<p>हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री में बायोपिक फ़िल्म और असल घटना पर फ़िल्म बनाने की होड़ लगी हुई है. ‘मैरी कॉम’, ‘भाग मिल्खा भाग’, ‘दंगल’, ‘धोनी’ जैसी फ़िल्मों की सफलता ने एक नया ट्रेंड शुरू कर दिया है. </p><p>"आज दर्शक फ़िल्मों में असल ज़िंदगी की झलक देखना चाहते हैं. अब हिंदी सिनेमा का बॉलीवुड दौर गुज़र चुका है. अब दर्शक फ़िल्मों से किसी तरह का जुड़ाव महसूस करना चाहते हैं."</p><p>ये कहना है निर्देशक मिलन लूथरिया का, जिन्होंने साल 2011 में सिल्क स्मिता की जीवनी पर आधारित ‘द डर्टी पिक्चर’ नाम की फ़िल्म बनाई थी. विद्या बालन को इस फ़िल्म से काफ़ी सराहना मिली और फ़िल्म ने तीन राष्ट्रीय पुरस्कार भी जीते.</p><p>इस साल हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री वास्तविक लोगों और वास्तविक घटनाओं पर आधारित तक़रीबन 10 फ़िल्में बना चुकी है. इनमें शामिल हैं- मिशन मंगल, बाटला हाउस, उरी- द सर्जिकल स्ट्राइक, ठाकरे, द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर, मणिकर्णिका, सुपर 30, केसरी, पीएम नरेंद्र मोदी, ताशकंद फ़ाइल्स.</p><figure> <img alt="पीएम" src="https://c.files.bbci.co.uk/15B97/production/_109038988_495d9f4b-d272-490e-932b-83793256b60d.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>अब इस साल के अंत तक तीन और ऐसी फ़िल्में आने वाली हैं जिनमें शामिल है प्रियंका चोपड़ा की ‘स्काई इज़ पिंक’, शूटर दादियों की ज़िंदगी पर बनी ‘सांड की आंख’, जिसमें तापसी पन्नू और भूमि पेडनेकर नज़र आएंगी और आशुतोष गवारिकर की फ़िल्म ‘पानीपत’ जिसमें अर्जुन कपूर नज़र आएंगे.</p><p>’मंगल पांडेय’, राजा रवि वर्मा की ज़िंदगी पर आधारित ‘रंग रसिया’, ‘सरदार पटेल’ और दशरथ मांझी पर आधारित ‘मांझी:द माउंटेन मैन’ जैसी चार बायोपिक फ़िल्में बनाने वाले केतन मेहता बायोपिक फ़िल्मों के दौर से काफ़ी ख़ुश हैं.</p><p>उनका कहना है कि बायोपिक फ़िल्में उन लोगों को मान्यता देने का साधन हैं जिन्होंने अपने समय में योदगान दिया है.</p><p>वहीं फ़िल्म समीक्षक अजय ब्रहात्मज का कहना है कि अब तक जितनी भी बायोपिक बनी हैं वो ज़्यादातर खेल और सेना से जुड़े या मशहूर लोगों पर बन रही हैं लेकिन ये सही मायनों में बायोपिक नहीं हैं. उनका ये भी मानना है कि बॉलीवुड में हमेशा से ही भेड़ चाल रही है और उसे फ़ार्मूला की ज़रूरत रही है. </p><p>फ़िल्मों के कारोबार की जानकारी रखने वाले अमोद मेहरा का कहना है कि अभी जितनी भी बायोपिक फ़िल्में बन रही हैं उनमें से ज़्यादातर खेल से जुड़ी हैं, जिनमें एक अंडरडॉग हीरो बन जाता है. ये पुराना फ़ार्मूला है.</p><p>उन्होंने कहा, "भाग मिल्खा भाग या मैरी कॉम के बाद लगा था कि बायोपिक फ़िल्मों का दौर आएगा पर हाल फ़िलहाल में बायोपिक फ़्लॉप भी हुई हैं जैसे हॉकी प्लेयर संदीप सिंह पर बनी फ़िल्म सूरमा और अज़हर. इनसे बायोपिक्स के ट्रेंड में कमी आई है."</p><p>अमोद मेहरा का कहना है कि कई फ़िल्मों की घोषणा हुई है लेकिन उन पर काम अभी तक शुरू नहीं हुआ है. जैसे सायना नेहवाल जिसमें पहले श्रद्धा कपूर लीड रोल में थीं, और अब परिणीति चोपड़ा हैं. </p><p>बायोपिक फ़िल्मों का इतिहास हिंदी सिनेमा में बहुत पुराना रहा है.</p><p>वरिष्ठ पत्रकार जयप्रकाश चौकसी ने बताया कि साइलेंट फ़िल्म के दौर में भी बायोपिक फ़िल्में बनी है.</p><p>कवियों और संतों पर कई बायोपिक फ़िल्में बनी हैं जैसे कि संत तुकाराम, संत कालिदास और संत ज्ञानेश्वर.