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.वरना एटीएम कार्ड ब्लॉक हो जायेगा

कोलकाता: मै आपके बैंक की तरफ से बैंक का अधिकारी बोल रहा हूं. नई इलेक्ट्रॉनिक तकनीक लागू होने के कारण हमारे बैंक के रिकार्ड को फिर से अपडेट किया जा रहा है, इसके कारण आप अपना पूरा नाम, अपने बैंक के एटीएम कार्ड का नंबर और कार्ड का पिन नंबर बतायें. सुरक्षा के लिहाज से […]

कोलकाता: मै आपके बैंक की तरफ से बैंक का अधिकारी बोल रहा हूं. नई इलेक्ट्रॉनिक तकनीक लागू होने के कारण हमारे बैंक के रिकार्ड को फिर से अपडेट किया जा रहा है, इसके कारण आप अपना पूरा नाम, अपने बैंक के एटीएम कार्ड का नंबर और कार्ड का पिन नंबर बतायें. सुरक्षा के लिहाज से इस जानकारी को पूरी तरह से गुप्त रखी जायेगी.

राह चलते आये दिन लोगों के मोबाइल में अनजान नाम व नंबर से कुछ इस तरह के फोन आ रहे हैं. फोन करनेवाला खुद को बैंक का अधिकारी बता कर ग्राहक को भरोसा हासिल करके उनसे एटीएम या क्रेडिट कार्ड का नंबर और उसका पिन नंबर हासिल करके बैंक से रुपये उड़ा लेता है. ग्राहकों के भरोसे को हासिल करने के लिए वह कहता है कि कुछ देर बाद एटीएम जाकर अपना पिन बदल लें, लेकिन जब तक ग्राहक अपना पिन बदले. इसके पहले उसके अकाउंट से 30 से 50 हजार रुपये निकाले जाने का मैसेज उसके मोबाइल में आ चुका होता है. बेलियाघाटा निवासी एक व्यापारी देवाशीष ठाकुर भी ऐसे गिरोह के शिकार हुए थे. उनके एकाउंट से 22 हजार रुपये उड़ा लिये गये थे.

उनके पास भी बैंक अधिकारियों के नाम से ऐसा ही कॉल आया था, कॉल के कटने के कुछ देर बाद एटीएम से रुपये निकाले जाने का मैसेज आया. उसके बाद उसने उन बैंक अधिकारियों के नंबर पर कई बार फोन किया, लेकिन नंबर बंद मिला. इसके बाद इसकी शिकायत बेलियाघाटा थाने में उसने दर्ज करायी. सिर्फ देवाशीष ही नहीं, महानगर के विभिन्न थाने में इस तरह से ठगे जाने की शिकायत दर्ज होने के कारण लालबाजार के बैंक धोखाधड़ी विभाग को इसकी जांच की जिम्मेदारी सौंपी गयी. ग्राहकों को फोन करनेवाला सभी नंबर पुलिस को झारखंड का मिला. इसके बाद लालबाजार से एक टीम झारखंड रवाना हुई. वहां एक सप्ताह की कड़ी मेहनत के बाद झारखंड के जामतारा जिले के करमाडा थाना से कोलकाता पुलिस ने अरुण मंडल (21) को गिरफ्तार कर लिया. प्राथमिक पूछताछ में अरुण से पुलिस को जो जानकारी मिली इससे उनके होश उड़ गये.

कैसे करते थे ठगी

लालबाजार सूत्रों के मुताबिक यह गिरोह लोगों को मोबाइल में फोन कर खुद को बैंक का कस्टमर केयर प्रतिनिधि बता कर किसी ग्राहक को बैंक का सिस्टम अपडेट के नाम पर उनसे कार्ड व पिन नंबर ले लेते थे, जबकि कुछ ग्राहकों को ये कार्ड ब्लॉक होने की जानकारी देकर ब्लॉक कार्ड को खोलने का ऑफर देकर उनसे उनका कार्ड नंबर, नाम व कार्ड की तिथि के बाद अंत में पिन नंबर मांग लेते थे. विभिन्न टेलीकॉम कंपनियों द्वारा उपलब्ध मोबाइल में मनी ट्रांसफर की तकनीक के जरिये ये उन ग्राहकों के एटीएम व क्रेडिट कार्ड से अपने मोबाइल में रुपये मंगवा लेते थे. फिर रुपया कई मोबाइल नंबरों से गुजर कर उनके द्वारा फर्जी कागजात से खोले गये बैंक अकाउंट में डाल दिये जाते थे, जहां से रुपये नगद ये निकाल लेते थे.

ठगी के रुपये से मकान व व्यापार शुरू कर चुके है ठगबाज

कोलकाता पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि झारखंड में जामतारा जिले में करमाडा थाना में एक ऐसा गांव है, जिस गांव के पूरे लोग इसी ठगी के धंधे पर गुजर बसर कर रहे हैं. बेरोजगारी ज्यादा होने के कारण पहाड़ पर स्थित इस गांव के छोटे से लेकर बड़े युवक इसी तरह के धंधे से लखपति बन चुके हैं. इस रुपये से किसी ने मकान बना लिया है. कोई नया व्यापार शुरू कर दिया है. समय-समय पर शिकायत दर्ज होने पर विभिन्न राज्यों की पुलिस आकर यहां से युवकों को गिरफ्तार कर ले जाती है, लेकिन जो शिकायत दर्ज कराने का साहस नहीं जुटा पाते. उनके रुपये से ये इसी प्रकार से ठगी कर फलते फूलते हैं.

पुलिस की सलाह

इस तरह के कॉल से सतर्क रहे व्यक्ति संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) पल्लव कांति घोष का कहना है कि किसी भी व्यक्ति को अचानक इस तरह के फोन आये तो वह उसे अनसुना कर दे और अपने नजदीकी बैंक की शाखा में जाकर संपर्क करें. इस तरह के मामलों से सीख लेते हुए लोग सतर्क रहे. कोई भी व्यक्ति फोन करके किसी भी कारण से आपका बैंक अकाउंट नंबर व कार्ड का पिन नंबर मांगता है तो उसके बहकावे में मत आये. अगर कोई व्यक्ति इस तरह के ठगी का शिकार हुए है तो नजदीकी थाने में इसकी शिकायत करें. जिससे इस तरह के गिरोह को दबोचा जा सके.

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