22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

27 लाख रुपये का कजर्दार है रंजीत उर्फ रकीबुल, फिर भी 36 लाख रुपये लेना चाहता था लोन

रांची: रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल को बैंकों ने 36 लाख रुपये कर्ज देने से इनकार कर दिया है. उसने यह कर्ज गाड़ी खरीदने के उद्देश्य से मांगी थी. उस पर बैंकों के अब भी 27.30 लाख रुपये कर्ज हैं. उसने बैंक से 2005 में लिये गये कर्ज को अब तक चुकता नहीं किया है. […]

रांची: रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल को बैंकों ने 36 लाख रुपये कर्ज देने से इनकार कर दिया है. उसने यह कर्ज गाड़ी खरीदने के उद्देश्य से मांगी थी.

उस पर बैंकों के अब भी 27.30 लाख रुपये कर्ज हैं. उसने बैंक से 2005 में लिये गये कर्ज को अब तक चुकता नहीं किया है. बैंकों से कर्ज लेने के लिए रंजीत ने अपना पता बरियातू हाउसिंग कॉलोनी बताया है. क्रेडिट इंफॉरमेशन ब्यूरो के सूत्रों के अनुसार रंजीत सिंह कोहली का आइडेंटीटी नंबर एचएफ 63161006 है. उसका पता बरियातू यूनिवर्सिटी कॉलोनी ब्लॉक नंबर चार और फ्लैट नंबर पांच है. उसने अपना फोन नंबर 8102777771 और 923578008 बताया है. उसने चार अप्रैल 2005 को पहली बार बैंक से दो लाख तीन हजार रुपये का कर्ज लिया. कर्ज की यह रकम उसने 30 अक्तूबर 2009 तक चुकायी.

उसने चार अप्रैल 2005 को ही 10 लाख रुपये का कर्ज लिया था. उसने कर्ज की यह रकम चुकानी बंद कर दी है. फिलहाल यह रकम सूद सहित 13.65 लाख 496 रुपये हो गया है. उसने बैंक से 28 मार्च 2014 को तीसरी बार कर्ज लिया. मार्च 2014 में बैंक ने उसे 10 लाख रुपये का कर्ज दिया. कुछ दिनों बाद उसने इसे भी चुकाना बंद कर दिया. इससे रकम बढ़ कर सूद सहित 13.65 लाख रुपये हो गया है. वर्ष 2013-14 की अवधि में उसने बैंकों से पांच बार कर्ज लेने की कोशिश की. हालांकि बैंकों ने उसे कर्ज नहीं दिया. पांचों बार उसने गाड़ी खरीदने के नाम पर कर्ज मांगी थी.

रंजीत सिंह पर कर्ज का ब्योरा

कर्ज लेने की तिथि राशि वर्तमान स्थिति

04-04-2005 2,03,000 रुपये बकाया नहीं

04-04-2005 12,03,000 रुपये बकाया 13.65,496

28-3-2014 10,00,000 रुपये बकाया 13.65 लाख

बैंकों ने जो कर्ज नहीं दिये

कर्ज मांगने की तिथि राशि

03-08-2013 पांच लाख

11-12-2013 आठ लाख

25-03-2014 5.90 लाख

27-03-2014 10 लाख

05-08-2014 आठ लाख

रंजीत उर्फ रकीबुल की कोर्ट में हुई पेश
रांची: रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल को एक दिन के रिमांड के बाद बुधवार को सीजेएम नीरज कुमार श्रीवास्तव की अदालत में पेश किया किया. उसके बाद उसे एक बार फिर 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. उसकी अगली पेशी 23 सितंबर को होगी. उसे बुधवार को दिन के करीब तीन बजे केस के आइओ हरिश्चंद्र सिंह सुरक्षा बल के साथ पुलिस जीप में कोर्ट लेकर पहुंचे.