</p><p>उनका ये भी मानना है कि हिंदी सिनेमा के हर दौर में बायोपिक फ़िल्में बनी हैं. जयप्रकाश चौकसी ने बायोपिक फ़िल्मों से जुड़ा क़िस्सा साझा किया जब दिलीप कुमार संत तुलसीदास के बायोपिक करने वाले थे. </p><p>चौकसी बताते हैं कि फ़िल्म निर्देशक महेश कौल तुसलीदास की ज़िंदगी पर फ़िल्म बनाना चाहते थे और उन्होंने लेखक अमृतलाल नागर को आमंत्रित किया क्योंकि वो तुलसी साहित्य के जानकार थे उन्हें आमंत्रित किया.</p><p>नागर छह महीने महेश कौल के साथ रहे और उन्होंने काफ़ी तैयारी भी की. वो स्क्रिप्ट लिखने के लिए बनारस गए और उसी दौरान महेश कौल की मृत्य हो गई.</p><p>इसके बाद नागर ने अपने स्क्रिप्ट के आधार ‘मानस का हंस’ उपन्यास लिखा जो तुलसीदास की ज़िंदगी पर आधारित था.</p><figure> <img alt="बायोपिक" src="https://c.files.bbci.co.uk/B471/production/_109039164_12cd781e-42d9-4aca-940c-7bb2fd592bb0.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>निर्माता जीएन शाह इस पर फ़िल्म बनाना चाहते थे और उन्होंने दिलीप कुमार से तुलसी का किरदार निभाने के लिए कहा. दिलीप कुमार को कहानी पसंद आई और वो फ़िल्म में काम करने के लिए राज़ी भी हो गए.</p><p>फ़िल्म की तैयारी हो चुकी थी लेकिन 41 की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से जीएन शाह का देहांत हो गया.</p><p>इसके बाद जब फ़िल्म के इंचार्ज दिलीप कुमार से मिलने गए तो उन्होंने कहा कि अब उनके लिए ये किरदार निभाना मुश्किल होगा और इस तरह उन्होंने फ़िल्म में काम करने से इनकार कर दिया.</p><p>जयप्रकाश चौकसी का मानना है कि कोई ट्रेंड मरता नहीं है. बस किसी दौर में वो कम तो किसी दौर में ज़्यादा हो जाता है.</p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-47775198?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">प्रधानमंत्री मोदी की बायोपिक की कहानी कितनी सच्ची</a></p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-40464532?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">’मुझे मेरी बायोपिक में कोई दिलचस्पी नहीं'</a></p><h1>कितनी सच होती हैं बायोपिक फ़िल्में?</h1><p>जय प्रकाश चौकसी का कहना है कि बायोपिक फ़िल्में बनाते वक़्त असल ज़िंदगी की सच्चाई से थोड़ा समझौता करना पड़ता है. ऐसी कई फ़िल्में हैं जिनमें असलियत से समझौता किया गया है और ‘मसाला’ जोड़ा गया है.</p><p>अमोद मेहरा राजकुमार हिरानी की संजय दत्त की ज़िंदगी पर आधारित ‘संजू’ को बायोपिक नहीं मानते. वो कहते हैं, "संजू एक परीकथा है जिसमें संजय दत्त की सफ़ेदी की गई है जिसमें कोई सच्चाई नहीं है.</p><p>मेहरा कहते हैं कि ‘संजू’ बनाकर निर्देशक राजकुमार हिरानी ने बायोपिक के नाम पर बहुत बड़ा धोखा किया था.</p><p>मिलन लूथरिया कहते हैं कि अब हिंदी सिनेमा में बायोपिक फ़िल्में और सच्ची घटना पर आधारित फ़िल्में ज़रूरत से ज़्यादा बन रही हैं. अगर फ़िल्में भेड़ चाल या अनुचित लाभ के लिए बनाई जाती हैं तो ये ग़लत है. बायोपिक फ़िल्म बनाने के पीछे इरादा सही होना चाहिए.</p><p>अजय ब्रहात्मज भी मिलन लूथरिया से इत्तेफ़ाक़ रखते हैं. वो कहते हैं, "अगर जल्दबाज़ी या नक़ल में बायोपिक फ़िल्में बनाई जाती हैं तो ये ग़लत है. मगर बायोपिक इतिहास को समझने और इसके संपर्क में रहने का बहुत अच्छा ज़रिया भी हैं."</p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/entertainment-40431656?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">संजय दत्त की ज़िंदगी पर फ़िल्म! मगर क्यों?</a></p><h1>बायोपिक फ़िल्में और सितारे </h1><p>बायोपिक और सच्ची घटनाओं पर आधारित फ़िल्मों ने कई कलाकारों को सफलता के शिखर पर पहुंचाया है.