<figure> <img alt="निर्भया गैंगरेप" src="https://c.files.bbci.co.uk/116A/production/_109485440_28924ea0-7e7b-409b-9de0-11c3c1b63b12.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>निर्भया गैंगरेप के अभियुक्तों के पास अब राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है. ये याचिका दायर करने के लिए भी इनके पास सिर्फ़ सात दिनों का वक़्त बचा है.</p><p><strong><em>टाइम्स ऑफ़ इंडिया </em></strong> में छपी <a href="https://timesofindia.indiatimes.com/city/delhi/all-legal-remedies-exhausted-can-file-mercy-plea-to-president-authorities-to-nirbhaya-convicts/articleshow/71838500.cms">रिपोर्ट</a> के अनुसार तिहाड़ जेल के प्रशासन ने गैंगरेप के अभियुक्तों को बताया है कि उन्होंने सभी क़ानूनी रास्ते आज़मा लिए हैं.</p><p>अब राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजने के अलावा कोई और विकल्प उनके पास नहीं बचा है.</p><p>ट्रायल कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट ने निर्भया मामले में तीन अभियुक्तों को मौत की सज़ा सुनाई है.</p><p>पिछले साल इन्होंने सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली हाई कोर्ट के फ़ैसले की समीक्षा की अर्ज़ी डाली थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इनकी याचिका ख़ारिज कर दी थी और मौत की सज़ा बरक़रार रखी थी. </p><p>दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को एक छात्रा के साथ छह लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया था. छात्रा की गंभीर रूप से जख़्मी होने के बाद मौत हो गई थी. </p><p>निर्भया गैंगरेप के बाद देश भर में बलात्कार और यौन हमलों के ख़िलाफ़ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे. </p><p><strong>ये भी पढ़ें</strong><strong>: </strong><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-48182760?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">निर्भया के माता-पिता पूछ रहे हैं, ‘क्यों वोट दें? किसके लिए वोट दें?'</a></p><figure> <img alt="कश्मीर" src="https://c.files.bbci.co.uk/869A/production/_109485443_f182f638-6758-4753-87d0-afee0bd5b851.jpg" height="664" width="1000" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p><strong>कश्मीरियों की</strong><strong> मानसिक तकलीफ़ें बढ़ीं</strong></p><p><strong><em>इंडियन एक्सप्रेस </em></strong>में छपी <a href="https://indianexpress.com/article/india/report-on-kashmir-situation-marked-increase-in-psychological-distress-6097064/">ख़बर</a> के अनुसार कश्मीर में 5 अगस्त के बाद से लोगों में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियां तेज़ी से बढ़ी हैं. </p><p>11 मनोचिकित्सकों की एक टीम लोगों के मानसिक स्वास्थ्य की पड़ताल करने कश्मीर गई थी और वहां से लौटने के बाद टीम ने यह रिपोर्ट पेश की है. </p><p>टीम की अगुवाई कर रहे डॉक्टर अमित सेन ने कश्मीर में मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों और स्थानीय लोगों से बातचीत की.</p><p>डॉक्टर सेन ने बताया, ”रोज़मर्रा की ज़िंदगी में अचानक उथल-पुथल मचने से कश्मीरियों के मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ा है. ख़ासकर बच्चे इन सबसे बहुत प्रभावित हुए हैं."</p><p>डॉक्टरों का कहना है कि 5 अगस्त के बाद से कश्मीर के लोगों में डिप्रेशन, स्ट्रेस (तनाव),एंग्जायटी (बहुत ज़्यादा घबराहट) और ट्रॉमा बढ़ा है.</p><p>डॉक्टरों की इस टीम ने कुछ मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के साथ 28 सितंबर से 4 अक्टूबर के बीच कश्मीर का दौरा किया था. </p><p><strong>ये भी पढ़ें</strong><strong>: </strong><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49266321?