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मेरा बेटा सुबह यूनिफॉर्म में था, अब ताबूत में है, वह मेरा ख्वाब था, मेरा ख्वाब मारा गया

दिल्ली से आठ सौ किमी दूर पाकिस्तान के पेशावर में मंगलवार को हुए आतंकी हमले ने पूरी दुनिया को रुला दिया. छह तालिबानी आतंकियों ने स्कूल में घुस कर 132 बच्चों की हत्या कर दी. सेना ने दो आतंकियों को मार गिराया, जबकि चार ने खुद को उड़ा लिया. पूरी दुनिया इस घड़ी में पाक […]

दिल्ली से आठ सौ किमी दूर पाकिस्तान के पेशावर में मंगलवार को हुए आतंकी हमले ने पूरी दुनिया को रुला दिया. छह तालिबानी आतंकियों ने स्कूल में घुस कर 132 बच्चों की हत्या कर दी. सेना ने दो आतंकियों को मार गिराया, जबकि चार ने खुद को उड़ा लिया. पूरी दुनिया इस घड़ी में पाक के साथ है. अपने ही बुने जाल में उलङो पाक के लिए यह मुश्किल के साथ सबक का भी वक्त है.

पेशावर के आर्मी पब्लिक स्कूल में मंगलवार को अत्याधुनिक हथियारों से हाल के दिनों का सबसे बड़ा हमला करनेवाले सभी छह आत्मघाती आतंकियों को पाकिस्तानी सेना और पुलिस ने मार गिराया. चार आतंकियों ने खुद को उड़ा लिया, जबकि दो सेना और पुलिस की गोलियों के शिकार हुए. इससे पहले आतंकियों ने 132 बच्चों व नौ स्कूल स्टाफ को मौत के घाट उतार दिया. बच्चों की उम्र नौ से 14 वर्ष के बीच बतायी गयी है.

960 को सुरक्षित निकाला

एक टीवी रिपोर्ट के अनुसार अधिकतर के सिर व सीने में गोली मारी गयी. एक महिला टीचर को जिंदा जला दिया. 245 लोग हमले में घायल हो गये. खैबर पख्तूनख्वाह के एक अधिकारी ने बताया कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि बड़ी संख्या में घायलों की स्थिति गंभीर है. पाक सेना के प्रवक्ता असीम बाजवा ने कहा कि स्कूल में कुल 1099 छात्र रजिस्टर्ड हैं. कमांडो कार्रवाई के बाद 960 छात्र व स्कूल स्टाफ को सुरक्षित बाहर निकाला गया.

आतंकी सुबह 11:06 बजे वरसाक रोड स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल में घुसे. गेट तोड़ ऑडिटोरियम में दाखिल हुए. एक-एक कक्षा में जाकर अंधाधुंध गोलियां चलायीं. सेना को स्कूल परिसर में घुसने से रोकने के लिए प्रधानाचार्य सहित 20 अध्यापकों और 34 छात्रों को बंधक बना लिया था. जब हमला शुरू हुआ, उस वक्त करीब 1000 से अधिक छात्र और शिक्षक स्कूल में थे.

यह स्कूल वरसाक रोड पर स्थित सेंट मैरी स्कूल से सटा हुआ है. पिछले कई दिनों से इस स्कूल पर भी आतंकवादी हमले का खतरा बना हुआ था. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने कराची में 2008 आत्मघाती हमले में 150 लोगों की मौत के बाद हाल के वर्षो के सबसे खूनी हमले की जिम्मेदारी ली. कहा कि यह उत्तरी वजीरिस्तान में जारी सेना के अभियान का बदला है.प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने हमले को ‘राष्ट्रीय त्रसदी’ करार देते हुए तीन दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित कर दिया. पेशावर में सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता करने के बाद कहा कि कबायली क्षेत्र से आतंकवादियों को खत्म करने का सैन्य अभियान ‘जार्ब-ए-अज्ब’ जारी रहेगा. सेना प्रमुख राहील शरीफ ने भी यही बात कही. पाक की विपक्षी और खैबर पख्तूनख्वाह की सत्ताधारी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान ने घटना को ‘बर्बरतापूर्ण’ कार्रवाई करार दिया. इमरान ने 18 दिसंबर को पाकिस्तान बंद करने के आह्वान को स्थगित कर दिया.

