पटना. कहीं दुल्हन बड़ी, तो कहीं दूल्हा बड़ा. कोई शादी की कसमें खा रहा, तो कोई शादी बचाने की गुहार. जी हां, बुधवार को दो अलग-अलग जगहों पर कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला. एक ओर जहां 22 का दूल्हा और 38 की दुल्हन रही, तो दूसरी ओर 41 का दूल्हा, तो 18 साल की दुल्हन थी. पहला मामला जिला निबंधन कार्यालय का है, जहां अधेड़ दूल्हे ने आधी उम्र की लड़की से शादी रचायी. वहीं दूसरा मामला महिला आयोग का है, जहां कम उम्र के लड़के की शादी अधिक उम्र की लड़की से कराने का मामला दर्ज किया गया.
मियां-बीवी राजी तो क्या करेगा काजी
रजिस्ट्रार के समक्ष दानापुर निवासी अनिल और युवती ने जैसे ही एक दूसरे को पति-पत्नी मान कसमें खाने पहुंचे. वैसे ही रजिस्ट्रार की नजर उस जोड़े पर गयी. शपथ पत्र को पढ़ने पहले ही रजिस्ट्रार ने लड़के की उम्र की पूछताछ की. इस पर लड़के ने अपनी उम्र 41 वर्ष बताया. वहीं लड़की की उम्र 18 वर्ष. लड़की की कम उम्र को देखते हुए रजिस्ट्रार ने लड़के को बाहर भेज लड़की से अकेले में पूछताछ की. इस पर लड़की ने बताया कि दोनों लगभग तीन वर्ष से एक-दूसरे को जानते हैं. उसने यह भी बताया कि लड़का का अपना दवा का व्यवसाय है और वह अभी इंटर की पढ़ाई कर रही है. रजिस्ट्रार ने दोनों के प्रमाणपत्रों की जांच कर सही-सही पाये जाने के बाद शादी की मुहर लगा दी. वहीं दूल्हे ने बताया कि प्यार जाति-बंधन, ऊंच-नीच और उम्र को नहीं मानता. वहीं पूनम ने बताया कि हम एक-दूसरे बेहद प्यार करते हैं. हमेशा साथ रहना चाहते हैं.
आयोग ने समझाया, तो लड़के ने माना
बिहटा निवासी 22 वर्षीय विनोद अपनी पत्नी की उम्र को देखते हुए उसे रखना नहीं चाहता. इससे उसकी 38 वर्षीया पत्नी आयोग के समक्ष अपनी शादी बचाने की गुहार लगा रही है. उसने बताया कि इनके सिवा मेरा इस दुनिया में कोई नहीं है. उसने बताया कि मुङो पति रखना नहीं चाहते. मुङो मार कर भगा देते हैं. आयोग की सदस्या रीना ने विनोद से पूछताछ की. विनोद ने बताया कि मेरी शादी बचपन में कर दी गयी थी. ऐसे में अपने से दोगुनी उम्र की पत्नी के साथ कैसे रह सकता हूं. सदस्या ने विनोद को सामाजिक दायित्व व कानूनी रूप से पत्नी की जिम्मेवारियों को समझाते हुए उसे घर ले जाने की बात कही. इस पर वह पत्नी को अपने साथ ले जाने को राजी हो गया. आयोग ने 27 जनवरी को उसके मायके से उसे विधि-विधान से ससुराल ले जाने का निर्देश दिया. रीना ने बताया कि दोनों की मैचिंग जोड़ी नहीं होने से परेशानी है.