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गरीबी के कारण शवों को गंगा में कर रहे प्रवाहित

अदालतघाट पर बरामद शवों पर डीजीपी का दावा पटना : पीएमसीएच के निकट अदालत घाट से बिना अंतिम संस्कार किये शवों की बरामदगी का मामला पुलिस मुख्यालय के संज्ञान में है. डीजीपी पीके ठाकुर ने कहा कि गांधी मैदान में दशहरा के दिन रावण वध के बाद मची भगदड़ में मारे गये लोगों के परिजनों […]

अदालतघाट पर बरामद शवों पर डीजीपी का दावा
पटना : पीएमसीएच के निकट अदालत घाट से बिना अंतिम संस्कार किये शवों की बरामदगी का मामला पुलिस मुख्यालय के संज्ञान में है. डीजीपी पीके ठाकुर ने कहा कि गांधी मैदान में दशहरा के दिन रावण वध के बाद मची भगदड़ में मारे गये लोगों के परिजनों ने शवों का बिना अंतिम संस्कार किये ही गंगा नदी में प्रवाहित कर दिया गया है. रविवार को पांच शव मिलने की खबर थी, जिसमें पुलिस ने दो की पुष्टि की.
डीजीपी ने बताया कि रविवार को जो शव अदालत घाट से बरामद किये गये थे, उनकी जांच में पाया गया कि उनका पोस्टमार्टम किया जा चुका है और उनको प्रशासन ने परिजनों को सौंप दिया था. ऐसे में परिजनों ने शवों का बिना अंतिम संस्कार किये ही उन्हें नदी में प्रवाहित कर दिया. संपतचक के समीप गोपालपुर की रहनेवाली एक बच्ची का शव उसके चाचा को सौंपा गया था.
लेकिन शव के गंगा नदी से बरामद होने के बाद पुलिस ने गोपालपुर स्थित उक्त मृतक बच्ची के परिजनों से संपर्क किया. उसके परिजनों ने बताया कि वे गरीबी के कारण शव का अंतिम संस्कार किये बिना ही उसे गंगा नदी में प्रवाहित कर दिये थे. इसी तरह रविवार को जिस जली हुई महिला का शव बरामद किया गया था. वह महिला बक्सर की रहने वाली थी और उसकी मौत इलाज के दौरान ही पीएमसीएच में हो गयी थी.
फिर मिला बालक का शव
रविवार को महिला व बच्ची के शव अदालत घाट पर मिलने के बाद फिर से सोमवार को उसी घाट पर एक नौ वर्ष के बालक का शव बरामद किया गया है. शव की पहचान नहीं हो पायी है. हालांकि शव को देखने से यह प्रतीत होता है कि यह काफी दिनों पहले ही गंगा नदी में प्रवाहित किया गया होगा. शव पूरी तरह गल चुका था. इस शव के बरामद होने के पूर्व भी यह अफवाह उड़ी कि उक्त शव गांधी मैदान हादसे में मृत बालक का है. हालांकि ऐसी कोई बात नहीं थी. पुलिस शव की पहचान करने मपोस्टमार्टम के रजिस्टर को खंगालने में लगी है.
अचानक घाट किनारे कैसे मिलने लगे हैं शव?
गांधी मैदान हादसे के बाद अचानक ही अदालत घाट पर शवों के मिलने का सिलसिला शुरू हो गया है. इसके पूर्व उस घाट पर कभी भी शवों को नहीं देखा गया. इसके कारण यह सवाल उठ रहा है कि गांधी मैदान हादसे के पूर्व वहां शव नहीं मिलता था और अब वहां शव मिल रहे हैं. इसके पीछे किसी की साजिश तो नहीं? इस बिंदु पर पुलिस की खुफिया टीम ने छानबीन शुरू कर दी है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि अचानक शवों के मिलने के बाद किसी प्रकार की साजिश की बू आ रही है. हालांकि इस मामले का भी जल्द ही परदाफाश कर लिया जायेगा.
शवों की हो गयी पहचान : चौधरी
सरकार ने भी पुलिस प्रशासन को क्लीनचिट दी
पटना : सरकार ने अदालतगंज घाट पर शवों के मिलने के मामले में पुलिस प्रशासन को क्लीनचिट दे दी है. जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सोमवार को कहा कि रविवार को अदालतघाट पर मिले दो शवों की पहचान हो गयी है. प्रशासन द्वारा शव नहीं फेंके गये हैं, बल्कि मृतकों के परिजनों ने पैसे के अभाव में ग्रामीण परंपरा के चलते बच्ची के शव को नदी में प्रवाहित कर दिया था.

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