अर्धसैनिक फ्रंटियर कॉर्प्स की वर्दी में आये हमलावर

खैबर पख्तूनख्वाह के मुख्यमंत्री परवेज खटक ने संवाददाताओं को बताया कि अर्धसैनिक फ्रंटियर कॉर्प्स की वर्दी में आये आत्मघाती हमलावर वरसाक रोड स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल में घुस गये और अंधाधुंध गोलियां बरसाने लगे. उन्होंने बताया कि 20 शव लेडी रीडिंग अस्पताल (एलआरएच) और 60 शव कम्बाइंड मिलिटरी अस्पताल (सीएमएच) में रखे गये हैं. 30 घायलों को एलआरएच में और 39 को सीएमएच में भेजा गया है.

कब्रिस्तान से आये और स्कूल को लाशों से पाट दिया

प्रांत के सूचना मंत्री मुश्ताक गनी ने बताया कि आतंकवादी आर्मी पब्लिक स्कूल से सटे एक कब्रिस्तान के रास्ते स्कूल में दाखिल हुए थे. यह स्कूल वरसाक रोड पर स्थित सेंट मैरी स्कूल से सटा हुआ है. पिछले कई दिनों से इस स्कूल पर भी आतंकवादी खतरा बना हुआ था.

इम्तिहान दे रहे थे बच्चे

शुजा नाम के एक छात्र ने समा टीवी को बताया कि जब गोलीबारी शुरू हुई उस समय वे इम्तिहान दे रहे थे, तभी शिक्षकों ने उनसे जमीन पर लेट जाने को कहा. छात्र ने बताया कि सेना के जवानों के आने तक वे करीब एक घंटे फर्श पर लेटे रहे, जिसके बाद जवानों ने उन्हें जाने को कहा. कई छात्रों को पीछे के दरवाजे से निकाला गया. वहां से निकले एक छात्र ने दुनिया टीवी को बताया कि जब हमने गोलियों की आवाज सुनी, तब चौथा पीरियड चल रहा था. पहले तो हमें यह पता ही नहीं चला कि क्या हुआ..? लेकिन बाद में सेना के अधिकारियों ने हमें पिछले दरवाजे से निकलने को कहा.

बेंगलुरु, दिल्ली में सुरक्षा कड़ी

सिडनी बंधक संकट और पाकिस्तान के सैनिक स्कूल में आतंकी हमले जैसे खतरे से संबंधित धमकियों के मद्देनजर बेंगलुरु में पुलिस ने महत्वपूर्ण स्थानों की सुरक्षा पुख्ता कर दी है. इधर, दिल्ली पुलिस ने एक एडवाइजरी जारी कर सभी स्कूलों को सतर्क रहने के लिए कहा है. महत्वपूर्ण स्थलों की सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है.

घटनाक्रम : पांच घंटे चलता रहा खूनी खेल

11:06 बजे :बच्चों को बंधक बनाया.

12:25 बजे : बचाव अभियान शुरू

01:10 बजे : 12 बच्चों के मरने की खबर आयी

01:34 बजे : एक आत्मघाती ने खुद को उड़ाया

01:42 बजे : स्कूल सील

03:40 बजे : आतंकवादियों के भागने की कोशिश की खबर

03:46 बजे : प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पेशावर पहुंचे

4:20 बजे : छठा आतंकी मारा गया

सभी स्कूल आज रखें दो मिनट का मौन : पीएम

नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार की रात पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से फोन पर बात की. पेशावर के आर्मी स्कूल में हुए आतंकी हमले पर चिंता जतायी. आतंकवादियों के हाथों स्कूली बच्चों की हत्या पर शोक जताया. कहा कि दुख की इस घड़ी में पूरा भारत पाकिस्तान के साथ है. हर संभव मदद के लिए तैयार है. इस बीच प्रधानमंत्री श्री मोदी भारत के सभी स्कूल प्रबंधकों से आग्रह किया है कि बुधवार को देश के सभी विद्यालयों में दो मिनट का मौन रखा जाये.

