सीतारामपुर : कुल्टी नगरपालिका के वार्ड चार अंतर्गत श्री श्री हरिहर मंदिर के समीप स्थित एक निजी तालाब की सफाई नगरपालिका द्वारा सरकारी पैसे से कराने का मामला प्रकाश में आया है. जानकारों का कहना है कि यह तालाब नियामतपुर के चक्रवर्ती ब्रदर्स की संपत्ति है.
बावजूद इसके कुल्टी नगरपालिका द्वारा इसकी कटाई व सफाई करायी जा रही है. इस कार्य के मद में 10 लाख का खर्च आएगा. तालाब में यदि पालिका मछली पालन करती या फिर यह किसी संस्था व सरकार की होती, तो खर्च करना मुनासिब था लेकिन निजी संपति के लिए पालिका का यह कदम सबको स्तब्ध कर रहा है.
हालांकि सूत्रों का कहना है कि यह कार्य सौ दिन रोजगार गारंटी योजना के तहत किया जा रहा है. लेकिन इस योजना के तहत जो भी कार्य होते हैं, उसमें क्षेत्र के बेरोजगारों को काम दिया जाता है, लेकिन यहां तमाम कार्य मशीनों द्वारा किये जा रहे हैं, जो अनुचित है.
विपक्ष के पार्षद प्रियव्रत सरकार से इस संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि एक निजी तालाब की सफाई व कटाई नगरपालिका द्वारा किस योजना के तहत की जा रही है, वह स्वयं नहीं जानते हैं. नगरपालिका द्वारा इस तरह के कार्य आरंभ करने से पहले बोर्ड में चर्चा करायी जाती है, लेकिन इस तालाब की सफाई या कटाई कार्य की कोई चर्चा बोर्ड की बैठक में नहीं हुई. वह बैठक में इस मुद्दे को उठायेंगे साथ ही जिला शासक को भी मामले की जानकारी देंगे.
माकपा पार्षद सह डीवाईएफआई के जिला अध्यक्ष देवानंद प्रसाद का कहना है कि यह जनता के पैसे का दुरुपयोग है. इस मामले की जांच होनी चाहिए और यह सार्वजनिक किया जाना चाहिए कि किस आधार पर किस योजना के तहत यह काम हो रहा है.
नगरपालिका के सीआइसी मीर हासिम से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि सौ दिन रोजगार योजना के तहत तालाब का काम हो रहा है, इससे वह चिंतित हैं. छठ पूजा करने में लोगों को असुविधा न हो इसके लिए वह पालिका अध्यक्ष से बात करेंगे.
टेंडर सीआइसी अनिता साव का कहना है कि कार्य किस योजना के तहत किया जा रहा है, इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है. तालाब खुदाई के बाद छठ पूजा करने वालों को परेशानी न हो इस संबंध में वह पालिका अध्यक्ष से बात करेंगी.
यह तालाब छठ तालाब के रूप में इलाके में प्रसिद्ध है. लेकिन जिस तरह से तालाब की कटाई की जा रही है, उससे लोगों में यह भय उत्पन्न हो गया है कि अब इस तालाब में छठ पूजा करना काफी मुश्किल होगा. घाटों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया है.
छठपूजा कमेटी के अध्यक्ष जगन्नाथ प्रसाद का कहना है कि पिछले लगभग एक सौ साल से इस तालाब में महापर्व छठ के अवसर पर सैकड़ों की संख्या में व्रती महिलाएं यहां भगवान भास्कर को अर्घ्य देती आयी हैं. तालाब कटाई से पूर्व इस बात का ध्यान रखना चाहिए था. इससे श्रद्धालुओं की धार्मिक भावना को ठेस पहुंची है. वे लोग इसका विरोध करते हुए छठ घाट बनाने की मांग करेंगे.