22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पुसो गांव को विकास के रहनुमाओं का इंतजार

गुमला : सिसई प्रखंड में है पुसो गांव. गांव कीआबादी लगभग 4000 है. जिस तेजी के साथ गांव का विकास होना चाहिए, उस तेजी से यहां का विकास नहीं हुआ. आज भी इस क्षेत्र की जनता पलायन, गरीबी, उग्रवाद, अशिक्षा व बेरोजगारी से जूझ रही है. सिसई से इस गांव की लगभग दूरी 22 किमी […]

गुमला : सिसई प्रखंड में है पुसो गांव. गांव कीआबादी लगभग 4000 है. जिस तेजी के साथ गांव का विकास होना चाहिए, उस तेजी से यहां का विकास नहीं हुआ. आज भी इस क्षेत्र की जनता पलायन, गरीबी, उग्रवाद, अशिक्षा व बेरोजगारी से जूझ रही है. सिसई से इस गांव की लगभग दूरी 22 किमी है. सड़क की स्थिति खराब है.

सिसई से जाने में वाहन से करीब एक से डेढ़ घंटा लगता है. स्वास्थ्य सुविधा की स्थिति भी बदहाल है. स्वास्थ्य केंद्र से कर्मी गायब रहते हैं. बीमार पड़ने पर भगवान ही मालिक.

गांव के सोमा उरांव, जीवन ओहदार, दुर्गा महतो व प्रवीण ओहदार के अनुसार पुसो गांव को विकास के रहनुमाओं का इंतजार है. इस क्षेत्र की जनता अब तक 14 विधायक चुन चुके हैं, परंतु आज भी गांव पिछड़ा हुआ है. इस चुनाव के बाद जो भी विधायक बनेंगे, उनसे विकास की उम्मीद है. पुसो गांव को वर्ष 2008 से प्रखंड बनाने की मांग हो रही है, पर सिर्फ वादों और आश्वासनों से ही यहां की जनता को खुश करने का प्रयास किया जाता रहा है. जनप्रतिनिधियों ने सिर्फ वादे किये. गांव को अब तक प्रखंड का दरजा नहीं मिला. यहां तक कि पूर्व विधायक व वर्तमान विधायक गीताश्री उरांव ने भी सिर्फ आश्वासन दिये. इस क्षेत्र की जनता पुसो को प्रखंड बनाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं.

सिसई के सबसे दूरस्थ गांव व जंगल व पहाड़ों के बीच होने के कारण शिक्षा का स्तर भी इस गांव में निमA है. जागरूकता की भी कमी है. आठ से 12 वर्ष तक के बच्चे स्कूल न जाकर जंगलों में गाय, बैल व बकरी चराने जाते हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें