रांची: झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि भाजपा ने झारखंडी नौजवानों का हक मारा है. झारखंड का दरवाजा पूरे देश के लिए खोल दिया है. झारखंडी नौजवानों की कीमत पर दूसरे राज्य में राजनीति चमका रही है. झारखंड में जन्मे, पढ़े एवं बढ़े हुए तमाम लोग झारखंडी हैं. इन नौजवानों को अधिकार मिलना चाहिए.
सरकार जल्द से जल्द स्थानीय नीति घोषित करे. लक्ष्मण रेखा तय होनी चाहिए. स्थानीयता परिभाषित किये बिना नियुक्तियां नहीं होनी चाहिए. श्री मरांडी पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे. मौके पर विधायक प्रदीप यादव व पूर्व मंत्री रामचंद्र केशरी भी मौजूद थे. श्री मरांडी ने कहा कि उन्होंने अपने शासन काल में स्थानीयता को परिभाषित करने और नियोजन के लिए दो महत्वपूर्ण निर्णय लिये थे. स्थानीयता को परिभाषित करने के लिए बिहार सरकार के परिपत्र संख्या- 806 के 3. 8.1982 के प्रावधान को कुछ संशोधन, जैसे बिहार की जगह झारखंड और पटना की जगह रांची बदल कर हू-ब-हू अंगीकार किया गया. इसके तहत जिला में पिछले सर्वे रिकॉर्ड के आधार पर स्थानीयता की पहचान की बात थी.
साथ ही शिक्षक नियुक्ति के लिए बिहार प्रारंभिक विद्यालय अधिनियम-1976 को अंगीकार किया गया. इसके तहत जिस जिले में नियुक्ति होने वाली है, अभ्यर्थी उस जिले का निवासी हो, जिला से मैट्रिक या उससे ऊपर की योग्यता परीक्षा पास की हो या फिर अभ्यर्थी के पिता या पति जिला के निवासी हों. श्री मरांडी ने कहा कि इससे झारखंड में रहने वाले नौजवानों को मौका मिलता, लेकिन 2012 में भाजपा ने नियमावली बदल दी. सारे प्रावधानों का दरकिनार कर पूरे देश के लिए दरवाजा खोल दिया. भारत का नागरिक होने की अनिवार्यता कर दी. इसके दुष्परिणाम हुए. बिहार, यूपी, पश्चिम बंगाल से अब छात्र आ रहे हैं. भाजपा दूसरे राज्यों में इसके बल से राजनीति कर रही है. इसे तत्काल बदल दिया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि स्थानीयता को लेकर सदन से सड़क तक चर्चा होती रही. पक्ष हो या विपक्ष सबका कहना है कि सरकार स्थानीय नीति बनाये. लेकिन वोट बैंक की राजनीति बाधा बनती रही है. श्री मरांडी ने भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को भी तत्काल वापस लेने की मांग की. श्री मरांडी ने कहा कि झारखंड में सारी नियुक्तियां दस वर्ष के लिए यहां के लोगों के लिए आरक्षित करना चाहिए. संविधान में इसके प्रावधान भी है. संविधान के अनुच्छेद 16 की धारा 3 के तहत ऐसा प्रस्ताव राज्य सरकार केंद्र को भेज सकती है.
भाजपा के लोग कानून ब्रेकर, कोर्ट जायेंगे
झाविमो अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि भाजपा को संविधान का ख्याल नहीं है. मुख्यमंत्री और मंत्री पद की शपथ लेते समय कहते हैं कि संविधान की रक्षा करेंगे. वहीं भाजपा के लोग संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं. 10 वीं अनुसूची के कानून को ताक पर रख कर विधायकों को तोड़ा जा रहा है. भाजपा के लोग कानून ब्रेकर हैं. यह पूछने पर कि आप इसके खिलाफ कोर्ट भी जायेंगे. श्री मरांडी ने कहा कि बकरे की अम्मा कब तक खैर मनायेगी. विधायकों के तोड़-फोड़ में गलत किया गया है. न्यायालय है, हमें पूरी उम्मीद है कि न्याय मिलेगा. हम ऐसे लोगों को कोर्ट से दंड दिलायेंगे. श्री मरांडी ने कहा कि हम जनमुद्दों को लेकर सड़क जाम करते हैं, तो धारा 353 के तहत सरकारी काम में बाधा डालने का मुकदमा करते हैं. यह सरकार गलत कर रही है, तो न्यायालय भी दंड देगा.