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सेक्स के लिए हज़ारों मील का सफ़र

सुमिरन प्रीत कौर बीबीसी संवाददाता, दिल्ली ये बात शायद बहुत कम ही लोग जानते हों कि भारत दुनिया के उन सात देशों में शामिल है जो जैव विविधता में बेहद समृद्ध हैं. जैसे समुद्र अपने भीतर एक अलग ही दुनिया समेटे हुए हैं. वैसे ही जंगलों के अंदर भी जीवन बेहद दिलचस्प और हैरान कर […]

ये बात शायद बहुत कम ही लोग जानते हों कि भारत दुनिया के उन सात देशों में शामिल है जो जैव विविधता में बेहद समृद्ध हैं. जैसे समुद्र अपने भीतर एक अलग ही दुनिया समेटे हुए हैं. वैसे ही जंगलों के अंदर भी जीवन बेहद दिलचस्प और हैरान कर देने वाला है. वाइल्ड लाइफ फ़िल्ममेकर कभी-कभी कैमरे में कुछ ऐसी गतिविधियां क़ैद कर लेते हैं जो बहुत कम लोग ही अपने जीवन मे देख पाते हैं.

डुबा कर मारने वाला मकड़ा

दिल्ली के रहने वाले और ग्रीन ऑस्कर जीत चुके वन्यजीव फ़िल्मकार माइक पांडे बताते हैं, ‘एक बार हमने मकड़े पर फ़िल्म बनाई. हमने देखा एक मकड़ा दिखने में तो बहुत छोटा होता है लेकिन उसमें अक्ल की कोई कमी नहीं हैं. वो जितना चतुर शिकारी पानी के ऊपर है, उतना ही पानी के नीचे भी. वो पानी का बुलबुला बनाता है फिर ख़ुद उसमें आराम से साँस लेकर रात को सोता है. अपने शिकार को डुबाकर उसका लुफ़्त उठाता है.’

गुप्त मिलन करने वाला लाल पांडा

मशहूर वाइल्ड लाइफ़ फ़िल्मकार बेदी ब्रदर्स के नरेश बेदी बताते हैं कि, ‘भारत में आपको लाल पांडा मिलेंगे लेकिन इसकी ज़्यादा जानकारी नहीं है. हमने इस शर्मीले जानवर पर फ़िल्म बनाई और इनकी गतिविधियाँ कैमरे में उतारीं. इससे कहीं ज़्यादा हैरत की बात ये है कि वो साल में एक ही बार संभोग करते हैं और पता नहीं होता वो दिन कौन सा है.’

नाक से आवाज़ निकालने वाला घड़ियाल

नरेश बेदी बताते हैं, ‘जब हम घड़ियाल के ऊपर फ़िल्म बना रहे थे, तब पता चला कि जानवर हमसे अलग होकर भी अलग नहीं. मादा महफूज़ जगह पर अपने अंडे देती है. जब बच्चे अंडों से निकलते हैं, माँ और दूसरे घ़डियाल भी उत्सुकता से देखते हैं. घड़ियाल की नाक के ऊपर एक उल्टे घड़े जैसी थूथन होती है जिससे वो तरह-तरह की आवाज़ें निकालते हैं. इसका असली काम क्या है, लंबे समय तक इसकी जानकारी नहीं थी. हमने देखा कि वो तरह-तरह की आवाज़ें निकालने मे मदद करता है.’

सेक्स के लिए हज़ारों मील का सफ़र

नरेश बेदी बताते हैं, ‘लद्दाख में ‘बार हेडेड गीज़’ यानी कलहंस जो सिर्फ़ एशिया मे पाए जाते हैं. रूस, तिब्बत और कज़ाख़स्तान जैसे देशों से यहां संभोग करने आते हैं. इन्हें अपने कैमरे में उतारने के लिए हमें उतरना पड़ा 20 किलोमीटर लंबी बर्फीली झील में. ये पंछी यहां हिमालय पार करके पहुंचते हैं. नज़ारा देखने वाला था.’

वाइल्ड लाइफ फ़िल्मकार कैमरे में कुछ ऐसी गतिविधियाँ क़ैद कर लेते हैं जिनसे हम जानवरों के बारे मे नई बातें जानते हैं. वैसे इन अनोखे जानवरों के बारे में हम जितना जानें उतना कम है.

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