गुवाहाटी : असम में पिछले आठ साल में करीब 13,000 महिलाएं दुष्कर्म की शिकार हुई हैं. राज्य के गृह मंत्रलय के अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2005 से मई 2013 के बीच 12,857 महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया गया और इनमें से 59 को दुष्कर्म के बाद मार डाला गया. दुष्कर्म के 8,181 मामले दर्ज किये गये, जिनमें से 76 फीसदी मामलों पर कार्रवाई की गयी और 12,216 लोगों को गिरफ्तार किया गया.
महिलाओं के खिलाफ अपराध में वृद्धि के कारण बढ़ती आबादी, सामाजिक व पारिवारिक तनाव, लिंग आधारित भेदभाव, गरीबी, रोजगार के अवसरों का अभाव और कानून एजेंसियों में मानव संसाधन की कमी आदि हैं.
अन्य अपराध : महिलाओं के खिलाफ ज्यादती केवल दुष्कर्म तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें दहेज प्रताड़ना भी शामिल है, जिससे राज्य में 1,069 महिलाओं की जान जा चुकी है. दहेज प्रताड़ना और हत्या से जुड़े मामलों में कुल 1,671 लोगों को गिरफ्तार किया गया. इसके अलावा 66 महिलाओं को जादू-टोना करने के संदेह में मारा गया.
जागरूकता कार्यक्रमों का असर : अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार के विभिन्न ऐहतियाती उपायों और जागरूकता कार्यक्रमों के चलते जादू-टोना के संदेह में मार डालने की घटनाएं साल 2012 में घट कर 14 रह गयी हैं, जबकि वर्ष 2011 में ऐसी 29 घटनाएं हुई थीं. पिछले वर्षो के दौरान हजारों महिलाओं का अपहरण किया गया. महिलाओं के अपहरण के 19,902 मामले दर्ज किये गये, जिनमें से 14,488 अपहरण विवाह को लेकर हुए. अधिकारियों ने बताया कि अपहरण के आरोप में कुल 9,032 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 113 लोगों को जेल भेजा गया. पिछले आठ साल में गिरफ्तार किये गये कुल 14,285 लोगों में से अदालतों ने 1,729 को दोषी ठहराया, जबकि अन्य मामलों में सुनवाई जारी है.
महिला प्रकोष्ठ की स्थापना : राज्य के मुख्यमंत्री के विजन-2016 के तहत सभी जिला पुलिस थानों में 30 महिला प्रकोष्ठों की स्थापना की गयी. इन प्रकोष्ठों में महिला पुलिस कर्मियों के पर्याप्त संख्या में स्वीकृत पद हैं.