हम कई कंपनियों के बारे में ऐसा सोचते हैं, बोलते हैं कि उस कंपनी को तो केवल फलां आदमी ने संभाल कर रखा है. अगर उसे कुछ हो गया, तो कंपनी गिर जायेगी. वह व्यक्ति नौकरी छोड़ कर चला जायेगा, तो कंपनी डूब जायेगी. हम यह इसलिए कहते हैं, क्योंकि उस विशेष व्यक्ति में कोई खास बात होती है, जिसकी वजह से वह कंपनी खड़ी होती है. सुचारु रूप से चलती है. हर व्यक्ति चाहता है कि उसका उसकी कंपनी में ऐसा ही स्थान हो.
उसके जॉब छोड़ कर जाने की धमकी भर से कंपनी के मालिक घबरा जायें, सैलरी बढ़ा दें. लेकिन यह बात कई बार नुकसानदायक साबित होती है. कई बार हम खुद मुसीबत में आ जाते हैं. हम काम करने की स्थिति में नहीं होते और मजबूरी में हमें काम करना पड़ता है. ऐसा इसलिए क्योंकि हमने अपना ऑप्शन तैयार कर नहीं रखा था. हमने अपना काम किसी को नहीं सिखाया था. ऐसी स्थिति में हमें दोहरी मार पड़ती है.
अच्छा लीडर वही है, जो अपने पीछे अन्य लीडर भी तैयार करे. अपना विकल्प खुद तैयार करें. इससे आपको खुद तो काम में मदद मिलेगी ही, आपकी सिखाने की क्षमता भी विकसित होगी. आपको इस डर को अपने अंदर से निकालना होगा कि काम सीख जाने के बाद वह व्यक्ति आपको रिप्लेस कर लेगा. कुछ केसेज में ऐसा होता है, लेकिन अधिकांश केसेज में इसका फायदा ही होता है. कौन कंपनी ऐसे व्यक्ति को हटाना चाहेगी, जो इतने अच्छे लीडर तैयार कर सकता है? वह तो चाहेगी कि आप और कर्मचारियों को ट्रेनिंग दें. कंपनी के हर व्यक्ति को परफेक्ट बनाये.
किसी और की कंपनी में अगर आप लीडर तैयार न करें, तो शायद चल भी सकता है, लेकिन जब बात आपकी खुद की कंपनी की हो, तो आपको इस बात को और गंभीरता से लेना चाहिए. बेहतर होगा कि आप जल्द-से-जल्द अपनी कंपनी का वारिस तलाश लें. वक्त किसने देखा है. एक लीडर के खोने के बाद कंपनी को गिरते देर नहीं लगेगी. बेहतर है कि अपने भरोसेमंद लोग तलाशें और उन्हें काम सिखाना शुरू कर दें.
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