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चीन के साथ शोध रोकना, नुकसान पहुंचाएगा: सत्या नडेला

<figure> <img alt="सत्या नडेला" src="https://c.files.bbci.co.uk/A605/production/_109110524_39f2c453-2e4d-40e3-8a8d-86201730716a.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> <figcaption>माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला हैदराबाद में पैदा हुए थे</figcaption> </figure><p>माइक्रोसॉफ्ट अमरीका के बाहर अगर कहीं भी सबसे अधिक अनुसंधान और विकास काम करता है तो वह है चीन. हालांकि,अमरीका-चीन के बीच व्यापार और साइबर-सुरक्षा के मुद्दों पर खटास जारी रहने का असर चीन के […]

<figure> <img alt="सत्या नडेला" src="https://c.files.bbci.co.uk/A605/production/_109110524_39f2c453-2e4d-40e3-8a8d-86201730716a.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> <figcaption>माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला हैदराबाद में पैदा हुए थे</figcaption> </figure><p>माइक्रोसॉफ्ट अमरीका के बाहर अगर कहीं भी सबसे अधिक अनुसंधान और विकास काम करता है तो वह है चीन. हालांकि,अमरीका-चीन के बीच व्यापार और साइबर-सुरक्षा के मुद्दों पर खटास जारी रहने का असर चीन के साथ दशकों से जारी माइक्रोसॉफ्ट के संबंधों पर भी पड़ा है.</p><p>बीबीसी न्यूज़ के साथ एक साक्षात्कार में माइक्रोसॉफ्ट के मुख्य कार्यकारी सत्या नडेला ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं के बावजूद, चीन से अलग होना ज़्यादा नुकसान पहुंचाएगा.</p><p>उन्होंने कहा, &quot;आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के बहुत सारे शोध खुलेआम होते हैं और दुनिया को इससे मिली जानकारी का लाभ भी मिल रहा है.&quot;</p><p>उन्होंने बताया, &quot;मेरे लिए यह पुनर्जागरण काल और वैज्ञानिक क्रांति के बाद सबसे बड़ा सच है. इसलिए मुझे लगता है कि अगर चीन के साथ शोध और अनुशंधान पर पाबंदी लगाई गईं तो इससे स्थिति में सुधार के बजाए नुकसान ज़्यादा होगा.&quot;</p><p>चीन में माइक्रोसॉफ्ट का पहला दफ़्तर इसके संस्थापक और तत्कालीन सीईओ बिल गेट्स ने 1992 में खोला था. बीजिंग स्थित इसके हेडक्वार्टर में 200 से अधिक वैज्ञानिक और 300 से अधिक विजिटिंग स्कॉलर एवं छात्र कार्यरत हैं. माइक्रोसॉफ्ट इस समय अन्य कामों के अलावा मशीन लर्निंग के शोधकर्ताओं की भर्ती कर रहा है.</p><h3>हथियार के रूप में प्रौद्योगिकी</h3><p>अप्रैल में फाइनेंशियल टाइम्स ने ख़बर दी थी कि माइक्रोसॉफ्ट के शोधकर्ता चीन के नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ़ डिफेंस टेक्नोलॉजी की टीमों के साथ मिल कर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं. हालांकि, कुछ बाहरी पर्यवेक्षकों ने चेतावनी दी है कि इसका ग़लत इस्तेमाल किया जा सकता है.</p><p>रिपब्लिकन सीनेटर टेड क्रूज़ ने समाचार पत्र से कहा कि &quot;अमरीकी कंपनियों को यह समझने की ज़रूरत है कि चीन में व्यापार करना महत्वपूर्ण और काफी जोखिम भरा होता है.&quot;</p><p>उन्होंने कहा, &quot;अमरीकी कंपनियों को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी जासूसी का निशाना बना सकती हैं, इसके अलावा चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के द्वारा मानवाधिकार के उल्लंघन को बढ़ावा देने का जोखिम भी अमरीकी कंपनियों पर बढ़ रहा है.&quot;</p><p>नडेला ने इस जोखिम का अनुमान है. उन्होंने बीबीसी से कहा, &quot;हम जानते हैं कि कोई भी नई तकनीक या तो एक उपाय हो सकती है या फिर हथियार.&quot;</p><figure> <img alt="सत्या नडेला" src="https://c.files.bbci.co.uk/15A5/production/_109114550_055733953-1.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Reuters</footer> </figure><p>उन्होंने कहा, &quot;सवाल ये है कि आप इसे कैसे सुनिश्चित कर सकते कि ये हथियार नहीं बनेंगे? मुझे लगता है कि इसके लिए कई तरीके हैं. पहली बात तो यह कि एक निर्माता के रूप में हमें यह सुनिश्चित करने के लिए नैतिक सिद्धांतों को पालन करना चाहिए कि हम जो एआई बना रहे हैं वह इस तरह सुरक्षित हो कि कोई उस पर शासन न कर सके और न ही उसका किसी एक पक्ष की तरफ कोई झुकाव हो.