3.10 बजे उसकी पेशी कोर्ट में हुई. उस समय सीजेएम नीरज कुमार श्रीवास्तव अदालत में बैठे हुए थे. अदालत में घुसने के साथ उसने सीजेएम को प्रणाम किया और कटघरे के बगल में खड़ा हो गया. थोड़ी देर बाद उसे सीजेएम ने बुलाया. उससे सीजेएम ने पूछा: कुछ कहना है. उसने नहीं में सिर हिलाया और कहा कि कुछ पेपर में उसे साइन करना है. उसके बाद वह फिर से कटघरा के बगल में खड़ा हो गया. थोड़ी देर बाद सीजेएम ने उसे ले जाने को कहा. अदालत में उसकी सुरक्षा में लगे एक एएसआइ ने कहा कि बाहर बहुत से मीडिया वाले खड़े हैं, थोड़ी देर में ले जाते हैं. बाद में सीजेएम ने आइओ डेली मार्केट इंस्पेक्टर हरिश्चंद्र सिंह को बुलाया. आइओ कुछ पेपर लाने बाहर गये थे. एक सिपाही उन्हें बुला कर लाया. वह साथ में पेपर लेकर आये. पेपर में साइन कराने के बाद रंजीत उर्फ रकीबुल को करीब 3.30 बजे अदालत से बाहर निकाला गया. उसने मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया. कहा: मुङो कुछ नहीं कहना है.

पुलिस जीप से उतरते ही पूछा, कहां हैं कुंदन जी
पेशी के दौरान पुलिस जीप से उतरते ही रंजीत उर्फ रकीबुल ने पूछा कि अधिवक्ता कुंदन जी कहां हैं. अधिवक्ता कुंदन रंजीत के वकील अविनाश पांडेय के साथ हैं. तुरंत अधिवक्ता कुंदन पहुंचे और रंजीत से बात की. रंजीत ने कान में अधिवक्ता से कुछ कहा. इस बीच अदालत में वह अधिवक्ता कुंदन से बात करता रहा.

कौशल रानी की भी हिरासत अवधि बढ़ी
बुधवार को रंजीत उर्फ रकीबुल की मां कौशल रानी उर्फ कौशल्या की भी पेशी हुई. उसकी हिरासत की अवधि भी 23 सितंबर तक बढ़ा दी गयी. उसे 23 सितंबर को फिर पेश किया जायेगा. गौरतलब है कि रंजीत उर्फ रकीबुल व उसकी मां को 27 अगस्त को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था. 28 अगस्त को उन्हें जेल भेज दिया गया था. उनकी अगली पेशी की तिथि 10 सितंबर तय की गयी थी.

एनआइए व इंटरपोल की मदद ली जाये: मंच
रांची: भारतीय सुराज मंच का मानना है कि तारा शाहदेव प्रकरण के सभी पहलुओं पर सीबीआइ की जांच जरूरी है. मंच के अध्यक्ष पीके सिद्धार्थ ने कहा कि तारा शाहदेव प्रकरण में दो पहलू हैं. एक तो हिंदू महिला पर अत्याचार और उसके पति द्वारा उसके धर्म परिवर्तन का प्रयास, जबकि दूसरा पहलू है दलाल, पुलिस, न्यायपालिका, अफसरों और राजनेताओं के गंठजोड़ से नाजायज काम कराने का. दोनों पहलुओं की जांच सीबीआइ से करना जरूरी है. इसमें एनआइए, प्रवर्तन निदेशालय और आवश्यकता पड़ने पर रिसर्च एंड अनैलिसिस विंग और इंटरपोल से मदद लेनी चाहिए. श्री सिद्धार्थ ने सीबीआइ जांच में हो रही देरी पर चिंता जताते हुए कहा कि इस मामले में बड़े-बड़े अधिकारी संलिप्त हैं. इनके खिलाफ सबूत मिटाने की कोशिश की जा सकती है. उन्होंने कहा कि जहां तक लव जेहाद का मामला है, बिना जांच के यह निष्कर्ष निकालना उचित नहीं होगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें