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कमाल की होती हैं मधुमक्खियां
मधुमक्खियां शहद कैसे बनाती हैं? यह प्रश्न हमेशा तुम्हारे दिमाग में उठता ही होगा. आज हम मधुमक्खियों के बारे में कुछ खास बातें जानते हैं. खाने की तलाश में मधुमक्खियां फूलों पर भिनिभनाती हैं और अपनी नली जैसी जीभ से फूलों का रस चूस कर अपने दो पेटों में से एक पेट में जमा करती […]
मधुमक्खियां शहद कैसे बनाती हैं? यह प्रश्न हमेशा तुम्हारे दिमाग में उठता ही होगा. आज हम मधुमक्खियों के बारे में कुछ खास बातें जानते हैं. खाने की तलाश में मधुमक्खियां फूलों पर भिनिभनाती हैं और अपनी नली जैसी जीभ से फूलों का रस चूस कर अपने दो पेटों में से एक पेट में जमा करती हैं. फिर इसे लेकर वे अपने छत्ते में लौटती हैं.
वहां यह रस दूसरी मधुमक्खियों को दिया जाता है, जो इसे करीब आधे घंटे तक चबाती हैं और अपने मुंह की ग्रंथियों से निकलनेवाले एंजाइम इसमें मिलाती हैं. फिर वे इसे अपने छत्ते के सभी खानों में रखती हैं, जो मधुमोम से बने होते हैं. उसमें से पानी सुखाने के लिए वे अपने पंख फड़फड़ा कर हवा करती हैं. जब पानी की मात्र 18 प्रतिशत से भी कम हो जाती है, तब वे उन खानों को मोम की एक पतली-सी परत से ढंक देती हैं. ढंका हुआ शहद बहुत दिनों तक रखा जा सकता है, इसके खराब होने की संभावना बहुत कम होती है.
शहद के बाद दूसरा मूल्यवान तथा उपयोगी पदार्थ जो मधुमक्खियों से मिलता है, वह है मोम. इसी से वे अपने छत्ते बनाती हैं. मोम बनाने के लिए मधुमक्खियां पहले शहद खाती हैं. फिर उससे गरमी पैदा कर अपनी ग्रंथियों द्वारा छोटे-छोटे मोम के टुकड़े बाहर निकालती हैं.
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