<figure> <img alt="कश्मीर" src="https://c.files.bbci.co.uk/10AD1/production/_109050386_hi056839258.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>जम्मू कश्मीर किशोर न्याय समिति (जुवेनाइल जस्टिस कमेटी) ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि घाटी में किसी बच्चे को अवैध हिरासत में नहीं रखा गया है.</p><p>सुप्रीम कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट में समिति ने कहा है कि 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म किए जाने के बाद से वहां 144 नाबालिगों को गिरफ़्तार किया गया था, जिसमें 9 और 11 साल के बच्चे भी शामिल थे.</p><p>रिपोर्ट में डीजीपी और जम्मू कश्मीर चाइल्ड प्रोटेक्शन सोसाइटी की रिपोर्ट के हिस्सों को ज्यों का त्यों शामिल किया गया है.</p><p>चार सदस्यीय समिति की अगुवाई जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट के जज जस्टिस अली मोहम्मद मागरे कर रहे थे. यह रिपोर्ट जम्मू कश्मीर से जुड़े मामलों की सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट की बेंच की सौंप दी गई है जिसमें जस्टिस एनवी रामना, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस बीआर गवई शामिल हैं.</p><p>रिपोर्ट कहती है कि कुछ बच्चों को हिरासत में लिए जाने के बाद उसी दिन छोड़ दिया गया था और बाकी को नाबालिग मानकर प्रक्रिया आगे बढ़ाई गई जो जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2013 के प्रावधानों के अनुरूप है.</p><figure> <img alt="कश्मीर" src="https://c.files.bbci.co.uk/BCB1/production/_109050384_hi056346287.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की एक रिपोर्ट का ज़िक्र करते हुए इस रिपोर्ट में कहा गया है, "सरकारी मशीनरी लगातार क़ानून को पुष्ट रखे हुए है और क़ानून का उल्लंघन करते हुए एक भी नाबालिग अवैध हिरासत में नहीं लिया गया है."</p><p>समिति में डीजीपी की रिपोर्ट के हवाले से लिखा है, "ज़मीन से मिली जानकारियां याचिका में लगाए गए आरोपों का समर्थन नहीं करतीं. क़ानून का उल्लंघन करते हुए पुलिस ने नाबालिगों को क़ैद में डालने का आरोप सही नहीं पाया गया है."</p><p>रिपोर्ट में कहा गया है कि डीजीपी ने उन मीडिया रिपोर्टों को ख़ारिज़ किया है जिनमें ऐसा दावा किया था. उन्होंने इसे पुलिस की छवि ख़राब करने की कोशिश, ‘सनसनीख़ेज़’ और ‘काल्पनिक’ बताया है.</p><p>डीजीपी की रिपोर्ट के हवाले से जुवेनाइल जस्टिस कमेटी की रिपोर्ट में लिखा गया है, "ऐसा अक़सर होता है जब पत्थर फेंकने में शामिल नाबालिगों को घटनास्थल से कुछ समय के लिए हिरासत में लिया जाता है और फिर उन्हें घर भेज दिया जाता है. ऐसी कई घटनाएं कहीं ज़्यादा बढ़ा-चढ़ाकर पेश की जाती हैं."</p><p>सुप्रीम कोर्ट ने 20 सितंबर को जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट की जुवेनाइल जस्टिस कमेटी से कहा था कि वह 5 अगस्त के बाद से बच्चों को अवैध हिरासत में रखने के आरोपों पर एक रिपोर्ट सौंपे.</p><p>इस मामले में बच्चों के अधिकारों के लिए काम करने वाली इनाक्षी गांगुली और बाल अधिकारों के राष्ट्रीय आयोग (एनसीपीसीआर) की पहली अध्यक्ष प्रोफ़ेसर शांता सिन्हा ने याचिका दाख़िल की थी. उनकी याचिका में कहा गया था कि कश्मीर घाटी में लगातार बच्चों को पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) के तहत हिरासत में लिया जा रहा है.</p><figure> <img alt="कश्मीर" src="https://c.files.bbci.co.uk/2E57/production/_109036811_4b43fba2-122d-496d-895a-4231c2b3dc08.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h1>अनुच्छेद 370: जवाब देने के लिए केंद्र को मिला 28 दिनों का वक़्त</h1><p>इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की एक संवैधानिक बेंच ने अनुच्छेद 370 ख़त्म किए जाने और कश्मीर से जुड़ी अन्य याचिकाओं पर जवाब देने के लिए केंद्र सरकार को 28 दिनों का वक़्त दिया है.</p><p>जस्टिस एनवी रमण की अध्यक्षता वाली संवैधानिक पीठ ने याचिकाकर्ताओं से भी कहा है कि वो केंद्र का जवाब के बाद एक हफ़्ते के भीतर अपना पक्ष अदालत में रखें.</p><p>सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 14 नवंबर की तारीख़ तय की है.</p><p>केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने जम्मू-कश्मीर याचिकाओं के जवाब देने के लिए अदालत से चार हफ़्ते का वक़्त मांगा था. </p><p>सुप्रीम कोर्ट में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाए जाने को चुनौती देने, प्रेस की आज़ादी, संचार सुविधाओं पर रोक, लॉकडाउन की वैधता और आने-जाने पर पाबंदियों और मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन से जुड़ी कई याचिकाएं दायर की गई हैं. </p><p>सुप्रीम कोर्ट ने पहली सुनवाई में इस बारे में कोई आदेश नहीं दिया और इस बारे में दलीलें तुरंत सुनने से भी इनकार किया. अदालत ने कहा, "अगर फ़ैसला आपके पक्ष में आता है तो सब कुछ बहाल किया जा सकता है."</p><p><strong>ये भी पढ़ें</strong><strong>: </strong><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49815925?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">कश्मीर से 370 हटने के 50 दिन, लेकिन सबको है 27 सितंबर का इंतज़ार</a></p><figure> <img alt="कश्मीर" src="https://c.files.bbci.co.uk/C9D9/production/_109037615_4df270e9-1f26-4127-9585-12f8cd762870.jpg" height="907" width="1515" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>अदालत ने ये भी कहा कि वो इस सम्बन्ध में कोई अन्य याचिका स्वीकार नहीं करेगी.</p><p>हालांकि याचिकाकर्ताओं ने केंद्र सरकार को चार हफ़्ते का वक़्त दिए जाने का विरोध किया और कहा कि इससे याचिकाएं दायर करने का उद्देश्य ही निरर्थक हो जाएगा.</p><p>केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख और जम्मू-कश्मीर औपचारिक रूप से 31 अक्टूबर, 2019 को अस्तित्व में आ जाएंगे. दोनों केंद्र शासित प्रदेशों के बीच संपत्तियों के विभाजन के लिए तीन सदस्यीय कमिटी बनाई गई है.</p><p><strong>ये भी पढ़ें</strong><strong>: </strong><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-49791553?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">नरेंद्र मोदी और इमरान ख़ान टाइटैनिक फ़िल्म से लें सबक</a></p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>
कश्मीर: 144 नाबालिग किए गए गिरफ़्तार, कोई बच्चा अवैध हिरासत में नहीं
<figure> <img alt="कश्मीर" src="https://c.files.bbci.co.uk/10AD1/production/_109050386_hi056839258.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>जम्मू कश्मीर किशोर न्याय समिति (जुवेनाइल जस्टिस कमेटी) ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि घाटी में किसी बच्चे को अवैध हिरासत में नहीं रखा गया है.</p><p>सुप्रीम कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट में समिति ने कहा है कि 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement