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Charlie Hebdo : हर मिनट एक कार्टूनिस्ट का नाम लेकर बुलाते और गोली मार देते

‘शार्ली एब्दो’ के दफ्तर पर हुए आतंकी हमले में 10 पत्रकारों समेत 12 लोगों की मौत हो गयी. इसमें प्रमुख संपादक स्टीफन शाबरेनियर समेत फ्रांस के चार मशहूर कार्टूनिस्ट शामिल थे. पत्रिका में करनेवाली महिला कार्टूनिस्ट 47 वर्षीय कॉरेन रे ने इस हत्याकांड का आंखों देखा हाल बयां किया है. कॉरेन ने बताया, ‘मैं अपनी […]

‘शार्ली एब्दो’ के दफ्तर पर हुए आतंकी हमले में 10 पत्रकारों समेत 12 लोगों की मौत हो गयी. इसमें प्रमुख संपादक स्टीफन शाबरेनियर समेत फ्रांस के चार मशहूर कार्टूनिस्ट शामिल थे. पत्रिका में करनेवाली महिला कार्टूनिस्ट 47 वर्षीय कॉरेन रे ने इस हत्याकांड का आंखों देखा हाल बयां किया है. कॉरेन ने बताया, ‘मैं अपनी बेटी को किंडरगार्टन से वापस लेकर दफ्तर पहुंची थी उसी समय आधुनिक हथियारों से लैस दो हमलवारों से मेरा सामना हुआ.

वे सिर से पांव तक काले कपड़ों से ढंके थे. उनके चेहरे पर नकाब था. उन्होंने मुङो धमकी देते हुए कहा कि वे लोग संपादकीय दफ्तर में घुसना चाहते हैं. उन्हें सिक्युरिटी कोड चाहिए. अगर कोड नहीं दिया, तो वे उसकी बेटी को मार देंगे. दफ्तर में जाने के लिए मुझसे कोड जबरदस्ती टाइप करवाया गया. मैं अपनी बेटी को लेकर डेस्क के नीचे छिप गयी, जहां मेरे दो साथी वॉलिंस्की और केबू की लाशें पड़ी थीं.

अगले पांच मिनट तक गोली चलती रही. मैं डर के मारे बेटी को सीने से चिपकाए डेस्क के नीचे ही रही. दोनों हमलवार धाराप्रवाह फ्रेंच बोल रहे थे. मुङो यकीन है कि दोनों फ्रांसीसी थे. हमलावरों ने कहा कि उन्होंने पैगंबर के अपमान का बदला ले लिया. उन्होंने खुद को अलकायदा का सदस्य भी बताया. वे लोग हर मिनट एक कार्टूनिस्ट को नाम लेकर बुलाते और उन्हें गोली से भून देते.

मैं हूं शार्ली एब्दो

पेरिस में रात का तापमान शून्य से भी कम है. लेकिन पत्रिका पर हमले के बाद लोगों का खून उबल रहा है. बुधवार की रात रिपब्लिक स्क्वायर पर एक लाख से अधिक लोग जुट गये. सबके हाथों में मोमबत्ती और तख्तियां थीं. ये लोग मैं हूं शार्ली.. मैं हूं शार्ली.. मैं हूं शार्ली.. के नारे लगा रहे थे. कुछ लोग ‘नहीं डरें’ के बोर्ड भी लिये थे. ‘शार्ली एब्दो’ पत्रिका पर हमले के विरोध में फ्रांस की राजधानी पेरिस समेत दुनिया के कई शहरों में लोगों ने मौन जुलूस निकाला. फ्रांस के कुछ अखबारों ने शार्ली एब्दो के साथ एकजुटता दिखाते हुए पत्रिका के कुछ कार्टूनों को भी प्रकाशित किया.