</p><p>डर्टी पिक्चर पहली बॉलीवुड की महिला प्रधान फ़िल्म बनी जिसने 100 करोड़ कमाए. इस फ़िल्म के बाद विद्या बालन की गिनती सुपरस्टार में होने लगी.</p><p>’संजू’ ने रणबीर कपूर के डगमगाते करियर को नया रुख़ दिया, ‘एमएस धोनी’ फ़िल्म ने सुशांत सिंह राजपूत को नया स्टारडम दिया और ‘उरी – द सर्जिकल स्ट्राइक’ ने विकी कौशल को नया उभरता हुआ स्टार बनाया है.</p><p>केतन मेहता का मानना है कि जब किसी को असल किरदार करने का मौक़ा मिलता है तो उसकी भागीदारी बढ़ जाती है, जिससे वो बतौर कलाकार विकसित होता है.</p><p>मिलन लूथरिया मानते हैं कि अगर बेहतरीन अदाकारी और बॉक्स ऑफ़िस की सफलता का मेल होता है तो वो किरदार यादगार बन जाता है. इसीलिए कलाकार रियल लाइफ़ किरदार निभाना सम्मानजनक मानते हैं.</p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/entertainment-46927820?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">क्या वाकई भारी मुनाफ़े का सौदा हैं बायोपिक</a></p><h1>अगले कुछ वक़्त में आने वाली बायोपिक फ़िल्में</h1><p>1. 83 – भारत की पहले वर्ल्ड कप जीत पर आधारित फ़िल्म जिसमें रणवीर सिंह कपिल देव के किरदार में नज़र आएंगे.</p><p>2. छपाक -एडिस अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल की ज़िंदगी पर आधारित मेघना गुलज़ार की निर्देशत फ़िल्म. लीड रोल में दीपिका पादुकोण होंगी.</p><p>3. गुंजन सक्सेना – ‘कारगिल गर्ल’ नाम से मशहूर भारत की पहली महिला एयरफ़ोर्स पायलट के जीवन पर आधारित फ़िल्म. लीड रोल में होंगी जाह्नवी कपूर.</p><p>4. बालाकोट – विवेक ओबेरॉय ने कहा है कि वो विंग कमांडर अभिनन्दन वर्धमान की ज़िंदगी पर फ़िल्म बनाएंगे.</p><p>5. शेरशाह – कारगिल युद्ध के भारतीय नायक विक्रम बत्रा की ज़िन्दगी पर आधारित फ़िल्म, जिसमें सिद्धार्थ मल्होत्रा नज़र आएंगे. </p><p>6. सायना नेहवाल – फ़िल्म की घोषणा दो साल पहले हो चुकी है पर अभी तक फ़िल्म फ्लोर पर नहीं गई है. श्रद्धा कपूर को अब परिणीति चोपड़ा ने रेप्लस कर दिया है. </p><p>7. मानेकशॉ – फ़ील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ की जीवनी पर आधारित फ़िल्म. इसमें विकी कौशल प्रमुख किरदार होंगे.</p><p>8. ओशो गुरु की ख़ास मानी जाने वाली मां आनंद शीला बायोपिक में प्रियंका चोपड़ा नज़र आएंगी. </p><p>अमरीकी निर्देशक बैरी लेविन्सन इसका निर्देशन करेंगे.</p><p>9. मिथाली राज -क्रिकेटर मिथिला राज की बायोपिक के लिए तापसी पन्नू से बातचीत चल रही है.</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/social-47690242?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">सोशल: छपाक का फर्स्ट लुक देखकर लोग बोले ‘दीपिका तुम्हें सलाम'</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/entertainment-49493476?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">मिलिए इस बार के नेशनल अवार्ड विजेता विक्की कौशल से</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/entertainment-44696443?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">क्या ‘संजू’ का संजय दत्त वही है जिसे दुनिया जानती है</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-47775198?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">प्रधानमंत्री मोदी की बायोपिक की कहानी कितनी सच्ची</a></li> </ul><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>
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इतनी बायोपिक फ़िल्में क्यों बना रहा है बॉलीवुड?
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