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कोलकाता के दुर्गा पूजा पंडाल में कथित रूप से अजान बजने पर विवाद

<p>पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में आयोजित एक दुर्गापूजा पंडाल में कथित रूप से अजान की रिकॉर्डिंग बजने के बाद सोशल मीडिया में इस मुद्दे पर विवाद पैदा हो गया है.</p><p>एक स्थानीय वकील ने बेलियाघाट 33-पल्ली पूजा के आयोजकों के ख़िलाफ़ हिंदू भावनाओं को आहत करने की शिकायत करते हुए ई-मेल से बेलियाघाटा थाने को […]

<p>पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में आयोजित एक दुर्गापूजा पंडाल में कथित रूप से अजान की रिकॉर्डिंग बजने के बाद सोशल मीडिया में इस मुद्दे पर विवाद पैदा हो गया है.</p><p>एक स्थानीय वकील ने बेलियाघाट 33-पल्ली पूजा के आयोजकों के ख़िलाफ़ हिंदू भावनाओं को आहत करने की शिकायत करते हुए ई-मेल से बेलियाघाटा थाने को शिकायत भेजी है. लेकिन पुलिस ने इस मामले में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की है.</p><p>आयोजकों का दावा है कि अजान की रिकॉर्डिंग नहीं बल्कि इस्लाम के बारे में उर्दू में बजाए जाने वाले संदेश का मक़सद हिंदू और मुस्लिम सम्प्रदाय में भाईचारे का संदेश देना था. सोशल मीडिया पर इसका वीडियो वायरल होने के बाद पक्ष और विपक्ष में तमाम प्रतिक्रियाएं आ रही हैं.</p><p>तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय विधायक परेश पाल इस दुर्गापूजा समिति के संरक्षक हैं. उन्होंने इस विवाद को निराधार बताते हुए इस पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है.</p><p><a href="https://twitter.com/srikanthbjp_/status/1180347198766104576">https://twitter.com/srikanthbjp_/status/1180347198766104576</a></p><p>कोलकाता की इस आयोजन समिति ने अबकी सर्वधर्म समभाव की थीम पर अपना पूजा पंडाल बनाया है. पंडाल में तमाम धर्मों के प्रतीक चिन्ह उकेरे गए हैं.</p><p>आयोजकों की दलील है कि उन्होंने समाज और देश में बढ़ती असहिष्णुता को ध्यान में रखते हुए इस बार आमरा एक, एका नय (हम एक हैं, अकेले नहीं) की थीम पर पंडाल बनाने का फ़ैसला किया था. बीते दो दिनों से पंडाल से कथित रूप से अजान की रिकॉर्डिंग बजाने पर इलाके के कई लोगों में भारी नाराजगी है. उनकी दलील है कि दुर्गापूजा राज्य में सबसे बड़ा त्योहार है.</p><p><a href="https://twitter.com/speakingfoolish/status/1180133052757889024">https://twitter.com/speakingfoolish/status/1180133052757889024</a></p><p>एक स्थानीय निवासी तारकेश्वर पाल कहते हैं, &quot;सभी धर्मों का सम्मान करना अलग बात है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हमें दूसरे धर्मों के रीति-रिवाजों का पालन भी करना होगा. पूजा के पंडाल से अजान बजाना ग़लत है.&quot; उनका सवाल है कि क्या ईसाई या मुस्लिमों के त्योहार के दौरान हिंदू देवी-देवताओं की गीत या भजन चलाए जाते हैं?&quot;</p><p>एक स्थानीय एडवोकेट शांतनु सिंघा ने पुलिस को ई-मेल से भेजी शिकायत में क्लब के सचिव परिमल दे समेत दस लोगों के नाम दिए हैं.</p><p>शांतनु कहते हैं, &quot;दुर्गापूजा के पंडाल से अजान बजा कर आयोजक राज्य में शांति और सद्भाव भंग करने का प्रयास कर रहे हैं. इससे हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंची है.&quot; उनका आरोप है कि आयोजकों ने जान-बूझ कर ऐसा किया है. शांतनु अपने आरोप के समर्थन में सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले एक वीडियो की दलील देते हैं.</p><p><a href="https://twitter.com/Achinty68400859/status/1180162954676719616">https://twitter.com/Achinty68400859/status/1180162954676719616</a></p><p>पुलिस ने हालांकि अब तक शांतनु की शिकायत पर एफ़आईआर नहीं दर्ज की है. उसने अब तक इस मामले पर कोई टिप्पणी भी नहीं की है. पुलिस के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने पर बताया कि सोशल मीडिया पर इस बारे में आने वाली पोस्ट पर साइबर सेल नजदीकी निगाह रख रहा है.</p><p><a href="https://twitter.com/OnlyOneDubey/status/1179885284588048384">https://twitter.com/OnlyOneDubey/status/1179885284588048384</a></p><p>दूसरी ओर, आयोजकों की दलील है कि उनकी इस साल की थीम का मकसद तमाम धर्म के लोगों में शांति का संदेश देना है. क्लब के सचिव परिमल डे का आरोप है कि इस मामले को बेवजह राजनीतिक रंग दिया जा रहा है. वह कहते हैं, &quot;बंगाल की दुर्गापूजा अपने सामाजिक संदेशों के लिए मशहूर है. अपनी थीम के तहत हमने पंडाल में मंदिर के अलावा चर्च और मस्जिद के माडल लगा कर इन धर्मों के प्रतीक चिन्हों का भी इस्तेमाल किया है.&quot; डे कहते हैं कि क्लब का मकसद यह संदेश देना है कि मानवता सभी धर्मों से ऊपर है.</p><p>आयोजकों का कहना है कि अपनी थीम के तहत उन्होंने एक वीडियो के जरिए तीनों धर्मों के बारे में बताया है. परिमल दे कहते हैं, &quot;मां दुर्गा की पूजा के दौरान अजान की रिकार्डिंग बजाने के आरोप निराधार हैं. लोगों ने हिंदी और ईसाई धर्म के बारे में वीडियो में दिए गए संदेशों की तो अनदेखी कर दी. लेकिन निहित स्वार्थ वाले कुछ तत्व उर्दू में जारी संदेश पर विवाद खड़ा कर रहे हैं.&quot; हालांकि दे यह नहीं बताते कि निहित स्वार्थ वाले तत्व कौन हैं.</p><p>वैसे, इस विवाद की वजह से बेलियाघाटा के इस पंडाल में पहुंचने वाले दर्शनार्थियों की तादाद कई गुनी बढ़ गई है. दक्षिण 24-परगना जिले के बारूईपुर से यहां पहुंचे एक युवक सोमेन हालदार कहते हैं, &quot;पूजा में अजान बजने की ख़बर फैलने के बाद मेंने दोस्तों के साथ यहां आने का फ़ैसला किया. लेकिन यहां तो भारी भीड़ है.&quot;</p><p><strong>ये भी पढ़ें —</strong></p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49931324?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">पश्चिम बंगाल में 28 हज़ार से ज्यादा पंडालों में दुर्गापूजा आयोजित की जाती है.</a></li> </ul> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-41083427?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">जीएसटी से फीकी पड़ी दुर्गापूजा की रंगत</a></li> </ul> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49434395?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">प. बंगाल में सियासत का हथियार बनते त्योहार</a></li> </ul><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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