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बाबुओं की बदली कार्यशैली

केंद्र सरकार के कार्यालय से लेकर मंत्रालय तक में कार्य संस्कृति और काम की शैली में तेजी से बदलाव आया है. आमतौर पर त्योहारों के दौरान खाली रहनेवाले ऑफिस के बाहर इन दिनों हाजिरी लगाने के लिए लाइन लगी रहती है. मंत्री से अधिकारी तक शनिवार को भी काम कर रहे हैं. एक दशक बाद […]

केंद्र सरकार के कार्यालय से लेकर मंत्रालय तक में कार्य संस्कृति और काम की शैली में तेजी से बदलाव आया है. आमतौर पर त्योहारों के दौरान खाली रहनेवाले ऑफिस के बाहर इन दिनों हाजिरी लगाने के लिए लाइन लगी रहती है. मंत्री से अधिकारी तक शनिवार को भी काम कर रहे हैं.

एक दशक बाद हुए सत्ता परिवर्तन का असर मंत्रालयों में दिखने लगा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कहने के अनुरूप अधिकारी और कर्मचारी समय पर कार्यालय आने लगे हैं. इसके साथ ही अनुशासन और साफ-सफाई का खास तौर पर ध्यान रखा जा रहा है. आमतौर पर त्योहारों के मौसम में सुनसान रहनेवाले कार्यालयों में बायोमेट्रिक पंचिंग मशीन में उपस्थिति दर्ज करानेवालों की लाइन लगी रहती है. दीपावली में भी कार्यालयों में उपस्थिति सामान्य है. शनिवार और छुट्टी के दिन भी कामकाज हो रहा है. मंत्री कार्यालय आते हैं. यूपीए के गिने-चुने मंत्री ही शनिवार को कार्यालय आते थे.

हालांकि, इससे अधिकारियों में नाराजगी भी है. उनका कहना है कि शनिवार को सारे पेंडिंग काम निबटाने का मौका होता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होता. घर-परिवार को भी समय नहीं दे पाते. वहीं, कुछ अधिकारियों को इससे कोई दिक्कत नहीं है. उनका मानना है कि सरकार लुटियंस जोन में घर दे रही है, सारी सुविधाएं उपलब्ध करा रही है, घर से कुछ ही दूरी पर ऑफिस है, सरकारी गाड़ी है, तो शनिवार को काम करने में कोई हर्ज नहीं है. दो अक्तूबर और 11 अक्तूबर को क्रमश: स्वच्छता अभियान और सांसद आदर्श ग्राम योजना की लांचिंग के दिन अधिकारियों को काम करना पड़ा. जवाहर लाल नेहरू की जयंती 14 नवंबर से इंदिरा गांधी की जयंती 19 नवंबर के बीच भी मिनी स्वच्छता अभियान चलेगा. इसमें भी शनिवार और रविवार शामिल होंगे.

पॉलिसी के स्तर पर काम में आयी तेजी : सरकार फैसले ले रही है. गरीबों का खाता खुलवाने के लिए यूपीए के मंत्री बैंकों से आग्रह और अनुग्रह करते रहे, लेकिन मोदी ने दो महीने से भी कम समय में पांच करोड़ से अधिक लोगों के खाते खुलवा दिये. एक लक्ष्य तय कर दिया और अधिकारियों का मानना है कि तय समय सीमा में इस लक्ष्य को प्राप्त कर लिया जायेगा. इसी तरह इंदिरा आवास योजना को राष्ट्रीय आवास मिशन में बदल कर इसे देश भर में चलाने का अभियान, आजीविका मिशन को दीन दयाल कौशल विकास योजना के तहत चलाने का निर्णय, स्वच्छ भारत अभियान को पूरे देश में एक साथ शुरू करने के लिए पूरी तैयारी के साथ लोगों को जागरूक करना और सांसद आदर्श ग्राम योजना को नियत समय पर शुरू कराने का अभियान आदि.

गिफ्ट कल्चर पर लगी रोक-यूपीए सरकार जम कर गिफ्ट बांटती थी. नरेंद्र मोदी की सरकार ने इस पर रोक लगा दी है. एक मंत्रालय की ब्रीफिंग में सोलर लाइट बांटे जाने पर पीएमओ की नाराजगी के बाद ग्रामीण विकास मंत्रालय के प्रेस मीट में मीडिया के लिए तय बैग या डिजाइनर लैंप देने का प्लान निरस्त करना पड़ा.

बंद पड़े विभागों में भी कामकाज

पुराने विभागों या जिन विभागों से कभी-कभार काम लिये जाते थे, उनसे भी काम लिया जा रहा है. पीआइबी के तहत आनेवाला फोटो डिवीजन, जो देश का सबसे समृद्ध फोटा डिवीजन है, को शायद ही कभी प्रेस ब्रीफिंग में बुलाया जाता रहा हो. ग्रामीण विकास मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस कवर करने के लिए उन्हें बुलाया गया, तो अधिकारियों ने इसे सबसे सुखद दिन बताया.

लॉबिंग करनेवाले गायब-पीआइबी के ठीक सामने कुछ दुकानों में लॉबिंग करनेवाले लोग जमे रहते थे. ये किसी मंत्री से मिलवाने, ट्रांसफर-पोस्टिंग कराने से लेकर ठेका दिलाने तक के लिए लांबिंग करते थे. आज इन दुकानों से वे लोग गायब हैं.

गरीब मुख्यमंत्री ने बांटे लाखों के गिफ्ट-पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सबसे गरीब नेताओं में गिनी जाती हैं. लेकिन, वह लाखों को गिफ्ट बांटती हैं. दुर्गा पूजा के उपलक्ष्य में उनके कार्यालय ने 100 पत्रकार समेत करीब 1,000 लोगों को गिफ्ट बांटे. कुछ गिफ्ट की कीमत 3,000 रुपये तक थी. ज्ञात रूप से उनका वेतन 38,000 रुपये बनता है, लेकिन उन्होंने एक रुपया लेने की घोषणा की थी. 40 महीने से वह भी नहीं लिया. केंद्रीय मंत्री को मिलनेवाली पेंशन भी दीदी नहीं लेतीं. केंद्र से लेकर राज्यों तक में गिफ्ट का चलन आम है.

अनैतिक हैं ऐसे उपहार-विकसित देशों में अकारण उपहार को अनैतिक माना जाता है. अभी-अभी फीफा की एथिक्स कमेटी ने अपने 50 अधिकारियों द्वारा महंगी घड़ी गिफ्ट में स्वीकार करने को अनैतिक माना है. कहा है कि सभी अधिकारी 24 अक्तूबर तक घड़ी ब्राजील फुटबॉल कन्फेडरेशन को लौटा दें. विश्वकप फुटबॉल के दौरान कन्फेडरेशन ने प्रत्येक अधिकारी को 25,000 डॉलर मूल्य की घड़ी भेंट की थी.

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