रांची : उग्रवादी संगठन बनाने समेत कई आरोपों से घिरे पूर्व मंत्री योगेंद्र साव सोमवार को पुलिस के सामने नहीं आये. एसपी मनोज कौशिक ने बताया कि पुलिस अब मंगलवार को उनसे पूछताछ करेगी. हजारीबाग पुलिस ने श्री साव को नोटिस देकर 15 सितंबर को पूछताछ के लिए बुलाया था. एसपी ने बताया कि पूर्व मंत्री के बेटे ने पुलिस को एक लिखित आवेदन दिया है, जिसमें कहा है कि उसके पिता (योगेंद्र साव) शहर से बाहर हैं. इसलिए पूछताछ के लिए उन्हें एक हफ्ते का वक्त दिया जाये. इस बीच हजारीबाग की पुलिस ने योगेंद्र साव के चचेरा भाई पवन साव को हिरासत में ले लिया है. पवन साव से पूछताछ की जा रही है.
* भाई व साले की भी तलाश : पुलिस की टीम योगेंद्र साव के भाई और साला की भी तालाश कर रही है. नोटिस देने के बाद भी वे पुलिस के सामने उपस्थित नहीं हो रहे हैं. उल्लेखनीय है कि पूर्व मंत्री व उनके भाइयों से पूछताछ करने के लिए हजारीबाग के एसपी ने पुलिस टीम का गठन किया है. टीम में डीएसपी पीसीआर एचएल रवि, बड़कागांव के सर्किल इंस्पेक्टर अवधेश सिंह, गिद्दी थाना प्रभारी कमलेश प्रसाद व केरेडारी थाना प्रभारी अनिल कुमार सिंह हैं.
* हत्या की सुपारी देने का भी है आरोप : पूर्व मंत्री योगेंद्र साव, उनके भाइयों व साले पर उग्रवादी संगठन झारखंड टाइगर ग्रुप के गठन करने का आरोप है. यह आरोप भी है कि पूर्व मंत्री ने संगठन के सरगना राजकुमार गुप्ता को हथियार, मोटरसाइकिल और रुपये दिये. पूर्व मंत्री पर टंडवा के उप प्रमुख और कोयला ट्रांसपोर्टर बबलू मुंडा की हत्या के लिए पांच लाख रुपये सुपारी देने का भी आरोप है. राजकुमार गुप्ता की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने गिद्दी थाने में मामला (कांड संख्या-48/2014) दर्ज किया था.