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हजार साल पहले किया था कैमरे का निर्माण
इब्ने अल-हैसम (वैज्ञानिक व चिकित्सक) जीवनकाल : 1 जुलाई, 965-6 मार्च, 1040 यह बात बहुत ही कम लोगों को मालूम होगी कि ‘कैमरा’ शब्द अरबी के अल-कुमरा (छोटी अंधेरी कोठरी) से बना है. 10 शताब्दियों पहले जन्म लेनेवाले एक मुसलमान विद्वान ने इसका आविष्कार किया था. उन्हीं की खोज के आधार पर बाद में वर्तमान […]
इब्ने अल-हैसम (वैज्ञानिक व चिकित्सक)
जीवनकाल : 1 जुलाई, 965-6 मार्च, 1040
यह बात बहुत ही कम लोगों को मालूम होगी कि ‘कैमरा’ शब्द अरबी के अल-कुमरा (छोटी अंधेरी कोठरी) से बना है. 10 शताब्दियों पहले जन्म लेनेवाले एक मुसलमान विद्वान ने इसका आविष्कार किया था. उन्हीं की खोज के आधार पर बाद में वर्तमान रूप में कैमरा बना.
उन्होंने एक अंधेरे कमरे में एक छेद किया हुआ था ताकि उससे प्रकाश अंदर आये और वह प्रकाश एवं आंख के बारे में शोध कर सकें. संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन यूनेस्को ने पेरिस में 19 जनवरी से शुरू हुए प्रकाश एवं दृश्य तकनीक के वर्ष के उद्घाटन समारोह में इस मुसलिम विद्धान को याद किया और उनके शोध कार्यो की सराहना की.
इस महान विद्वान एवं वैज्ञानिक का नाम इब्ने अल-हैसम है, जिनकी तसवीर इराक के केंद्रीय बैंक ने नोट पर भी छपवाया है. उनका नाम एक छोटे उपग्रह पर भी अंकित किया गया है, जिसकी खोज स्वीटजरलैंड के खगोलशास्त्री स्टीफानो स्पोजेटी ने 16 वर्ष पूर्व की थी. वैज्ञानिकों ने इब्ने हैसम की सराहना के उद्देश्य से इस उपग्रह का नाम ‘अलहाजेन’ रखा है.
अबू अली इब्ने हैसम का जन्म सन 965 में इराक के शहर बसरा में हुआ था. इतिहास में दर्ज है कि इब्ने अल-हैसम कभी भी अपना समय बरबाद नहीं करते थे और बहुत अध्ययन किया करते थे. उन्होंने इराक की राजधानी में चिकित्सा विज्ञान की तालीम प्राप्त की और चिकित्सक के रूप में सेवा शुरू की. वे आंख के महान चिकित्सक बने. उन्होंने तब नील नदी के पानी का कृषि में अधिकाधिक लाभ उठाने की भी विशेष व्यवस्था की. 75 वर्ष की आयु तक 237 किताबें लिखीं.
उनके शोध कार्यो को आज भी उपयोगी माना जाता है. इब्ने हैसम ही वह पहले वैज्ञानिक एवं चिकित्सक थे कि जिन्होंने पहली बार दुनिया में आंख का ऑपरेशन किया और उसके विभिन्न अंगों का उल्लेख किया. उन्होंने साबित किया था कि प्रकाश ठोस पदार्थ पर पड़ने के बाद आंख तक पहुंचता है और उसके परिणाम स्वरूप आंख उस चीज को देख सकती है. इसी दृष्टिकोण के आधार पर उन्होंने कैमरे के आविष्कार की नींव सैंकड़ों वर्ष पहले ही रख दी थी. उन्हीं की परिकल्पना पर आगे चल कर आधुनिक कैमरे का निर्माण संभव हो पाया.
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