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बड़ी वैक्सीन कंपनियों को चुनौती

– अगले साल भारत पूरी तरह से पोलियो मुक्त देश बन जायेगा. अब कोई नौनिहाल लंगड़ाते हुए नहीं दिखेंगे. इस खुशी के साथ एक और खुशी यह है कि अपने ही देश के साइरस पूनावाला पोलियो को खत्म करने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं. उनकी कंपनी ‘सेरम’ सस्ते दर पर आइपीवी वैक्सीन उपलब्ध कराने […]

– अगले साल भारत पूरी तरह से पोलियो मुक्त देश बन जायेगा. अब कोई नौनिहाल लंगड़ाते हुए नहीं दिखेंगे. इस खुशी के साथ एक और खुशी यह है कि अपने ही देश के साइरस पूनावाला पोलियो को खत्म करने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं. उनकी कंपनी सेरमसस्ते दर पर आइपीवी वैक्सीन उपलब्ध कराने जा रही है. आइपीवी वैक्सीन ओरल डोज के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित है.


क्या
इस दुनिया से पोलियो का पूरी तरह से सफाया हो सकेगा? अगर ऐसा होता है, तो इसका कुछ क्रेडिट पुणे के अरबपति वैक्सीन निर्माता और घोड़ों के व्यवसायी 73 वर्षीय साइरस पूनावाला को जायेगा. वह सेरम इंस्टीटय़ूटके फाउंडर और सीइओ हैं. हालांकि, उनका संस्थान ग्लैस्कोस्मिथलाइन, सैनोफीएवेंटिस, मर्क और नोवारेटिस जैसी यूरोप और अमेरिकी दिग्गज कंपनियों के सामने छोटा नाम है, पर यह जानना दिलचस्प होगा कि यह संस्थान खसरा (मिजल्स) और डीटीपी (डिप्थेरिया, टेटनस और परटुसिस) टीके बनाने में दुनिया में पहले स्थान पर है.

एक अनुमान के अनुसार, दुनिया भर में तीन में से दो बच्चे उनके फर्म में बने सेरमवैक्सीन लेते हैं. पूनावाला ने 1966 में लगभग एक लाख रुपये (तत्कालीन मूल्य पर, 12 हजार डॉलर) से सेरम इंस्टीटय़ूट की स्थापना की थी. उनके बिजनेस मॉडल का ही कमाल है कि बिल गेट्स जैसे उद्योगपति उनसे जुड़े. अधिक मात्र में उत्पादन (हाइवॉल्यूम) और कीमत को कम से कम रखना, यही उनकी रणनीति रही है.

पिछले साल गेट्स और पूनावाला की मुलाकात हुई. इस मीटिंग के बाद पूनावाला ने डच फार्मा कंपनी बिलथोवेन बायोलॉजिकल्स को खरीदने पर अपनी सहमति दिखायी. बिलथोवेन आइपीवी (इंजेक्टेबल पोलियो वैक्सीन) वैक्सीन बनाने वाली दुनिया की बड़ी कंपनियों में शामिल थी. इस टेकओवर के बाद सेरम दुनिया के बड़े आइपीवी वैक्सीन सप्लायरों में शामिल हो गया. अभी वर्तमान में सैनोफी और ग्लैस्कोस्मिथलाइन आइपीवी वैक्सीन के बड़े उत्पादक हैं.

* ज्यादा सुरक्षित है आइपीवी : भारत ने पोलियो के खिलाफ लड़ाई में बड़ी सफलता हासिल की है. 1985 में जहां पोलियो के डेढ़ लाख से अधिक मामले थे, वहीं अगले साल यानी जनवरी 2014 में भारत पूरी तरह से पोलियो मुक्त भारत बन जायेगा. दो बूंद जिंदगी कीने करोड़ों बच्चों को पोलियो के वायरस से सुरक्षित किया.