‘शार्ली एब्दो’ का आखिरी ट्वीट

हमले से कुछ देर पहले अखबार ‘शार्ली एब्दो’ के ट्विटर अकाउंट से किया गया आखिरी कार्टून मीडिया में चर्चा का विषय है. अखबार के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर ट्वीट किये गये इस कार्टून में चरमपंथी आतंकी संगठन आइएसआइएस के नेता अबु बकर अल-बगदादी को दिखाया गया है. इस कार्टून के कैप्शन में लिखा है, ‘बेस्ट विशेज, टु यू टू अल-बगदादी.’ (आप सभी को शुभकामनाएं, अल-बगदादी तुम्हें भी). इसके जवाब में कार्टून में बगदादी को कहते हुए दिखाया गया है, ‘एंड स्पेशली गुड हेल्थ’ (और खासकर अच्छी सेहत के लिए).

संभावित हमले को लेकर कार्टून

पत्रिका के इस हफ्ते के अंक में एक कार्टून प्रकाशित हुआ था. इसमें कहा गया था, ‘फ्रांस में हाल में कोई हमला नहीं हुआ है.’ लेकिन कार्टून का एक पगड़ीधारी चरित्र, जिसकी पीठ पर क्लाशिनकोव बंदूक है, कह रहा है, ‘इंतजार करो- शुभकामनाएं देने के लिए हमारे पास जनवरी तक का वक्त है.’ फ्रांस में जनवरी के अंत तक नये साल की बधाई देने का रिवाज है.

क्या महज संयोग है?

फ्रांसीसी मीडिया में कुछ जगहों पर इस बात की आशंका जतायी जा रही है कि पत्रिका का ट्विटर अकाउंट हैक कर लिया गया था. इस कार्टून पर पत्रिका के मशहूर कार्टूनिस्ट होनोरे के हस्ताक्षर हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है यह कार्टून उन्होंने ही बनाया था या किसी और ने?

इसलामी देशों ने की निंदा

अरब लीग और अल-अजहर : सुन्नी इसलामियों के महत्वपूर्ण केंद्र अरब लीग और अल-अजहर ने हमले की निंदा की. एक बयान में कहा, ‘अरब लीग प्रमुख नबील अल-अरबी पत्रिका पर हुए हमले की भर्त्सना करता है. इसलाम में किसी भी तरह की हिंसा की जगह नहीं है.

सऊदी अरब : सऊदी प्रेस एजेंसी के मुताबिक, सऊदी अरब सरकार ने फ्रांसीसी पत्रिका के दफ्तर पर हुए हमले की आलोचना की है और कहा है कि सऊदी अरब चरमपंथियों की इस कायरतापूर्ण कार्रवाई की निंदा करता है. इसलाम या कोई भी दूसरा धर्म इन बातों की इजाजत नहीं देता.

कतर : खाड़ी देश कतर ने पेरिस हमले को चरमपंथी हमला बताया है और इसकी कड़ी आलोचना की है. विदेश मंत्रलय की ओर जारी बयान में कहा गया है कि निहत्थे नागरिकों को निशाना बनानेवाली ऐसी कोई भी कार्रवाई सभी सिद्धांतों और मानवीय मूल्यों के खिलाफ है.

ईरान : ईरान सरकार ने हमले को पूरी तरह से निंदनीय बताया है. विदेश मंत्रलय के प्रवक्ता मरजेह अफखम ने कहा कि निदरेष लोगों पर की जानेवाली सभी कार्रवाई इसलाम के सिद्धांत और सीख के विपरीत है. उन्होंने हमले को कट्टरपंथ की लहर का हिस्सा बताया.

इराक : इराक के प्रधानमंत्री हैदर अल-अबादी ने पत्रिका पर हुए हमले की आलोचना की और कहा कि इससे चरमपंथियों के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इससे साबित हो जाता है कि आतंकवाद से न केवल इराक, बल्कि पूरी दुनिया को खतरा है.

जॉर्डन : जॉर्डन सरकार ने कहा कि यह हमला इसलाम के उसूलों और मूल्यों पर हमला है. उन्होंने आगे कहा कि जॉर्डन, हमले में मारे गये लोगों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना जाहिर करता है.

इंडोनेशिया : इंडोनेशिया सरकार ने कहा है कि इंडोनेशिया सरकार फ्रांसीसी सरकार के साथ है और वह हमले के दोषियों को पकड़ने के प्रयासों में हर संभव मदद करेगी.

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