बरही : पदमा प्रखंड के बंदरबेला पंचायत के मंगरमुंह गांव विकास से कोसों दूर है. प्रखंड मुख्यालय से 10 किमी पश्चिम की ओर यह गांव है. यहां की आबादी लगभग एक हजार है. हरिजन, यादव व महतो जाति के लोग यहां रहते हैं.
पिछले पांच सालों में गांव में विकास का कोई काम नहीं हुआ है. विधायक मद से सिर्फ एक ट्रांसफामर ही लगाया गया है. कृषि के लिये उपयुक्त पूरा क्षेत्र सिंचाई के अभाव में बंजर हो रहा है.
इस गांव से सटे मंगरदाहा डैम है. ग्रामीण यहां सिंचाई व्यवस्था की मांग पिछले 10 वर्ष से कर रहे हैं. यहां सड़क की स्थिति भी जजर्र है. बच्चों को पढ़ाई के लिए तीन किमी दूर सरैया गांव जाना पड़ता है. स्वास्थ्य केंद्र आसपास में नहीं हैं. रोजगार के लिए लोग पलायन कर रहे हैं.
जीतने के बाद मुंह मोड़ लेते हैं
हर पांच साल के बाद चुनाव के समय नेता जनता को उम्मीद बंधाते हैं कि क्षेत्र का विकास करेंगे और गरीबी दूर करेंगे. महिलाओं को रोजगार देंगे. लेकिन चुनाव जीतने के साथ ही जनप्रतिनिधि मुंह मोड़ लेते हैं. हमें इंदिरा आवास तक नहीं मिला है. इस बार फिर हमारी उम्मीद बंधी है , देखना है कैसे होते हैं हमारे प्रतिनिधि.
माला वर्णवाल,चौपारण
उदघाटन के इंतजार में साई सेंटर
बरही विधानसभा के पदमा करमटांड़ में 2002 में तत्कालीन उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी एवं सांसद यशवंत सिन्हा ने साई सेंटर का शिलान्यास किया था. 47.5 एकड़ भूमि में 20 करोड़ की लागत से खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने के लिए 2008 में पदमा खेल ग्राम योजना पूरी हुई, लेकिन आज तक इस योजना का लाभ खिलाड़ियों को नहीं मिल पाया. 20 करोड़ की लागत से बनी योजना उदघाटन के इंतजार में है.