दक्षा वैदकर
कई बार हम अनजाने में या जान-बूझ कर किसी को कुछ गलत बोल जाते हैं. हमें इस बात का अंदाजा नहीं होता कि इस वाक्य का सामनेवाले की जिंदगी पर क्या असर पड़ेगा. कुछ लोग इस बात को हल्के में लेते हुए भूल जाते हैं, लेकिन कुछ को ये बातें इतनी ज्यादा चुभती हैं कि वे भले ही किसी ऊंचे पद पर पहुंच जायें, लेकिन वे वाक्य जिंदगीभर भूल नहीं पाते. ऐसे उदाहरण हर किसी के पास हैं, आपको बस पूछने की देर है कि आपका आज तक का सबसे खराब अनुभव कौन-सा रहा. इस सवाल के जवाब में आपको ऐसे लोग भी मिल जायेंगे, जो अभी भले ही 50-55 के हों, लेकिन बचपन का कोई किस्सा सुनायेंगे. यह बताता है कि लोगों की बातें कितनी गहराई तक असर करती है.
महानायक अमिताभ बच्चन ने एक इंटरव्यू में बताया था कि फिल्म इंडस्ट्री के उनके शुरुआती दौर में जब वे एक-दो फिल्में कर चुके थे और फिल्में ज्यादा चली नहीं थीं, एक दिन वे परिवार के साथ किसी कार्यक्रम से निकल कर गाड़ी में बैठ रहे थे. कार में बैठते ही एक आदमी ने कार के अंदर झांका और उन्हें खूब भला-बुरा कहा. उन्हें कहा, ‘तुम्हारे अंदर कोई टैलेंट नहीं है, अपनेआप को बहुत बड़ा हीरो समझता है. घटिया एक्टिंग करते हो तुम. भाग जाओ यहां से.’ अमिताभ बच्चन को अपने पिताजी हरिवंश राय बच्चन के सामने जब उस व्यक्ति ने उन्हें ये शब्द कहे, तो वे कई दिनों तक डिस्टर्ब रहे. आज सालों बाद भी वह वाकया उनकी आंखों में जस-का-तस बसा हुआ है.
वहीं आलिया भट्ट ने बताया कि जब चाइल्ड एक्टर के रूप में उन्होंने ‘संघर्ष’ में काम किया था, तो प्रीति जिंटा ने उन्हें कहा था कि एक दिन तुम बहुत बड़ी स्टार बनोगी. यह लाइन उन्हें आज भी याद है. इस लाइन ने ही उनके अंदर विश्वास जगाया कि वे भी एक्ट्रेस बन सकती हैं.
दोस्तों ये चंद उदाहरण बताते हैं कि हमारे वाक्य किस कदर लोग याद रखते हैं. यह हम पर निर्भर करता है कि हम सामनेवाले के दिल में जिंदगीभर के लिए अपनी अच्छी याद रखना चाहते हैं या बुरी याद.
बात पते की..
– किसी को भी कोई बात बोलने के पहले यह विचार कर लें कि इसका असर सामनेवाले पर क्या पड़ सकता है. शब्दों के चयन पर खास ध्यान दें.
– कई बार हम कड़वे शब्द यह सोच कर बोलते हैं कि सामनेवाला सुधर जायेगा. वह काम करेगा. यह सोच बिल्कुल गलत है.