&quot;</p><p>उन्होंने बताया कि उन्हें लगता है कि उनकी कंपनी का विवादास्पद नई तकनीक के इस्तेमाल पर पर्याप्त नियंत्रण है. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि कंपनी ने चीन और अन्यत्र कहीं ऐसी किसी भी परियोजनाओं में शामिल होने से इंकार कर दिया है जो उसे अनुचित, तकनीकी रूप से असक्षम या नैति​क रूप से चिंतित करने वाली लगी थी.</p><p>उन्होंने कहा, &quot;हमारी तकनीक किसे मिलेगी इस पर हमारा पूरा नियंत्रण है. इससे परे हट कर कि हम इसका निर्माण कैसे करते हैं, लोग इसका उपयोग कैसे करते हैं, यह ऐसी बातें हैं जिसे हम उपयोग की शर्तों के माध्यम से नियंत्रित करते हैं और यह हमारा सिद्धांत है. साथ ही हम इस्तेमाल की शर्तों को विकसित कर रहे हैं.&quot;</p><p>उन्होंने कहा, &quot;हम यह भी स्वीकार करते हैं कि चाहे यह अमरीका या चीन या फिर ब्रिटेन में हो, क्या स्वीकार करें या नहीं स्वीकार करें यह सब उनके अपने विधायी प्रक्रियाएं होंगी और हम उसका पालन करेंगे.&quot;</p><h3>’मैं दंग रह गया…'</h3><p>मैट शीहान पॉलसन इंस्टीट्यूट में कैलिफोर्निया की प्रौद्योगिकी परिदृश्य और चीनी अर्थव्यवस्था के बीच संबंधों का अध्ययन कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि माइक्रोसॉफ्ट के प्रयासों का, विशेष तौर पर बीजिंग के दफ़्तर में, जबरदस्त प्रभाव पड़ा है.</p><figure> <img alt="सत्या नडेला" src="https://c.files.bbci.co.uk/63C5/production/_109114552_044292453-1.jpg" height="549" width="976" /> <footer>EPA</footer> </figure><p>उन्होंने बताया, &quot;यह प्रभावशाली तरीके से इस क्षेत्र को आगे ले जाता है. इसके प्रयासों ने अमरीका और यूरोप के बेहतरीन एआई रिसर्च प्रयोगशालाओं को आगे बढ़ाने में मदद की है.&quot;</p><p>उन्होंने कहा, &quot;लेकिन उन्हीं प्रयासों से कंप्यूटर क्षेत्र में प्रगति हुई है जो चीन के निगरानी तंत्र का एक प्रमुख औजार है.&quot; वह चीन के साथ और चीन में काम करने की समस्या को उजागर करने के लिए एक खास पेपर का हवाला देते हैं. वह बताते हैं कि 2016 में एक शोध पत्र डीप रेजिडेंशियल लर्निंग फॉर इमेज रिकॉग्निशन प्रकाशित हुआ था जिसे माइक्रोसॉफ्ट में काम करने वाले चार चीनी शोधकर्ताओं ने तैयार किया था.</p><p>गूगल स्कॉलर के मुताबिक, उनके पत्र ने 2014—2018 के बीच शोध के किसी अन्य क्षेत्र में प्रकाशित किसी अन्य पत्रों के मुकाबले उनके शोध पत्रों में जो सूची प्रकाशित प्रकाशित हुई है उसका 25,256 बार उल्लेख किया है.</p><p>फ़ेसबुक का हवाला देते हुए शीहान कहते हैं, &quot;इस शोध पत्र के प्रमुख शोधकर्ता अब कैर्लिफोनिया में एक अमरीकी टेक कंपनी के लिए काम करते हैं.&quot;</p><p>उन्होंने बताया, &quot;दो अन्य शोधकर्ता अब चीन के एक निगरानी कंपनी के लिए काम करते हैं. और एक अन्य शोधकर्ता चीन में खुद से वाहन बनाने का प्रयास कर रहा है.&quot;</p><p>उन्होंने बताया, &quot;हम यह सब क्या बनाते हैं? ईमानदारी से कहूं तो मुझे लगता है कि मुझे यह छोड़ देना चाहिए और दूसरों को भी इसे छोड़ देना चाहिए और इस पर आश्चर्य करना चाहिए.&quot;</p><h3>ये भी पढ़ें:</h3> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-45930708?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">तेलुगू बोलते हैं तो अमरीका में आपका स्वागत है</a></li> <li><a href="http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2014/09/140927_modi_meet_indian_origin_people_tk?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">शायद इनसे भी मिलना चाहें मोदी!</a></li> <li><a href="http://www.bbc.com/hindi/india/2015/08/150811_indian_origin_ceo_skj?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">कई एमएनसी के प्रमुख हैं भारतीय मूल के लोग</a></li> </ul><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम </a><strong>और </strong><a href="https://www.youtube.com/user/bbchindi">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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