लेकिन अत्यधिक वेसरा हो जाने के कारण चूहों के आगे कॉलेज प्रबंधन भी बेबस है. वेसरा जार में लगे कई स्टीकर को चूहे ने कुतर डाला है. इससे यह पता करना मुश्किल हो गया है कि यह वेसरा किसका है? कॉलेज प्रबंधन कई बार एसएसपी और पुलिस विभाग को पत्र लिख कर मेडिकल कॉलेज में रखे वेसरा के निष्पादन का अनुरोध कर चुका है. लेकिन भागलपुर पुलिस इस पर कभी गंभीर नहीं हुई.
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रिपोर्ट चाहिए छोटू की, मिलेगी मोटू की
भागलपुर: जिले में करीब पांच हजार मौतों का राज दफन हो रहा है. जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में पांच हजार वेसरा (मानव के भीतर का अलग-अलग अंग) जांच के लिए कई वर्षो से पड़ा हुआ है. इसकी जांच न होने से मौत के राज का खुलासा नहीं हो पा रहा है. कई वेसरा तो […]
भागलपुर: जिले में करीब पांच हजार मौतों का राज दफन हो रहा है. जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में पांच हजार वेसरा (मानव के भीतर का अलग-अलग अंग) जांच के लिए कई वर्षो से पड़ा हुआ है. इसकी जांच न होने से मौत के राज का खुलासा नहीं हो पा रहा है. कई वेसरा तो 5 से 10 साल पुरानी है. कॉलेज प्रबंधन तो इन्हें काफी सहेज कर रख रहा है.
तीन माह बाद पता करना मुश्किल
जानकारों का कहना है कि वेसरा जब्त होने के तीन माह के भीतर अगर जांच नहीं होती है तो उसकी सेंसिटिविटी खत्म हो जाती है. ऐसे में यह पता करना बेहद मुश्किल हो जाता है कि मौत की क्या वजह है. लेकिन पुलिस को इन बातों से कोई सरोकार नहीं है. महीना, वर्ष और सालों गुजर चुके हैं, लेकिन पांच हजार वेसरा की जांच नहीं हो पायी है. मौत का कारण स्पष्ट नहीं होने से केस का भी निष्पादन नहीं हो पाता है.
क्या है वेसरा
वेसरा मानव के भीतर के कई अंगों को कहा जाता है. इसमें फेफड़ा, लीवर, स्पीलीन, स्टोमेक, किडनी आता है. इन सभी को मिला कर वेसरा कहा जाता है. जहर से होने वाली मौतों में वेसरा जांच से ही मौत के राज खुलासा होता है. पोस्टमार्टम के बाद अगर मौत के राज का खुलासा नहीं होता है तो वेसरा जब्त कर केमिकल में रखा जाता है. जिसे न्यायालय के आदेश पर पुलिस जांच के लिए विधि-विज्ञान प्रयोगशाला पटना ले जाती है.
जांच के लिए पुलिस करती है पहल
अमूमन जहर से हुई मौतों में पोस्टमार्टम के बाद मौत के कारण पता करने के लिए वेसरा को जब्त किया जाता है. वेसरा जांच के लिए केस के आइओ को पहल करनी पड़ती है. आइओ कोर्ट में लिख कर देते है कि मौत का कारण पता करने के लिए वेसरा जांच जरूरी है. इसके बाद कोर्ट इसकी अनुमति देगा तो वेसरा जांच में जायेगा. लेकिन जिस अनुपात में वेसरा को डॉक्टर जब्त करते है, उस अनुपात में पुलिस उसकी जांच नहीं कराती है.
अगर ऐसी बात है तो संबंधित थाने और आइओ को निर्देश दिया जायेगा कि वे अपने-अपने केस से जुड़े वेसरा के निष्पादन की पहल करे. मेडिकल कॉलेज प्रबंधन से भी मामले की जानकारी लेंगे. हालांकि मेडिकल कॉलेज की ओर से वेसरा निष्पादन से संबंधित कोई पत्र नहीं मिला है. फिर भी मामले की जांच करा कर वेसरा के जांच व निष्पादन की पहल की जायेगी.
विवेक कुमार, एसएसपी
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