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केदारनाथ में फंसी महिलाओं के साथ छेड़छाड़

देहरादूनः केदारनाथ उत्तराखंड में आई हिमायली सुनामी ने सैकड़ों की जिदंगी छीन ली है. हजारों लोग फंसे हुए है. लेकिन बदमाशों की करतूत देखिए की केदारनाथ और उत्तराखंड के अलग-अलग इलाकों में फंसी महिला श्रद्धालुओं के साथ बदतमीजी कर रहे है. संकट में फंसे श्रद्धालुओं पर नेपाली बदमाशों ने हमला कर दिया. ये शरारती लोग […]

देहरादूनः केदारनाथ उत्तराखंड में आई हिमायली सुनामी ने सैकड़ों की जिदंगी छीन ली है. हजारों लोग फंसे हुए है. लेकिन बदमाशों की करतूत देखिए की केदारनाथ और उत्तराखंड के अलग-अलग इलाकों में फंसी महिला श्रद्धालुओं के साथ बदतमीजी कर रहे है. संकट में फंसे श्रद्धालुओं पर नेपाली बदमाशों ने हमला कर दिया. ये शरारती लोग ना केवल लोगों का सामान और उनके पैसे लूट रहे है ब्लकि वो महिलाओं की आबरू पर भी हमला कर रहे है.

संकट में फंसी महिलाओं के साथ से लोग छेड़खानी करते है, बदतमीजी करते है और उनके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश कर रहे है. पड़ोसी देश से आए बदमाश महिलाओं के साथ दुष्कर्म कर उनकी हत्या कर रहे है. बदमाशों से घिरे इन लोगों तक अब तक की सहायता नहीं पहुंच पाई है. सेना के जवान बचाव कार्य में लगे है लेकिन राहत कार्य बहुत धीमा है.

केदारनाथ और आसपास के पहाड़ी और जंगली इलाकों में नेपाल से आए बदमाश हथियारों के साथ इनपर हमला कर रहे है. इनका सामान लूट रहे है और महिलाओं के साथ बदसलूकी कर रहे है. रास्तें और पहाड़ों में फंसे लोग राहत और बचाव कार्य से खुश नहीं है. उन्हें ना तो खाने का सामान मुहैया करा जा रहा है और ना ही उन्हें दवाईयां मिल रही है. राहत का काम इतना धीरे चल रहा है कि कई लोग अब भूख-प्यास से मरने लगे है.

उत्तराखंड प्राकृतिक आपदा की भयावह तसवीरें एक-एक कर सामने आ रहीं हैं. शुक्रवार को हरिद्वार के पास गंगा में तैरते हुए 50 से अधिक शवों को निकाला गया. इस भयावह आपदा में अब तक मृतक संख्या 207 पहुंच गयी है. वहीं, उत्तराखंड के सीएम विजय बहुगुणा ने कहा कि मृतकों की संख्या 550 से ज्यादा है. बचावकर्मियों ने दुर्गम स्थानों में अब भी फंसे हुए 50,000 लोगों को निकालने के काम को और रफ्तार दी है.

युद्धस्तर पर काम
एक सप्ताह पहले राज्य में भारी मॉनसून के प्रकोप के बाद से सेना, वायु सेना और आइटीबीपी समेत अनेक एजेंसियों द्वारा युद्ध स्तर पर शुरू किये गये अभियानों में करीब 34,000 लोगों को निकाला जा चुका है. वायु सेना ने राहत और बचाव के काम के लिए 13 और हेलीकॉप्टरों को लगाया है और इस तरह अभियान में कुल मिलाकर 43 हेलीकॉप्टर लगे हुए हैं.

