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खुशखबरी: बेघर महिलाओं के लिए बनेगा शॉर्ट स्टे होम

जमशेदपुर: महिला पीड़ितों के लिए शहर में शॉर्ट स्टे होम बनाने की पहल की जा रही है. चिल्ड्रेन वेलफेयर कमेटी एवं समाज कल्याण विभाग के संयुक्त प्रयास से जनवरी के अंत तक इसे शुरू करने की तैयारी है. सरकारी जमीन व सुविधा प्राप्त नहीं होने के कारण सुंदरनगर स्थित महिला कल्याण समिति में शॉर्ट स्टे […]

जमशेदपुर: महिला पीड़ितों के लिए शहर में शॉर्ट स्टे होम बनाने की पहल की जा रही है. चिल्ड्रेन वेलफेयर कमेटी एवं समाज कल्याण विभाग के संयुक्त प्रयास से जनवरी के अंत तक इसे शुरू करने की तैयारी है. सरकारी जमीन व सुविधा प्राप्त नहीं होने के कारण सुंदरनगर स्थित महिला कल्याण समिति में शॉर्ट स्टे होम (वूमेन शेल्टर) बनाने की तैयारी चल रही है.

शॉर्ट स्टे होम में 18 साल से कम उम्र की पीड़ित बालिकाओं को रखा जायेगा. समाज कल्याण विभाग की ओर से रहने वालों को भोजन के लिए 140 रुपये प्रतिदिन दिया जायेगा. वहीं ससुराल से प्रताड़ित ऐसी महिलाएं, जिनके रहने का स्थान नहीं है उन्हें भी इस शेल्टर होम में रखने पर विचार किया जा रहा है. समाज कल्याण महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक पूजा सिंघल ने तीन-चार माह पूर्व हिंसा की शिकार महिलाओं के अस्थायी शरण एवं अन्य तरह की सुविधा उपलब्ध करने के लिए जिले में शॉर्ट स्टे होम एवं निर्भया केंद्र की स्थापित रने का निर्देश दिया था.

सात पीड़ितों को मिला है समिति में शरण

अब तक करीब सात पीड़िताओं को महिला कल्याण समिति (सुंदरनगर) में शरण मिला है. शहर में वूमेन शेल्टर नहीं होने के कारण नाबालिग पीड़िता व महिला को समिति में शरण दी गयी. समाजसेवी व वीमेंस सेल की सदस्य अंजलि बोस द्वारा संचालित महिला कल्याण समिति में सरकारी योजनाओं के तहत महिलाओं को स्वरोजगार का प्रशिक्षण दिया जाता है. इसके साथ ही स्कूल का संचालन किया जाता है.

पीड़ित महिलाओं की जरूरत है शॉर्ट स्टे होम : अंजलि

वीमेंस सेल की सदस्य अंजलि बोस ने बताया कि हिंसा या घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं के लिए शहर में शॉर्ट स्टे होम की आवश्यकता है. पिछले दिनों खरसावां की एक महिला ने ससुराल वालों पर मामला दर्ज कराया. महिला को मायके वाले रखना नही चाहते हैं, ऐसी स्थिति में महिला कहां रहे यह समस्या उत्पन्न हो गयी. इस तरह के अनेकों मामले सामने आ रहे हैं. ऐसी महिलाओं के लिए शॉर्ट स्टे होम बनाने की आवश्यकता है.

देश के बड़े शहरों में है शॉर्ट स्टे होम

दिल्ली, मुंबई, चेन्नई जैसे महानगरों में शॉर्ट स्टे होम बनाया गया है. वहां पीड़ित महिलाएं कुछ दिनों तक ठहर सकती हैं. शॉर्ट स्टे होम में काउंसिलर के साथ-साथ, महिला चिकित्सक एवं महिला अधिवक्ता जुड़ी होती हैं, जो महिलाओं को हर स्तर पर सहयोग करती हैं. जरूरत पड़ने पर उसके रिश्तेदार व पति को भी कांउसिलिंग कर स्थिति में सुधार लाने की कोशिश की जाती है. महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए शॉर्ट स्टे होम में प्रशिक्षण भी दिया जाता है.

‘‘ शॉर्ट स्टे होम बनाने के लिए समाज कल्याण पदाधिकारी से विचार विमर्श किया गया है. सरकारी सहयोग के बिना यह काम अधूरा है. जिला प्रशासन से लेकर अन्य संबंधित कार्यालय में पत्रचार की प्रक्रिया पूरी की जा रही है. इसके लिए शीघ्र मुख्यमंत्री से मिलेंगे .

– प्रभा जायसवाल, सदस्य, चाइल्ड वेलफेयर कमीशन.

हर दिन प्रताड़ना के मामले आते हैं : संगीता

कोर्ट में हर दिन मायके या ससुराल से पीड़ित महिलाओं के एक से दो केस आते हैं. साथ ही महिलाओं से जुड़े अन्य मामले भी आते हैं, जब महिलाओं को घर से बेघर होना पड़ता है. उनके लिए शॉट स्टे होम बनना जरूरी है.

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