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पांचवीं सिविल सेवा परीक्षा: दो साल में भी पूरी नहीं हो सकी प्रक्रिया, आठ माह से लटकी है मुख्य परीक्षा

रांची: झारखंड गठन के 15 साल के बाद भी झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की ओर से अब तक सिर्फ चार सिविल सेवा परीक्षा ही ली जा सकी हैं. वहीं, 277 पदों पर नियुक्ति के लिए पांचवीं सिविल सेवा परीक्षा पिछले दो सालों में पूरी नहीं सकी है. इस परीक्षा के लिए आयोग ने 2013 […]

रांची: झारखंड गठन के 15 साल के बाद भी झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की ओर से अब तक सिर्फ चार सिविल सेवा परीक्षा ही ली जा सकी हैं. वहीं, 277 पदों पर नियुक्ति के लिए पांचवीं सिविल सेवा परीक्षा पिछले दो सालों में पूरी नहीं सकी है. इस परीक्षा के लिए आयोग ने 2013 से प्रक्रिया शुरू की थी. पर राज्य सरकार के एक फैसले के कारण पिछले आठ माह से मुख्य परीक्षा नहीं ली जा सकी है. मुख्य परीक्षा में शामिल होनेवाले 3798 उम्मीदवार अब तैयारी छोड़ कर धरना-प्रदर्शन में लग गये हैं.
अंतिम समय में स्थगित कर दी परीक्षा : झारखंड लोक सेवा आयोग ने 16 जून 2014 से पांचवीं सिविल सेवा मुख्य परीक्षा लेने की पूरी तैयारी कर ली गयी थी. पर परीक्षा से दो दिन पहले तत्कालीन सरकार ने पीटी परीक्षा के परिणाम में गड़बड़ी की शिकायत मिलने की बात कह इसे स्थगित कर दिया. कई अभ्यर्थियों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से शिकायत की थी कि प्रारंभिक परीक्षा में सामान्य कोटि व पिछड़े वर्ग के लिए कट-ऑफ मार्क्‍स एक ही यानी 138 रखा गया है, जो गलत है.
अभ्यर्थियों ने यह शिकायत भी की कि इस परीक्षा में आरक्षण नीति का पालन नहीं किया गया है. आनन-फानन में राज्य सरकार की ओर से कार्मिक विभाग ने 14 जून 2014 को आयोग को पत्र भेज कर स्थिति स्पष्ट करने और जांच तक परीक्षा नहीं लेने का आग्रह किया. इसके बाद आयोग ने तत्काल परीक्षा स्थगित कर दी. हालांकि आयोग ने तत्कालीन सरकार को लिखित रूप से जवाब भी भेज दिया. इसमें आयोग ने स्पष्ट किया कि प्रारंभिक परीक्षा में किसी प्रकार की गलती नहीं हुई है. साथ ही आयोग ने पूर्व की सरकार को दो बार पत्र भेज कर मुख्य परीक्षा लेने का आग्रह किया था.
जेपीएससी
277 पदों पर नियुक्ति के लिए 3798 उम्मीदवार पढ़ाई छोड़ धरना-प्रदर्शन में जुटे
16 जून 2014 से होनेवाली थी मुख्य परीक्षा, पर दो बार स्थगित कर दी गयी
जेपीएससी ने 15 साल में लिये हैं सिर्फ चार सिविल सेवा परीक्षा
पूर्व की सरकार ने नहीं लिया निर्णय
प्रारंभिक परीक्षा 15 दिसंबर 2013 को ली गयी थी. इसमें 70 हजार उम्मीदवार शामिल हुए थे. रिजल्ट 12 फरवरी 2014 को जारी कर दिया गया
प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण 3798 उम्मीदवारों के लिए आयोग ने 16 जून 2014 को मुख्य परीक्षा आयोजित करने की घोषणा की. तैयारी भी पूरी कर ली गयी, लेकिन आरक्षण, कट ऑफ मार्क्‍स आदि को लेकर कुछ उम्मीदवारों ने तत्कालीन सरकार से शिकायत की थी
परीक्षा से दो दिन पहले 14 जून को कार्मिक विभाग ने आयोग को पत्र भेज कर स्थिति स्पष्ट करने और जांच तक परीक्षा नहीं लेने का आग्रह किया.
आयोग की ओर से पूर्व की सरकार को दो बार पत्र लिख कर परीक्षा लेने का आग्रह किया गया. पर तत्कालीन मुख्यमंत्री ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया. आयोग ने आरक्षण, कट ऑफ मार्क्‍स संबंधी शिकायत को गलत बताया था और नियमानुसार परीक्षा लिये जाने की बात कही थी
277 रिक्तियां
पद नाम संख्या
प्रशासनिक पद 91
पुलिस सेवा 41
वित्त सेवा 31
श्रम 20
जेल 09
लेबर सुपरिटेंडेंट 07
प्रोवेशन ऑफिसर 29
उत्पाद निरीक्षक 08
नियोजन सेवा 26
सामाजिक सुरक्षा 15
छठी सिविल सेवा परीक्षा भी अटकी
पांचवीं सिविल सेवा परीक्षा पूरी नहीं होने के कारण छठी सिविल सेवा परीक्षा भी अटक गयी है. आयोग के पास छठी सिविल सेवा परीक्षा के लिए अब तक लगभग 71 पदों की रिक्तियां मिल गयी हैं.
जेपीएससी ने कार्मिक विभाग को अपनी स्थिति स्पष्ट करा दी है. विभाग से दिशा-निर्देश मिलते ही मुख्य परीक्षा आयोजित करा ली जायेगी. आयोग इसके लिए पूर्व में ही आग्रह कर चुका है.
विवेक नारायण, परीक्षा नियंत्रक, जेपीएससी
एक उम्मीदवार: परीक्षा की आस में उम्र ही निकल जायेगी
‘‘चौथी सिविल सेवा में कुछ अंक के कारण चयन होने से वंचित रह गया. अब पांचवीं में मुख्य परीक्षा देने तक पहुंचा, तो पिछले आठ माह से आस लगाये बैठे हैं. लगता है कि एक ही परीक्षा में उम्र निकल जायेगी. ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार को प्रशासनिक अधिकारियों की जरूरत नहीं है. इसलिए तो 15 सालों में सिर्फ चार ही परीक्षाएं हो पायी हैं. मुख्य परीक्षा के बाद साक्षात्कार लिया जाना बाकी है.
अजय कुमार

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