पटना में स्कूलों के सामने पुलिस की तैनाती

पटना. पेशावर के आर्मी स्कूल में आतंकी हमले के बाद पटना के एसएसपी जितेंद्र राणा ने यहां के स्कूलों में भी चौकसी बढ़ाने का आदेश दिया है. एसएसपी ने सभी सरकारी व निजी स्कूलों के पास पुलिस फोर्स तैनात करने का निर्देश दिया है. वहीं स्कूल प्रबंधन को स्कूल के गेट पर सीसीटीवी कैमरे लगाने को कहा गया है. राजधानी के कुछ खास स्कूलों को पुलिस ने चिह्न्ति किया गया है और वहां पर फोर्स के तैनाती की तैयारी की गयी है. इसमें स्कूलों के मेन गेट पर पुलिस की नजर रहेगी. जहां से बच्चों को स्कूल बस में चढ़ाया जाता है और उतारा जाता है, वह स्थान पुलिस की विशेष निगरानी में रहेंगे. बड़े निजी विद्यालयों के पास मौजूद पुलिस कर्मी स्कूल के पास लगनेवाली दुकानों व आने-जाने वाले अन्य लोगों पर नजर रखेंगे. एसएसपी ने स्कूल प्रबंधन को पत्र लिख कर सुरक्षा व सतर्कता के संबंध में सुझाव देने को भी कहा है. इसके अलावा स्कूली बस चलाने वाले चालक व खलासी का नाम पते का ब्योरा तलब करने के लिए विद्यालय प्रबंधन को निर्देश दिये गये हैं. इसके अलावा राज्य व जिला स्तर पर काम कर रही खुफिया तंत्र को भी निर्देश दिया गया है. एसएसपी ने कहा कि स्कूल कॉलेजों के पास चौकसी रहेगी. पुलिस फोर्स हर गतिविधियों पर नजर रखेगी. कॉलेज प्रबंधन को सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए पत्र लिखा गया है.

इधर, बुधवार को बिहार के तमाम स्कूलों में एसेंबली के दौरान दो मिनट मौन रख कर श्रद्धांजलि दी जायेगी. यह जानकारी प्राइवेट स्कूल चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष शमायल अहमद ने दी. उन्होंने कहा कि घटना काफी दुखद है. श्रद्धांजलि सभा की सूचना एसएमएस से तमाम स्कूलों को भेज दी गयी है.

मन कर रहा इन मांओं के साथ दहाड़ मार कर रोएं.

– पाक सांसद

हमारे बच्चों को सेना ने मारा सो हमने भी दिया दर्द

तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि आर्मी ने वजीरिस्तान लंबा ऑपरेशन चलाया है. इसमें हमारे परिजन और बच्चे मारे जाते हैं. हमने सेना के स्कूल को निशाना बनाया, क्योंकि हम चाहते हैं कि वे हमारा दर्द महसूस करें.

हमले की वजह नोबेल!

हमले की एक वजह पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई को मिला नोबेल पुरस्कार भी मानी जा रही है. पाक के पत्रकार हामिद मीर ने एक भारतीय न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि मलाला को जब नोबेल प्राइज मिला, तब तालिबान ने ऐसा करने की धमकी दी थी, इसलिए संभव है कि स्कूल को निशाना बनाया. कर शिक्षा का विरोध करने का संकेत दिया गया हो.

’’जब तक पाकिस्तान से आतंकवाद का सफाया नहीं हो जाता है, जब तक यह अभियान जारी रहेगा. हमने अफगानिस्तान को भी कहा है.हम मिल कर मुकाबला करेंगे. अभियान के मद्देनजर ऐसे हमले स्वाभाविक हैं. देश को मजबूती नहीं खोनी चाहिए.

नवाज शरीफ, पीएम, पाकिस्तान

’’मैं इस कायरतापूर्ण हमले की कड़ी निंदा करता हूूं. यह ऐसा विवेकहीन बर्बरतापूर्ण कृत्य है, जिसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता. जिन लोगों ने आज अपने बच्चे को खो दिया, हम उनके दुख में शामिल हैं और उनके प्रति गहरी संवेदना प्रकट करते हैं

नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

’’आतंकियों की इस मूर्खतापूर्ण कार्रवाई से मेरा दिल बैठा जा रहा है. यह आतंकियों की एक कोल्ड ब्लडेड कार्रवाई है. बच्चों को मौत के घाट उतार कर वे किस तरह का खौफ कायम करना चाहते हैं? मरनेवाले भाई-बहनों के प्रति मैं संवेदनाएं प्रकट करती हूं.

मलाला यूसुफजई, नोबेल विजेता

’’पहली बार हिंसा व युद्ध में बच्चे शिकार बने हैं. यह मानवता के सबसे काले दिनों में से एक है. अब समय आ गया है कि हम इसके खिलाफ एकजुट हों और इस हिंसा को रोकें मेरी संवेदना उन परिवारों के साथ, जिनके बच्चे मारे गये. मैं काफी दुखी है.

कैलाश सत्यार्थी, नोबेल विजेता

त्वरित टिप्पणी: अब हमारा धर्म, हमारी मन्नत, बस एक ही हो, आतंक का खात्मा

पंकज मुकाती

इम्तिहान देते बच्चों पर स्कूल में गोलियां चली हैं. 132 बच्चे कत्ल कर दिये गये. दो सेकेंड में सब कुछ खत्म हो गया. यह हम सबके इम्तिहान की घड़ी है. किसी एक मुल्क, एक घर, एक व्यक्ति को नहीं, यह पूरी दुनिया को चुनौती है. यह चुनौती है सभी मां-बाप को. आतंकवादियों ने हमारी मन्नतों, दुआओं और ख्वाबों पर हमला किया है. दुनिया में कोई ऐसा परिवार नहीं, कोई ऐसा घर नहीं, जिसमें बच्चे न हो, उनकी किलकारियों की उम्मीद न हो. यह हमला है जिंदगी पर, भविष्य पर. इस हमले ने यह भी साफ कर दिया कि आतंकवाद किसी को नहीं बख्शता. वह धर्म, भाई जैसे शब्द भी नहीं जानता. अपना पराया देश भी नहीं मानता. इससे एक सवाल और उठा है, क्या मजहबी किताबें, धार्मिक तकरीरें, किसी आदमी को इतना अंधा बना सकती हैं? नामुकिन है यह, कोई भी धार्मिक

किताब उम्मीद पढ़ा सकती है, उन्माद नही. धर्म के नाम पर यह धोखा है, जो नौजवानों को अंधा कर रहा है. यह सिर्फ एक पागलपन है, एक दुश्मनी है. तमाम मुल्क, जो आतंक की ऐसी पाठशाला चलाते हैं, यह उनके लिए भी एक सबक है. आतंकवाद को पनाह देना दोधारी तलवार तैयार करना है. यह सामनेवाले को ही नहीं, जरा- सी चूक में आपको भी घायल कर सकती है. पाक जैसे मुल्क और वहां की सरकार के लिए यह एक बड़ा सबक है. उसे यह बात नहीं भूलना चाहिए कि आतंक की इस तलवार की एक धार हमेशा उसके अपने सिर पर लटकती है.

तमाम बहस, संवेदना, आतंक से लड़ने का सरकारी जज्बा, नयी फोर्स, सुरक्षा के दावे सब बेकार हैं. इनमें से कोई भी बात मांओं के आंसू नहीं पोंछ सकती, एक पिता के टूट चुके अरमान नहीं जोड़ सकती. दुनिया का कोई भी मुआवजा औलाद की कमी पूरी नहीं कर सकता. बच्चे का स्पर्श, वह हंसी, उसके स्कूल जाते वक्त लंच बॉक्स तैयार करती मां को मिलनेवाला सुख. स्कूल की दहलीज पर उसे टाटा करते वक्त मिलनेवाला भविष्य का सुकून. सबसे खास स्कूल की छुट्टी के वक्त बच्चे का दौड़ कर लिपट जाना. अब ये सब कभी नहीं हो सकेंगे. कंधे पर बस्ता लटका कर जिस बच्चे को स्कूल विदा करते रहे, उसके ताबूत को अपने कंधे पर ढोना, कितना दुखदायी है. यह दर्द हम सबको भीतर से महसूस करना होगा. हमारे आसपास कोई भी आतंकी पनाह नहीं ले पाये, किसी दहशतगर्द को यह सोच कर न छोड़ दें कि यह मेरा क्या नुकसान करेगा. कल यह आपके बच्चे का भी दुश्मन बन सकता है. अब हमारा धर्म, हर दुआ, हर मन्नत बस एक होनी चाहिए, आतंकवाद का खात्मा.

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