अमेरिका में नयी इबोला वैक्सीन के शुरुआती परीक्षण में इस टीके के प्रभावी और सुरक्षित होने के संकेत मिले हैं. वैज्ञानिकों ने इस टीके का 20 वयस्कों पर परीक्षण किया है.
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शस डिजीज (एनआइएआइडी) के हवाले से ‘साइंस डेली’ की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि नये टीके के प्रति इंसान के शरीर ने अच्छी प्रतिक्रिया दी और सभी 20 स्वस्थ वयस्कों के शरीर में प्रतिरोधी क्षमता भी दिखाई दी. शोधकर्ताओं का कहना है कि जिस तरह का प्रतिरोध देखने को मिला उसे बीमारी से प्रभावी सुरक्षा की श्रेणी में रखा जा सकता है. इबोला के पहले टीके का परीक्षण अमेरिका में किया गया और इसे एनआइएआइडी और दवा निर्माता कंपनी ग्लैक्सो स्मिथ क्लाइन ने मिल कर विकसित किया है.
इसमें चिंपांजी का संवर्धित कोल्ड वायरस इस्तेमाल किया जाता है, जिसके सिरे पर इबोला प्रोटीन लगा होता है ताकि जिस शरीर में यह जाए, उसमें इबोला से लड़ने के लिए एंटीबॉडी पैदा करे. परीक्षण में शामिल किसी भी व्यक्ति में कोई गंभीर साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिले. हालांकि, दो लोगों को इंजेक्शन लगाने के 24 घंटे के बाद हल्का सा बुखार हुआ. वैक्सीन में इबोला की दोनों प्रजातियों का इस्तेमाल किया गया है, पश्चिमी अफ्रीका में फैली प्रजाति जायरे और सूडान इबोला.