उसे यह एहसास दिलाएं कि उसने गलत काम किया है. इस मामले में छोटी-से-छोटी बच्चेत को अनदेखा न करें. यदि आपने बो की इस आदत को अनदेखा किया, तो बच्चे गलत राह पर चल पडे.गा. वहीं बचपन में प्यार से दी गयी सीख उसका मार्गदर्शन करेगी.पां च साल के आर्यन का स्कूल बैग पैक करने के दौरान गीतिका को उसके पेंसिल बॉक्स में एक एक्सट्रा पेंसिल नजर आयी. जब गीतिका ने आर्यन पूछा कि बेटा ये आपकी पेंसिल तो नहीं है, फिर आपके बॉक्स में कैसे आयी? यह सवाल सुन कर आर्यन कुछ देर तो चुपचाप खड़ा रहा, फिर गीतिका ने जोर देकर पूछा तो उसने बताया कि ये पेंसिल मयंक की है मुझे अच्छी लगी इसलिए मैंने रख ली. गीतिका को समझते देर नहीं लगी कि आर्यन ने मयंक की पेंसिल चुरा ली है. पसंद आ जानेवाली चीजों को बिना पूछे उठा लेना छोटे बच्चों की आम आदत है. उन्हें तो इस बच्चेत का एहसास भी नहीं होता कि उनकी इस नादानी को बड़ों की भाषा में चोरी कहा जाता है. ऐसे में अभिभावक ही अपनी सूझ-बूझ से बच्चों में पनपने वाली ऐसी आदत को छुड़ा सकते हैं.

1. बो का चोरी करना एक गंभीर विषय है, लेकिन इसके लिए बो को चोर की नजर से देखना ठीक नहीं. यदि आपके बो में लोगों की चीजों को चुपचाप उठा लेने की आदत पड. रही है, तो आप उसे प्यार से समझाने की कोशिश करें. उसे उदाहरण देकर बताएं कि यह आदत ठीक नहीं है.

2. बच्चे से बच्चेत करके यह जानने की कोशिश करें कि उसने ऐसा कब और क्यों किया. उसे अपनी पूरी बच्चेत कहने का मौका दें. इस दौरान गुस्सा न दिखाएं. हो सकता है कि आपके गुस्से का उस पर विपरीत असर हो और आगे से वह चोरी भी करे और आपके पूछने पर झूठ बोलना भी सीख जाये.

3. यदि बच्चे पूरी साई के साथ आपको बताता है कि उसने दूसरों का सामान क्यों लिया और वह अपनी गलती स्वीकार करता है, तो उसकी ईमानदारी का सम्मान करें और उसे समझाएं कि यह आदत उसके लिए कितनी नुकसानदेह साबित हो सकती है. उसे बताएं कि बिना बताये दोस्तों का सामान लेने की आदत से उसके दोस्त उससे नाराज हो सकते हैं.

4. साथ ही बो पर नजर रखें. रोजाना उसका पेंसिल बॉक्स और खिलौने चेक करें. यदि उसके सामान में किसी दूसरे का सामान मिलता है, तो बो से न सिर्फ सामान वापस करने को कहें, बल्कि उन्हें अपनी इस गलत बच्चेत के लिए माफी मांगने के लिए भी कहें.

5. प्यार से समझाने के बच्चेद भी बच्चे अपनी इस आदत में कोई सुधार नहीं करता, तो फिर उसके साथ सख्ती से पेश आएं. किसी का सामन चोरी करने पर उसे कोईउचित सजा दें. उसे यह एहसास दिलाएं कि उसने गलत काम किया है. इस मामले में छोटी-से-छोटी बच्चेत को अनदेखा न करें. यदि आपने बो की इस आदत को अनदेखा किया, तो बच्चे गलत राह पर चल पडे.गा. वहीं बचपन में प्यार से दी गयी सीख उसका मार्गदर्शन करेगी.

र्फ सामान वापस करने को कहें, बल्कि उन्हें अपनी इस गलत बात के लिए माफी मांगने के लिए भी कहें.

5. प्यार से समझाने के बाद भी बा अपनी इस आदत में कोई सुधार नहीं करता, तो फिर उसके साथ सख्ती से पेश आएं. किसी का सामन चोरी करने पर उसे कोईउचित सजा दें. उसे यह एहसास दिलाएं कि उसने गलत काम किया है. इस मामले में छोटी-से-छोटी बात को अनदेखा न करें. यदि आपने बो की इस आदत को अनदेखा किया, तो बा गलत राह पर चल पडे.गा. वहीं बचपन में प्यार से दी गयी सीख उसका मार्गदर्शन करेगी.

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