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जो आपकी बुराई करें, उन्हें करने दें

दक्षा वैदकर दसवीं क्लास में पढ़नेवाली श्रुति ने अपनी समस्या बतायी है. वह लिखती हैं, ‘‘मैं अपनी क्लास की मॉनीटर हूं. पढ़ाई में अच्छी हूं और टीचर्स भी मुङो पसंद करते हैं. सारे बड़े प्रोग्राम्स में मैं टीचर्स का हाथ बंटाती हूं. क्लास में अधिकांश स्टूडेंट्स मुङो पसंद करते हैं, लेकिन कई क्लासमेट्स मुझसे नफरत […]

दक्षा वैदकर
दसवीं क्लास में पढ़नेवाली श्रुति ने अपनी समस्या बतायी है. वह लिखती हैं, ‘‘मैं अपनी क्लास की मॉनीटर हूं. पढ़ाई में अच्छी हूं और टीचर्स भी मुङो पसंद करते हैं. सारे बड़े प्रोग्राम्स में मैं टीचर्स का हाथ बंटाती हूं. क्लास में अधिकांश स्टूडेंट्स मुङो पसंद करते हैं, लेकिन कई क्लासमेट्स मुझसे नफरत करते हैं.
वे हमेशा पीठ पीछे मेरी बुराई करते हैं और मैं इग्नोर कर देती हूं. मम्मी-पापा कहते हैं कि भले ही कोई हमारे साथ कितना ही बुरा क्यों न करे, उसके साथ अच्छा ही बिहेव करो. इसलिए मैं इतना कुछ होने के बावजूद उन स्टूडेंट्स की मदद कर देती हूं. हर बार सोचती हूं कि अब वो सुधर जायेंगे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं होता. कुछ दिनों पहले मैंने क्लास के ब्लैकबोर्ड पर अपनी बुराई पढ़ी. उन्हीं बच्चों ने वह लिखी थी. हर बार मैं उनकी बातें इग्नोर कर देती हूं, लेकिन इस बार हद हो गयी है. मैं ब्लैकबोर्ड में लिखे वो शब्द भूल नहीं पा रही हूं. बहुत अपसेट हूं. मैं ऐसा क्या करूं कि सभी लोग मुङो पसंद करें, कोई मेरी बुराई न करे?’’
श्रुति, यह समस्या कई लोगों के साथ है. खासतौर पर ऐसे लोगों को इस तरह की बातों का सामना करना ही पड़ता है, जो किसी बड़े या महत्वपूर्ण पद पर हों. विभिन्न कंपनियों के बॉस इस समस्या का सामना रोजाना कर रहे हैं. उनके आधे कर्मचारी उनसे बेहद संतुष्ट हैं, उन्हें अपनी प्रेरणा बताते हैं और तारीफ करते नहीं थकते, तो आधे उनकी खूब बुराई करते हैं. जाहिर-सी बात है. जब आप बड़े पद होते हैं, तो कई लोग जलन की वजह से ऐसा करते हैं. इसलिए तुम डिप्रेस पर हो. इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं है.
श्रुति, कई बार हमें जिम्मेवारियों की वजह से, काम करवाने के लिए, माहौल को ठीक रखने के लिए कुछ लोगों के खिलाफ कड़े निर्णय लेने पड़ते हैं. मॉनीटर होने के नाते तुमने भी ऐसा किया होगा. जब हम ऐसा करते हैं, तो वे हमें नापसंद करने लगते हैं. इसमें कोई बड़ी बात नहीं है. तुम्हें यह समझना होगा कि हर इनसान को खुश नहीं रखा जा सकता. यदि हम किसी को भी नहीं डांटेंगे, सजा नहीं देंगे, सभी को आजाद छोड़ देंगे, तो आप अच्छे बॉस या मॉनीटर नहीं बन पायेंगे.
बात पते की..
अगर कोई आपकी बुराई करे, तो पहले चेक कर लें कि कहीं आपसे कोई गलती तो नहीं हुई है. अगर नहीं हुई है, तो फिर परेशान बिल्कुन न हों.
जब भी ऐसी बातों से परेशान हों, तो उन लोगों की लिस्ट बनायें, जो आपको पसंद करते हैं. आपकी तारीफ करते नहीं थकते. आप अच्छा महसूस करेंगे.

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