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">कश्मीर: ‘विरोध का प्रतीक’ बनी इस फ़ोटो की कहानी</a></p><figure> <img alt="कुलभूषण जाधव" src="https://c.files.bbci.co.uk/D4BA/production/_109485445_8d10dbfb-169d-4e16-8bc3-0077813fb87d.jpg" height="666" width="1011" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h3>पाकिस्तान ने किया वियना संधि का उल्लंघन</h3><p>टाइम्स ऑफ़ इंडिया में ख़बर है कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) के अध्यक्ष जस्टिस अब्दुलकावी युसूफ़ ने संयुक्त राष्ट्र में कहा है कि कुलभूषण जाधव मामले में पाकिस्तान ने वियना संधि का उल्लंघन किया है. </p><p>युसूफ़ ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में बताया कि वियना संधि के अनुच्छेद 36 के तहत ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिसमें जासूसी के आरोप में गिरफ़्तार किसी नागरिक को राजनायिक पहुंच या कॉन्सुलर एक्सेस से दूर रखा जाए. </p><p>उन्होंने ये भी कहा कि पाकिस्तान ने भारत को जाधव की गिरफ़्तारी की सूचना देरी से दी. </p><p>पाकिस्तान ने क़रीब तीन हफ़्ते बाद भारत को जाधव की गिरफ़्तारी के बारे में बताया था लेकिन वियना संधि के मुताबिक़ ये जानकारी तुरंत दी जानी चाहिए थी. </p><p><strong>ये भी पढ़ें</strong><strong>: </strong><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-49556903?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">कुलभूषण जाधव बेहद दबाव में हैं: भारत</a></p><figure> <img alt="प्रदूषण" src="https://c.files.bbci.co.uk/122DA/production/_109485447_19865a8d-5d92-41df-b984-7efd5e4ea569.jpg" height="597" width="1017" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h3>वायु प्रदूषण: गंगा किनारे रहने वालों की उम्र घटी</h3><p>जनसत्ता में छपी एक रिपोर्ट बताती है कि उत्तर भारत में गंगा किनारे मैदानी इलाकों में रहने वाले लोगों की औसत आयु पर वायु प्रदूषण का ख़तरनाक असर पड़ रहा है.</p><p>अमरीका के शिकागो यूनिवर्सिटी की शोध संस्था एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट (EPIC) के एक अध्ययन में पता चला है कि गंगा के मैदानी इलाकों में रहने वाले लोगों की औसत वायु लगभग सात साल तक कम हो सकती है. </p><p>एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉक्टर माइकल ग्रीनस्टोन ने यह रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट में 1998 से 2016 के बीच गंगा के मैदानी इलाकों में वायु प्रदूषण में 72 फ़ीसदी इजाफ़ा हुआ है. </p><p>गंगा के मैदानी इलाकों में भारत की लगभग 40 फ़ीसदी आबादी रहती है. </p><p><strong>ये भी पढ़ें</strong><strong>: </strong><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-50205051?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">दिल्ली के प्रदूषण के लिए दिवाली कितनी ज़िम्मेदार?</a></p><figure> <img alt="कार्टून" src="https://c.files.bbci.co.uk/17B36/production/_109487079_4ea0d188-5f73-41f1-970b-be44e319e323.jpg" height="712" width="671" /> <footer>Indian Express/Unni</footer> </figure><p><strong>व्हाट्सऐप</strong><strong>जासूसी और कश्मीर</strong></p><p>वॉट्सऐप के जरिए भारतीय पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी की ख़बर सभी अख़बारों में पहले पन्ने पर है. </p><p><strong><em>इंडियन एक्सप्रेस</em></strong> में वॉट्सऐप के जरिए जासूसी और कश्मीर के हालात को जोड़ते हुए उन्नी का बनाया एक <a href="http://epaper.indianexpress.com/2397264/Delhi/November-01-2019#page/3/1">कार्टून</a> प्रकाशित हुआ है.</p><p>कार्टून में एक व्यक्ति पिंजरा सा लिए खड़ा है. </p><p>पिंजरे पर लिखा है : श्रीनगर. यहां आइए, यहां कोई जासूसी नहीं होगी. यहां व्हाट्सऐप नहीं है, और तो और यहां इंटरनेट ही नहीं है. </p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम </a><strong>और </strong><a href="https://www.youtube.com/user/bbchindi">यूट्यूब</a><strong>पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>
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निर्भया गैंगरेप के अभियुक्तों के पास राष्ट्रपति को दया याचिका भेजने के लिए सात दिन: प्रेस रिव्यू
<figure> <img alt="निर्भया गैंगरेप" src="https://c.files.bbci.co.uk/116A/production/_109485440_28924ea0-7e7b-409b-9de0-11c3c1b63b12.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>निर्भया गैंगरेप के अभियुक्तों के पास अब राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है. ये याचिका दायर करने के लिए भी इनके पास सिर्फ़ सात दिनों का वक़्त बचा है.</p><p><strong><em>टाइम्स ऑफ़ इंडिया </em></strong> में छपी <a href="https://timesofindia.indiatimes.com/city/delhi/all-legal-remedies-exhausted-can-file-mercy-plea-to-president-authorities-to-nirbhaya-convicts/articleshow/71838500.cms">रिपोर्ट</a> के अनुसार […]
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