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बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे अंगद महतो

रांची. बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी स्व अंगद महतो की जयंती 20 जनवरी को मनायी जायेगी. अंगद महतो की पहचान अधिवक्ता, खिलाड़ी, लोक कलाकार व साहित्यकार के रूप में थी. अंगद महतो का जन्म रांची जिला के सिल्ली प्रखंड (कोंचो गांव) में एक कृषक परिवार में 20 जनवरी 1938 को हुआ था. बचपन में ही इनकी […]

रांची. बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी स्व अंगद महतो की जयंती 20 जनवरी को मनायी जायेगी. अंगद महतो की पहचान अधिवक्ता, खिलाड़ी, लोक कलाकार व साहित्यकार के रूप में थी. अंगद महतो का जन्म रांची जिला के सिल्ली प्रखंड (कोंचो गांव) में एक कृषक परिवार में 20 जनवरी 1938 को हुआ था. बचपन में ही इनकी माता का निधन हो गया. जिसके बाद पिता बाला महतो एवं दादी ने ही इनका पालन पोषण किया. आर्थिक अभावों के बावजूद इन्होंने अपनी पढ़ाई को जारी रखा. उनकी प्रारंभिक शिक्षा प्राथमिक स्कूल सिंगपुर सिल्ली में हुई. फिर माध्यमिक शिक्षा आजाद हाई स्कूल सिल्ली से पूरी की.

1955 में उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा पास की. फिर वे रांची आ गये. रांची कॉलेज से उन्होंने स्नातक (बीए) की परीक्षा पास की. जिसके बाद 1963 में छोटानागपुर विधि महाविद्यालय से बीएल (स्नातक) की उपाधि प्राप्त की. 1967 से उन्होंने वकालत शुरू की. अल्प काल में ही उन्होंने आपराधिक कानून के नामी अधिवक्ता के रूप में पहचान बनायी. 1978 में ये अपर लोक अभियोजक बने. साथ ही इन्हें विशेष लोक अभियोजक, मंत्रिमंडल निगरानी विभाग का अतिरिक्त प्रभार भी मिला. 1991 में सरकार ने इन्हें लोक अभियोजक (पीपी) नियुक्त किया. इन्होंने जबरदस्त अभियोजन शैली से सरकार के पक्ष में कई चर्चित मामलों में फैसले कराये.

अंगद महतो का व्यक्तित्व बहुआयामी था. वे फुटबॉल और बैडमिंटन के अच्छे खिलाड़ी थे. छात्र जीवन में सिल्ली की प्रसिद्ध फुटबॉल टीम केकेएफसी के अच्छे खिलाड़ी थे. 1957 में आकाशवाणी केंद्र रांची की स्थापना के बाद कुरमाली लोक संगीत के प्रथम कलाकार रहे. अंगद महतो छऊ नृत्य के कुशल नर्तक भी थे.

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