हालांकि, ग्लैस्कोस्मिथलाइन और सैनोफी पास्चर जैसी कंपनियों ने ओपीवी (ओरल पोलियो वैक्सीन) को बहुत कम कीमत (0.10 डॉलर और 0.13 डॉलर) पर उपलब्ध कराया. पर यह जानना महत्वपूर्ण है कि ओपीवी के मुकाबले आइपीवी वैक्सीन ज्यादा सुरक्षित है. कारण है कि यह जिंदा वायरस को नहीं ढो सकता. दुर्भाग्य से आइपीवी वैक्सीन महंगा है. बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के अपूर्व माल्या कहते हैं कि आने वाले दिनों में 140 देश, जिसमें भारत भी शामिल है, आइपीवी वैक्सीन को अपनायेंगे. यह पोलियो को पूरी तरह से उखाड़ने में कारगर होगा.

* सस्ते दर उपलब्ध होगा आइपीवी : पूनावाला कहते हैं कि ये कंपनियां यूनिसेफ को प्रति डोज आइपीवी वैक्सीन को पांच डॉलर में बेचती हैं. पर सेरमइसे आधी कीमत यानी ढाई डॉलर में उपलब्ध करायेगा. यही नहीं पूनावाला इसे न्यूनतम दर 1.60 डॉलर प्रति डोज पर बेचने की योजना बना रहे हैं. वह इसे संभव बताते हुए कहते हैं कि यह संख्याओं का खेल है. यदि बड़े पैमाने पर वैक्सीन की खरीद की जाती है (जब अधिक से अधिक देश ओपीवी वैक्सीन से आइपीवी वैक्सीन की ओर मुड़ेंगे), तो इसे कम कीमत पर बेचना आसान हो जायेगा.

* कड़ी प्रतिस्पर्धा : पूनावाला मानते हैं कि प्रतिस्पर्धा कड़ी है. इसी साल अप्रैल में अबू धाबी में हुए ग्लोबल वैक्सीन समिट में भाग लेने से पहले सैनोफी ने बताया था कि वह अगले चार सालों में ओपीवी के 1.7 बिलियन डोज उपलब्ध करायेगा. ज्ञात रहे कि पिछले दो दशकों में सैनोफी ने यूनिसेफ को ओपीवी के पांच बिलियन डोज सप्लाइ किये थे. जिस तरह से सेरम अपनी योजना तैयार कर रहा है, उसी तरह दूसरी कंपनियां आगे की रणनीति तय कर रही हैं. सैनोफी को ही लें. ये कंपनियां उन देशों को तैयार करने में लगी हैं कि कैसे ओरल से इंजेक्टबल वैक्सीन की ओर मुड़ा जाये. सैनोफी में ग्लोबल वैक्निशन पॉलिसी के प्रमुख माइक वाटसन कहते हैं कि उनकी कंपनी ने इंडोनेशिया को आइपीवी के नि:शुल्क 1.5 मिलियन डोज सप्लाइ किये.

यह कंपनी का डोनेशन पार्ट है, ताकि यह अध्ययन किया जा सके कि उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में वैक्सीन कितना असरदार रहता है. सैनोफी आइपीवी प्रोडक्शन बढ़ाने की योजना पर भी काम कर रहा है. पूनावाला कहते हैं कि कम कीमत पर वैक्सीन उपलब्ध कराने पर निश्चित रूप से बड़ी कंपनियों में प्रतिस्पर्धा होगी. पर यही एक तरीका है जिससे वैक्सीन की कीमत कम की जा सकती है.

– साइरस पूनावाला

* भारत के 20 वें सर्वाधिक धनवान व्यक्ति

* सेरम इंस्टीटय़ूट के फाउंडर और सीइओ

* विश्व की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी है सेरम

* खसरा और डीटीपी टीके बनाने में दुनिया में नंबर वन कंपनी

* दुनिया में हर तीन में से दो बच्चे लेते हैं सेरम के बने डोज

* सेरम सस्ते दर उपलब्ध करायेगी आइपीवी वैक्सीन

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