देश-दुनिया के ये बडे वैज्ञानिक हमेशा चर्चा में रहते हैं. बच्चे उन्हें अपनी स्कूल की कक्षाओं में पढते हैं और बडे उन पर शोध करते हैं. उनका समाज में बड़ा योगदान हैं. लेकिन गांवों, छोटे शहरों में ऐसे कई वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने अपनी अनुभवों से, दिन-प्रतिदिन के जीवन में आने वाली समस्याओं से जूझते हुए कई महत्वपूर्ण आविष्कार किये, खोज किये. जो उनके और आसपास के जीवन को गहरे प्रभावित करते हैं.
गांव के ऐसे कई वैज्ञानिकों की प्रतिभा को कई बार उचित सम्मान और प्रोत्साहन नहीं मिलता और वे फिर गुमनामी में खो जाते हैं, तो कई की प्रतिभा सहयोग और प्रोत्साहन मिलने पर निखर जाती है. वे आगे नयी खोज में लग जाते हैं. पंचायतनामा के इस अंक में आमुख कथा का विषय गांव व छोटे शहरों के ऐसे वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने रोजमर्रा के जीवन व समस्याओं से जूझते हुए कुछ नयी खोज की, नये आविष्कार किये. हमने अपनी आमुख कथा में झारखंड के सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के ऐसे आविष्कारकों से लेकर राजधानी रांची तक के आविष्कारकों का जायजा लिया. साथ ही देश के ऐसे चुनिंदा लोगों के आविष्कार व योगदान को भी इसमें शामिल किया है, जिनकी खोज ने समाज, खेती, ग्रामीण विकास पर दूरगामी असर डाला.
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