ईंधन-भोजन की व्यवस्था
वायु सेना ने एमआई-26 हेलीकॉप्टर को सीमा सड़क संगठन के लिए जरूरी ईंधन और भूस्खलन के बाद बंद हुए रास्तों को साफ करने के लिए जरूरी संसाधनों को पहुंचाने के लिए लगाया है. फंसे हुए लोगों को पिछले कुछ दिन से कुछ भी खाने को नसीब नहीं होने की खबरों के बाद खाने के पैकेट पहुंचाने के प्रयास भी तेज कर दिये गये हैं.पेट्रोलियम मंत्रा

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केदारनाथ में फंसी महिलाओं के साथ छेड़छाड़ 2

लय ने रामपुर, शिमला और गौचर में विमानों के लिए ईंधन भरने की सुविधा की व्यवस्था की है. प्रभावितों के बीच एलपीजी पहुंचाने की कोशिश भी जारी हैं. हरिद्वार व हलद्वानी से ईंधन भरने के डिपो से एलपीजी सिलेंडरों से लदे ट्रकों को रवाना कर दिया गया है.

मदद के लिए उठे हाथ
कांग्रेस सांसद विधायक दें सैलरी : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के सभी सांसदों एवं विधायकों से कहा है कि वे अपना एक माह का वेतन दान करें. सांसदों को निर्देश दिया है कि सांसद स्थानीय विकास निधि से 10-10 लाख रुपये दें.

मुफ्त यात्रा : रेल मंत्रलय ने त्रसदी के शिकार लोगों के लिए ट्रेनों में मुफ्त यात्रा की व्यवस्था की है. यूपी व राजस्थान सरकारों ने बस सेवा फ्री कर दी है.

संचार व्यवस्था : चमोली, रद्रप्रयाग व उत्तरकाशी के तीन प्रभावित जिलों में 739 मोबाइल टॉवरों में से 207 टॉवरों को 24 घंटे में चालू करने के प्रयास हो रहे हैं.

पार्टी कार्यकर्ता दान दें : राजनाथ
भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने पार्टी कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे राष्ट्रीय आपदा से प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए दान दें. प्रभावित क्षेत्रों से लौटने के बाद सिंह ने बड़े पैमाने पर राहत कार्य का आह्वान किया.

मोदी भी पहुंचे उत्तराखंड
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी वर्षा से प्रभावित उत्तराखंड के इलाकों के दौरे पर शुक्रवार को देर रात पहुंचे गये. गुजरात के वित्त मंत्री ने कहा, ‘सीएम उत्तराखंड के प्रभावित इलाकों का दौरा करने के लिए पहुंचे हैं.’

कुत्ते नोच रहे शव, भूखे मर रहे लोग
पांच दिन बीत जाने के बावजूद केदारनाथ घाट समेत कई स्थानों पर पड़े शवों का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया है. इस कारण शव सड़ रहे हैं. कुत्ते शवों को नोच रहे हैं. यहां-वहां बिखरे शवों के कारण बदबू फैली हुई है. महामारी का खतरा भी उत्पन्न हो गया है. हेलीकॉप्टर से केदारनाथ धाम जाकर आए राज्य के कृषि मंत्री हरक सिंह रावत जब वहां के हालात बयां कर रहे थे तो वे फूट-फूट कर रोने लगे.

नाराज लोगों ने घेरा
अपने परिजनों, रिश्तेदारों और परिचितों की कोई जानकारी नहीं मिलने से नाराज लोगों ने देहरादून में सड़कों पर जाम लगा दिया. लोगों ने केंद्र,राज्य और जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की.

अनुमति से होगी अंत्येष्टि
जिला प्रशासन ने कहा कि अगर शवों की पहचान हो जाती है तो परिजनों की अनुमति से यहीं अंतिम संस्कार कर दिया जायेगा.

केदारनाथ को तरजीह
केदारनाथ में बचावकर्मी तरजीह के साथ काम कर रहे हैं, जहां 250 लोग फंसे हैं. फिर, बद्रीनाथ में बचाव कार्य पर ध्यान दिया जायेगा जहां 9,000 लोग फंसे हुए हैं.

उत्तराखंड में फिर फट सकते हैं बादल
उत्तराखंड में फंसे लोगों को अभी तक निकाला भी नहीं गया है कि उन पर एक और खतरा मंडरा रहा है. मौसम विभाग का कहना है कि 24 जून को राज्य में बादल फटने की आशंका है. उत्तराखंड में बादल फटने के बाद अभी बाढ़ में अब तक 207 लोगों की मौत हो चुकी है.

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