रांची: रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन को गुरुवार को पुलिस रिमांड की अवधि पूरी होने के बाद सीजेएम नीरज कुमार श्रीवास्तव की अदालत में पेश किया गया. अदालत में पेशी के बाद सीजेएम ने उसे जेल भेजने का आदेश दिया. कोर्ट हाजत में जाने के पूर्व एक चैनल के पत्रकार ने उससे बातचीत की.
रंजीत उर्फ रकीबुल ने कहा कि न्यायिक अधिकारियों से वह पार्टी और फंक्शन में मिला है. उसने कहा: मंत्रियों से मेरी कोई निजी संबंध नहीं है. मैं एक एनजीओ का निदेशक हूं. इस कारण मंत्रलय आता-जाता था.एनजीओ के काम से कभी-कभी मंत्रियों व अन्य अधिकारियों से भी मेरी मुलाकात होती थी. घर से कोर्ट के कागजात मिलने की बात को वह टाल गया. उसने कहा कि डीएसपी सुरजीत मेरा मित्र है. मित्र के नाते वह मुझसे मिलता था. मुझ पर मात्र एक आरोप भादवि की धारा 498-ए का है. यह बहुत बड़ी धारा नहीं है.
* सिविल कोर्ट में लगी थी लोगों की भीड़
रंजीत उर्फ रकीबुल की पेशी दिन के करीब 1.30 कोर्ट में हुई. उसके आने की सूचना मिलते ही पूर्व सिविल में लोगों की भीड़ लग गयी थी. सीजेएम कोर्ट के सामने पीपी के चेंबर जानेवाले सीढ़ी पर सैकड़ों लोग भरे पहुंचे हुए थे. कुछ लोग मोबाइल से उसकी तसवीर भी ले रहे थे. भीड़ के कारण पुलिस ने उसे थोड़ी देर के लिए जीप में ही बैठाये रखा. दिन के करीब 1.40 बजे उसे सीजेएम नीरज कुमार श्रीवास्तव की अदालत में पेश किया गया. इस बीच कई लोग उसे देखने अदालत के अंदर भी घुस गये, जिन्हें पुलिसकर्मियों ने निकाला. कटघरे के बगल में वह वकीलों के साथ खड़ा रहा.करीब 10 मिनट तक वह चार-पांच वकीलों से बात करता रहा. वकील अविनाश पांडेय के जूनियर ने उसे कुछ समझाया, जिसमें उसने हामी भरी. करीब 1.50 बजे सीजेएम अदालत में आये.
* दिन के 1.55 बजे सीजेएम ने बुलाया
दिन के 1.55 बजे सीजेएम ने रंजीत उर्फ रकीबुल को अपने सामने बुलाया. अदब से दोनों हाथ जोड़ कर रंजीत उर्फ रकीबुल सीजेएम के सामने कटघरे में खड़ा हो गया. सीजेएम ने उससे पूछा की कोई दिक्कत या परेशानी. उसने कहा नहीं. 1.57 बजे सीजेएम ने इंस्पेक्टर हरिश्चंद्र सिंह को उसे जेल भेजने की इजाजत दी. उसके बाद पुलिस उसे सीजेएम की अदालत से निकाला और जीप में बैठा कर कोर्ट हाजत की ओर ले गये.
* ..अरे यह तो शातिर है
रंजीत उर्फ रकीबुल को कोर्ट हाजत ले जाने के लिए निकाला जा रहा था. कोर्ट हाजत के पहले न्यायिक दंडाधिकारी भवन है. रंजीत को देखने के लिए न्यायिक दंडाधिकारी भवन के नीचे व ऊपर वाले तल्ले में महिला व पुरुषों की भीड़ लगी हुई थी. महिलाएं कह रही थी,एक महिला के साथ अन्याय करनेवाले को हमें सौंप दे, तो हम ऑन स्पॉट उसे सजा दे देंगे. वहीं एक महिला कह रही थी कि अरे. यह तो काफी शातिर है.