19 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पुलिस को धोखा, व्हाट्स ऐप पर हो रहा क्राइम

विजय सिंह पटना : स्मार्ट फोन के जरिये अब इंटरनेट और व्हाटस एप अपराधियों के हाथों तक पहुंच रहा है. क्राइम के प्लान तैयार किये जा रहे हैं और शेयर भी हो रहे हैं. व्हाटस एप की यह गप-शप पूरी तरह से महफूज है. खास बात यह है कि पुलिस के पास मौजूदा तंत्र इसमें […]

विजय सिंह

पटना : स्मार्ट फोन के जरिये अब इंटरनेट और व्हाटस एप अपराधियों के हाथों तक पहुंच रहा है. क्राइम के प्लान तैयार किये जा रहे हैं और शेयर भी हो रहे हैं. व्हाटस एप की यह गप-शप पूरी तरह से महफूज है. खास बात यह है कि पुलिस के पास मौजूदा तंत्र इसमें सेंध नहीं लगा पा रहा है. पिछले एक दशक से पुलिस के लिए सबसे अचूक हथियार साबित होनेवाला सर्विलांस भी व्हाट्स एप के आगे धराशायी हो गया है. अब अपराधी खामोशी से प्लान तैयार कर रहे हैं और अपने गैंग के सदस्यों तक पहुंचा रहे हैं.

पुलिस सर्विलांस का इस्तेमाल करके भले ही बड़े अपराधियों को धूल चटाती रही हो, पर अब यह रास्ता बंद होता दिख रहा है. संगठित अपराध की गतिविधियां अब साधारण फोन पर वार्ता के दौरान शेयर नहीं हो रही हैं. गैंग बना कर हत्या व लूट करनेवाले अपराधी स्मार्ट फोन के जरिये व्हाट्स एप पर क्राइम प्लान को अपने सदस्यों तक पहुंचा रहे हैं. इसमें न लोकेशन आउट होने का डर और न ही वार्ता के रिकॉर्ड होने का खतरा. सब कुछ बस खामोशी से हो रहा है. पुलिस इसे नयी चुनौती मान रही है.

खास बात यह है कि अभी तक पटना पुलिस के पास ऐसा कोई संसाधन नहीं है, जिसे व्हाट्स एप के सामने खड़ा किया जा सके. इसके आगे पुलिस के हाथ बंध गये हैं. अपराधियों की अंगुलियां व्हाट्स एप के स्क्रीन पर तेजी से चल रही हैं. एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि इसकी जानकारी मिली है कि अपराधियों द्वारा व्हाट्स एप का प्रयोग किया जा रहा है. यह एक चुनौती है, जिससे निबटने की रणनीति बनायी जा रही है.

नये गैंग में बढ़ा स्मार्ट फोन का क्रेज

अपराधियों का नया गैंग स्मार्ट फोन का प्रयोग ज्यादा कर रहा है. गैंग के सदस्य आपस में व्हाट्स एप पर चैटिंग कर रहे हैं. कब, कहां और किसे निशाना बनाना है, यह सब तय हो रहा है. गैंग में वही सदस्य लीडर बन रहा है, जो पढ़ा-लिखा और तकनीकी जानकार है. अपराधियों ने जान लिया है कि मोबाइल फोन पर वार्ता करके घटना को अंजाम देना खतरनाक साबित हो सकता है. सर्विलांस के जरिये पुलिस उनके गिरेबान पर हाथ डाल सकती है, वे अब सिर्फ व्हाट्स अप का सहारा ले रहे हैं.

जेल के अंदर खेला जा सकता है खतरनाक खेल

पिछले दिनों बेऊर जेल में छापेमारी के दौरान पकड़े गये 200 मोबाइल फोन में ज्यादातर स्मार्ट फोन शामिल थे. जब्ती के बाद जांच से इस बात के संकेत मिले हैं कि इसमें व्हाट्स अप का इस्तेमाल किया जा रहा था. कोई खास मैसेज, तो पुलिस को नहीं मिला है, लेकिन जेल के अंदर स्मार्ट फोन ने पुलिस के माथे पर बल डाल दिया है. अब इस बात की आशंका बढ़ गयी है कि जेल में बैठे-बैठे हार्डकोर अपराधी बाहर अपने गुर्गो से खतरनाक खेल करवा सकते हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें