सेंट्रल डेस्क
सन 2014, उद्यमिता पर लिखी गयी किताबों के लिए खास रहा. इस साल इस विषय पर थोक में किताबें लिखी गयीं. इनमें से दस बेहतरीन किताबों को चुना रेडिफ डॉट कॉम ने. जो आपके भीतर छिपे उद्यमी को प्रेरित करेंगी और आपके सपनों को हकीकत में बदलने में मदद करेंगी. इन किताबों में नये कारोबार के लिए सलाह, उद्यमी बनने की आकांक्षा रखनेवालों के लिए गुर, भारत में नव-प्रवर्तन का आकलन, विभिन्न उद्यमियों की केस स्टडी, निवेशकों के लिए दिशा-निर्देश वगैरह शामिल है.
1. स्टार्टअप लीडरशिप
एक उद्यमी अपनी व्यक्तिगत दृष्टि को हकीकत में बदलने का लक्ष्य लेकर चलता है. वहीं एक अगुवा अलग-अलग लोगों की जरूरतों और विचार को एकजुट कर एक विजयी टीम बनाने की कोशिश करता है. लिडो इस किताब में बताते हैं कि कैसे इन दोनों के बीच संतुलन बना कर उद्यमिता का अगुवा बना जा सकता है. यह किताब दावा करती है कि आप इससे यह सीख सकते हैं कि कैसे अपने विचारों को एक सफल उद्यम में बदल सकते हैं.
2. थिंग्स अ लिटिल बर्ड टोल्ड मी : कन्फेशन्स ऑफ द क्रिएटिव माइंड (लेखक-बिज स्टोन)
18 अध्यायों और 224 पन्नों की इस किताब में, ट्विटर के सह-संस्थापक ने अपने जीवन और कैरियर की उन अहम कहानियों को पाठकों के साथ साझा किया है. उन्होंने जिंदगी के उन सबकों के बारे में भी बताया है जिनसे उन्हें कामयाबी का सफर तय करने में मदद मिली.
3. स्टार्टअप बोर्डस (लेखक बाड फेल्ड व महेंद्र रामसिंहानी)
किसी आरंभिक उद्यम (स्टार्टअप) की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि वह कितनी मजबूत टीम बनाता है. कोलोरेडो के उद्यमी और उद्यमों में पूंजी लगानेवाले (वेंचर कैपिटलिस्ट) ब्राड फेल्ड इस किताब में बताते हैं कि टीम में सही बोर्ड मेंबर रखना अहम क्यों है. और उन्हें सही ढंग से कैसे निखारा और प्रबंधित किया जाये, ताकि वे कंपनी के लिए बेहतर काम कर सकें.
4. जीरो टू वन : नोट्स ऑन स्टार्टअप्स, ऑर हाउ टू बिल्ड द फ्यूचर (लेखक – पीटर थाइल)
उद्यमी और निवेशक पीटर थाइल के मुताबिक, अगर आप किसी ऐसी चीज में जो पहले से है, सर्वश्रेष्ठ करना चाहते हैं, तो आप अपने प्रदर्शन का मान एक से लेकर किसी भी संख्या तक ले रहे हैं. वहीं, अगर आप नया तजुर्बा करने जा रहे हैं, नयी जमीन तलाश रहे हैं, तो आप यह मान शून्य से एक ले रहे हैं. इस किताब में थाइल ने नव-प्रवर्तन (इन्नोवेशन) के महत्व और उससे सफलता में मिलनेवाली मदद के बारे में समझाया है.
5. फस्र्ट टाइम लीडर (लेखक – जॉर्ज ब्रॉट और गिलियन डेविस)
अगुवाई करनेवाले पैदा नहीं होते, गढ़े जाते हैं. यह किताब युवा, महत्वाकांक्षी, पहली बार अगुवा बने लोगों को बताती है कि किस तरह वह हुनर विकसित करें जो लोगों की टीम की अगुवाई करने में मदद करेगा. इस किताब में अनुभवी नेतृत्वकर्ताओं के बहुत से उदाहरण और कहानियां मौजूद हैं.
6. बिग डाटा वर्क (लेखक – टॉम डेवेनपोर्ट)
वह क्या चीज है, जो बिग डाटा को सदी का सबसे आकर्षक जॉब बनाता है? सबसे ज्यादा बिकनेवाले लेखकों में शुमार डेवेनपोर्ट इस सवाल के जवाब में जो पाते हैं, उसे उन्होंने बहुत सहज तरीके से पाठकों के सामने रखा है.
7. लॉन्च! द क्रिटिकल 90 डेज फ्रॉम आइडिया टू मार्केट (लेखक – स्कॉट डफी)
जब रॉकेट दागा जाता है, तो अपना 97 फीसदी ईंधन पहले चरण में ही खर्च कर लेता है. इसी तरह जब आप एक आरंभिक उद्यम लॉन्च करते हैं, तो शुरुआती कुछ कदम और फैसले आपकी पूरी यात्र का भविष्य तय कर देते हैं. इसी से तय हो जाता है कि आप सफल होंगे या विफल. इस किताब में डफी बताते हैं कि आप विचार आने से लेकर उसे हकीकत में बदलने तक – शुरुआती तीन महीनों पर फोकस कर अपने आरंभिक उद्यम को अधिकतम-संभव गति दे सकते हैं.
8. द कोड हालोस (लेखक – मैल्कॉम फ्रैंक, पॉल रोहरिग और बेन प्रिंग)
हम सब जानते हैं कि डिजिटल सूचनाएं एक कीमती जिन्स है. आप जितनी बार क्लिक, स्वाइप, लाइक और कमेंट करते हैं, आप एक अदृश्य ताकत में इजाफा करते हैं. इसे ‘कोड हालो’ भी कहा जाता है. इस डिजिटल सूचना के पास ही वह कुंजी है कि भविष्य में कितने सशक्त कारोबार खड़े या कायापलट कर गढ़े जा सकते हैं. यह किताब इसी कोड हालो की ताकत से पाठकों को वाकिफ कराती है.
9. अ नेवर-बिफोर वर्ल्ड : ट्रैकिंग द इवॉल्यूशन ऑफ कंज्यूमर इंडिया (लेखक – रमा बीजापुरकर)
यह आर्थिक उदारीकरण के बाद तीसरा दशक है. आज भारतीय उपभोक्ताओं के लिए बाजार का क्या मतलब है? बाजार इससे पहले कभी इस तरह ग्लोबली कनेक्टेड नहीं था और न ही वर्तमान और अपने प्राचीन अतीत से इस तरह जुड़ा था. बीजापुरकर इस किताब में कारोबारियों और उद्यमियों को यह सलाह देती हैं कि सिर्फ इस बात पर ध्यान केंद्रित न करें कि लोगों के पास कितना पैसा है. बल्कि उनकी आकांक्षाएं, उनका दर्द, समाज के लिए प्रासंगिकता वगैरह भी देखें.
10. एंजेल इंवेस्टिंग : द गस्ट गाइड टू मेकिंग मनी एंड हैविंग फन इन इंवेस्टिंग इन स्टार्टअप्स (लेखक – डेविड रोज)
आज की दुनिया उद्यमियों के लिए जन्नत है. क्योंकि ऐसे सयाने निवेशक मौजूद हैं जो देवदूत से कम नहीं. देवदूत निवेशक उन्हें कहा जाता है जो आरंभिक कारोबार में निवेश करते हैं. एक सुगठित एंजेल पोर्टफोलियो से सालाना 25 फीसदी तक रिटर्न कमाया जा सकता है. यानी, आरंभिक उद्यमों में निवेश मोटे मुनाफा भी दे सकता है.