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योगेंद्र साव प्रकरण:20 लोगों से लेवी वसूली की थी योजना

हजारीबाग:उग्रवादी संगठन झारखंड बचाओ आंदोलन के सरगना मुकेश साव के पास से पुलिस को सूची मिली है, जिनसे फिरौती या लेवी वसूलने की योजना थी. सूची में केरेडारी, बड़कागांव, टंडवा व बालूमाथ क्षेत्र के 20 व्यवसायियों, ठेकेदार, वाहन मालिक, दवा और कपड़ा व्यापारी के नाम हैं. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, सूची में शामिल कुछ लोगों […]

हजारीबाग:उग्रवादी संगठन झारखंड बचाओ आंदोलन के सरगना मुकेश साव के पास से पुलिस को सूची मिली है, जिनसे फिरौती या लेवी वसूलने की योजना थी. सूची में केरेडारी, बड़कागांव, टंडवा व बालूमाथ क्षेत्र के 20 व्यवसायियों, ठेकेदार, वाहन मालिक, दवा और कपड़ा व्यापारी के नाम हैं. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, सूची में शामिल कुछ लोगों को धमका कर लेवी वसूली भी जा चुकी है. सरगना मुकेश साव की गिरफ्तारी से संगठन की इस योजना की पोल घटना को अंजाम देने से पहले ही खुल गयी.

मिलते थे योगेंद्र साव से : इस बीच मुकेश साव ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि पूर्व कृषि मंत्री योगेंद्र साव के हुरहुरू स्थित आवास पर उनसे दो बार मिल चुका है. सर्किट हाउस में भी मिलता था. मार्च 2014 में पूर्व मंत्री के आवास पर संगठन के डिप्टी कमांडर मोहन साव ने फोटो खिंचवाया था. यह मोबाइल लातेहार पुलिस ने 23 अगस्त को मोहन साव से उसकी गिरफ्तारी के समय जब्त किया था. फिलहाल मोहन साव लातेहार जेल में बंद है. मुकेश ने बताया कि हथियार व वरदी योगेंद्र साव उपलब्ध कराते थे. सभी सदस्यों के मोबाइल का खर्च भी देते थे. केरेडारी व पतरातू के सर्किट हाउस में योगेंद्र साव दोनों संगठनों से मिलते थे. वहीं पूर्व मंत्री ने जेबिके व आम्रपाली फैक्टरी को बंद कराने को कहा था.

संगठन के सदस्यों के बताया नाम :
मुकेश साव ने इकबालिया बयान में संगठन से जुड़े सदस्य व उनके पदों का भी उल्लेख किया है. बयान के मुताबिक मुकेश स्वयं संगठन का कमांडर है, जबकि मोहन साव और राजेंद्र उरांव संगठन के डिप्टी कमांडर थे. अन्य सदस्यों में केरेडारी पहरा के कुलदीप साव, टंडवा कुंडी का अनिल साव, पत्थलगड्डा खैरा का गणोश यादव उर्फ सुनील यादव, हरिनाल यादव उर्फ संगम,नंद किशोर यादव,बालूमाथ का अशोक साव, सिमरिया सलैयाटांड काराजेश साव, बालूमाथ आरा निवासी रेवन उरांव, कृष्णा साव उर्फ धौनी के नाम शामिल है. इनमें मोहन साव, कृष्णा साव, राजेंद्र उरांव व रेवन उरांव लातेहार जेल में बंद हैं.

कौन बचा रहा है योगेंद्र साव को!

रांची:पूर्व कृषि मंत्री योगेंद्र साव को गिरफ्तार होने से कौन बचा रहा है. इसकी चर्चा हर तरफ हो रही है. पहले नंबर में कांग्रेस के एक बड़े नेता हैं, जो योगेंद्र साव को मदद कर रहे हैं. पिछले दिनों कांग्रेस की रायशुमारी में भी उक्त कांग्रेस नेता ने योगेंद्र साव को बेकसूर बताया था. कहा था कि योगेंद्र साव को फंसाया जा रहा है. अगर हम मदद नहीं करेंगे, तो कोई क्यों पार्टी के लिए खड़ा होगा. कांग्रेस के ही एक अन्य नेता भी पूर्व मंत्री को अंदर ही अंदर बचाने में लगे हैं. इन नेताओं द्वारा ही सरकार पर योगेंद्र साव की गिरफ्तारी रोकने का दबाव बनाया गया है. योगेंद्र साव की गिरफ्तारी नहीं हो, इसके लिए पुलिस के अफसरों से भी संपर्क किया जा रहा है.

योगेंद्र साव के एक-दो मददगार ब्यूरोक्रेसी में भी हैं, जो अपने-अपने तरीके से उन्हें मदद पहुंचा रहे हैं. सीआइडी जांच के आदेश के बाद, जांच में क्या फर्क आयेगा, यह कहना तो मुश्किल है, लेकिन यह तय है कि योगेंद्र साव को तत्काल गिरफ्तारी से बचने के मौका मिल जायेगा. चर्चा है कि हजारीबाग जिला पुलिस से अनुसंधान का जिम्मा हटाने के बाद ही योगेंद्र साव सामने आयेंगे.

ऐसे बचाया गया योगेंद्र साव को

-छह सितंबर को पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत राजकुमार गुप्ता का बयान अदालत में दर्ज कराया, जिसमें उसने योगेंद्र साव पर लगे आरोपों को सही बताया. साथ ही बताया कि संगठन बनाने के लिए हथियार दिये थे.

-इसके बाद भी पुलिस ने योगेंद्र साव को गिरफ्तार नहीं किया. यह कहा जाता रहा कि मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद होगी गिरफ्तारी. योगेंद्र साव आराम से रांची में घूमते रहे.

-12 सितंबर को योगेंद्र साव ने कृषि मंत्री के पद से इस्तीफा दिया.

-14 सितंबर को हजारीबाग पुलिस ने योगेंद्र साव को 15 सितंबर पूछताछ के लिए हाजिर होने का नोटिस दिया. लेकिन वह नहीं आये.

-15 सितंबर को योगेंद्र साव हजारीबाग पुलिस के सामने नहीं गये. 16 सितंबर को आने को कहा. पुलिस ने उनके खिलाफ वारंट हासिल किया.

-16 सितंबर की रात फ्लाइट से योगेंद्र साव दिल्ली भाग गये. 17 सितंबर तक दिल्ली स्थित झारखंड भवन में ठहरे. फिर अंडरग्राउंड हो गये.

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