हजारीबाग : मांडू विधानसभा में बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है. अचलजामो में पीतल का बरतन बनाने का कुटीर उद्योग अंतिम सांस ले रहा है. सिंचाई के अभाव में किसान खेती छोड़ महानगरों की ओर पलायन कर रहे हैं. विधानसभा क्षेत्र के विष्णुगढ़, टाटीझरिया, चुरचू प्रखंड के लोग दिल्ली, मुंबई, पंजाब जाकर रोजगार कर रहे हैं.
41 साल पहले शुरू कोनार सिंचाई योजना का काम अब तक पूरा नहीं हुआ है. टाटीझरिया प्रखंड में विद्युत सब-स्टेशन नहीं बन पाया. दारू प्रखंड के एक मात्र दिगवार पंचायत में सड़क, पानी, बिजली एवं सिंचाई की कोई व्यवस्था नहीं है. डेढ़ साल पहले बिजली के पोल तो गाड़े गये, लेकिन तार नहीं लगा. चुरचू प्रखंड की पहचान अति पिछड़े इलाकों में है.
विद्युत सब स्टेशन का शिलान्यास होने के बाद भी काम शुरू नहीं हुआ. कई पंचायत उग्रवाद प्रभावित हैं. प्रखंड में सिंचाई की कोई सुविधा नहीं है. मांडू और डांडी प्रखंड के कोयलांचल क्षेत्रों में कोयला और आयरन आधारित उद्योग बंदी की कगार पर है. विस्थापन भी इलाके की बड़ी समस्या है. इस विधानसभा क्षेत्र में गंठबंधन की राजनीति का असर इस बार भी दिखेगा.स्थानीय लोगों के अनुसार इस क्षेत्र के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले, इसका भी ध्यान नहीं रखा गया है. क्षेत्र में शिक्षा की स्थिति ठीक नहीं है. बच्चों को पढ़ाई के लिए दूर-दराज का क्षेत्र जाना पड़ता है.