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10 विधानसभा क्षेत्र में दिखेगा पीएलएफआइ का असर
सुरजीत सिंह रांची : झारखंड के 81 में से 10 विधानसभा क्षेत्र में पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआइ) का प्रभाव रहेगा. इन 10 विधानसभा क्षेत्रों में पीएलएफआइ का दबदबा है.इसमें तोरपा, खूंटी, सिमडेगा, कोलेबिरा, गुमला, बिशुनपुर, तमाड़, सिसई, मांडर, लोहरदगा और खूंटी विधानसभा क्षेत्र शामिल है. यहां पीएलएफआइ के उग्रवादी तय करते हैं कि […]
सुरजीत सिंह
रांची : झारखंड के 81 में से 10 विधानसभा क्षेत्र में पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआइ) का प्रभाव रहेगा. इन 10 विधानसभा क्षेत्रों में पीएलएफआइ का दबदबा है.इसमें तोरपा, खूंटी, सिमडेगा, कोलेबिरा, गुमला, बिशुनपुर, तमाड़, सिसई, मांडर, लोहरदगा और खूंटी विधानसभा क्षेत्र शामिल है. यहां पीएलएफआइ के उग्रवादी तय करते हैं कि ग्रामीण किसे वोट देंगे.
पीएलएफआइ के डर से ग्रामीण वही करने को मजबूर हैं, जो उग्रवादी चाहते हैं. हालांकि वोटरों के मन से पीएलएफआइ के डर को कम करने के लिए पुलिस इस संगठन के खिलाफ अभियान शुरू करने की योजना पर काम कर रही है.
लोस चुनाव में प्रचार से रोका था
अप्रैल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान पीएलएफआइ के उग्रवादियों ने एक प्रत्याशी के पक्ष में खुल कर काम किया था. चुनाव के बाद गिरफ्तार पीएलएफआइ के जोनल कमांडर जेठा कच्छप ने अपने स्वीकारोक्ति बयान में कहा था कि उसकी पार्टी ने चुनाव में टोकरी छापवाले प्रत्याशी के पक्ष में काम किया था.
उल्लेखनीय है कि चुनाव के दौरान पीएलएफआइ के उग्रवादियों ने दूसरे प्रत्याशियों को प्रचार करने से कई जगहों पर रोका था. जिसे लेकर आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी दयामनी बारला ने एनोस एक्का और पीएलएफआइ के उग्रवादियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी. पुलिस ने भी कर्रा थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी, जिसमें एनोस एक्का पर आरोप लगाया था कि उन्होंने पीएलएफआइ के उग्रवादी को भगाने में मदद की.
लौटे पीएलएफआइ के उग्रवादी
मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती के निर्देश पर खूंटी पुलिस ने तीन जुलाई 2014 से पीएलएफआइ के उग्रवादियों के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू किया था. जिसके बाद पीएलएफआइ के सुप्रीमो दिनेश गोप समेत सभी नक्सली खूंटी व गुमला जिला के इलाके से भाग गये थे. करीब 20 दिन तक चले अभियान में पुलिस ने करीब 70 लोगों को गिरफ्तार किया था.
जिसमें से कई कथित रुप से पीएलएफआइ के उग्रवादी थे. उग्रवादियों के खिलाफ अभियान समाप्त होने के बाद पीएलएफआइ के उग्रवादी खूंटी इलाके में आने-जाने लगे थे. इस दौरान यह खबर भी आ रही है कि पीएलएफआइ के सभी उग्रवादी खूंटी, गुमला समेत अपने प्रभाव इलाके में आ गये हैं.
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