विकास
कोडरमा : कोडरमा में शहरी जलापूर्ति योजना का उद्घाटन तो हुआ, पर शहर के लोग आज भी पानी के लिए तरस रहे हैं. शहर के चार जलमीनारों में से दो का ही निर्माण पूरा हुआ. शहर में सड़क की भी स्थिति बदतर है. अधिकतर सड़कों का हाल बुरा है. जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए ओवरब्रिज तो बना, पर यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए आज तक बस स्टैंड का निर्माण नहीं हो सका. बिहार सरकार के समय में बना बस स्टैंड खंडहर में तब्दील हो गया है. डोमचांच में भी जलापूर्ति योजना करीब 30 वर्षो से बंद है. हालांकि गांवों में कुछ विकास के कार्य हुए हैं. यहां सड़कें बनने से कुछ समस्याओं का समाधान हुआ है, पर जहां करोड़ों का पत्थर खनन हो रहा है, वह क्षेत्र आज तक औद्योगिक क्षेत्र का दरजा नहीं पा सका. डोमचांच को पत्थर उद्योग के कारण औद्योगिक क्षेत्र का दरजा देने की मांग हर बार चुनाव में उठती रही है. उद्योग-धंधे व कल कारखाने नहीं होने के कारण यहां बेरोजगारी और पलायन भी एक मुद्दा है. झुमरी तिलैया नगर पर्षद होने के बावजूद शहर की तसवीर नहीं बदली. शिक्षा के क्षेत्र में भी स्थिति ठीक नहीं है. जिले में वर्षो से पीजी की पढ़ाई की व्यवस्था की मांग पूरी नहीं हुई.जिले के प्रमुख दर्शनीय स्थल ध्वजाधारी धाम व तिलैया डैम को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका.
क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि
क्षमता से बढ़ कर किया विकास : अन्नपूर्णा देवी
विधायक सह मंत्री अन्नपूर्णा देवी का कहना है कि हर क्षेत्र में एमएलए की क्षमता से बढ़ कर उन्होंने विकास किया है. उनका कहना है कि झारखंड गठन के बाद से हमने विपक्ष की राजनीति की, एक वर्ष मंत्री रही, तो क्षेत्र के लिए काफी कुछ किया. एक सर्वे रिपोर्ट में कोडरमा सड़कों के मामले में सबसे अच्छा बताया गया है. यह मैं नहीं, बल्कि रिपोर्ट कह रही है. कुछ काम नहीं पूरा होने का मलाल है. करमा अस्पताल की तसवीर बदलने का प्रयास किया. झुमरी तिलैया शहरी जलापूर्ति योजना को पूरा करवाना मेरा सपना था. तत्कालीन अजरुन मुंडा की सरकार ने ऐसी कंपनी को काम दिया था, जो समय से नहीं कर पायी.
विकास के नाम पर सिर्फ लूट : रमेश सिंह
वर्ष 2009 के चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे रमेश सिंह ने कहा कि विधायक के कार्यकाल में विधानसभा क्षेत्र का कुछ भी विकास नहीं हुआ है. जिले में विकास की योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयी. विकास के नाम पर सिर्फ लूट हुआ. कोई ऐसा काम नहीं हुआ. जिससे जनता को लाभ मिले. आज भी लोग पानी, बिजली व स्वास्थ्य सुविधा की कमी से जूझ रहे हैं. विधायक ने उद्घाटन व शिलान्यास कर जनता की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास किया है. क्षेत्र की जनता की बात करें या शहरी हर वर्ग के लोग ठगे गये हैं.
क्या कहते हैं लोग
वर्तमान विधायक की कार्यशैली अच्छी तो है, पर क्षेत्र का विकास सामान्य हुआ है. शहर का अपेक्षित विकास नहीं हो सका. कोडरमा में एक अच्छा अस्पताल नहीं है. सरकारी अस्पताल में दवाइयां नहीं मिलती. विद्यालयों में भी शिक्षकों का अभाव है.
वीणा कुमारी, प्रभारी प्रधानाध्यापिका
वर्तमान विधायक का कार्यकाल मिलाजुला रहा. इनके कार्यकाल में गांवों में तो कुछ काम हुआ, पर शहरी क्षेत्र उपेक्षित रह गया. शहर के लोग पानी, बिजली के लिए जूझते रहे और विधायक ने इन समस्याओं पर प्रमुखता से काम नहीं किया. जिले में उच्च शिक्षा की व्यवस्था नहीं हो पायी.
अरविंद कुमार, व्यवसायी