नयी दिल्ली: आर्टस स्ट्रीम को लेकर हमेशा लोगों या कहें कि छात्रों में पूर्वाग्रह की स्थिति रहती है. समाज और शिक्षा जगत में ये आम धारणा है कि अपेक्षाकृत कमजोर छात्र ही आर्टस विषयों की पढ़ाई करते हैं. लेकिन ये हकीकत नहीं है. आर्ट्स स्ट्रीम में भी समान चुनौतियां हैं और मौके हैं. आर्ट्स विषय की पढ़ाई के बाद भी करियर के बेहतरीन विकल्प बनते हैं. देखा जाय तो यूपीएससी जैसी कुछ पेशेवर परीक्षाओं के लिए आर्ट्स स्ट्रीम के विषय मजबूत नींव का काम करते हैं.
आर्ट्स विषय के बाद केवल शिक्षक या सचिवालय कर्मचारी बनने का ही विकल्प नहीं है बल्कि इसके जरिये आप बहुत सारे क्षेत्रों में अजीविका के साथ-साथ शोहरत और सुकून वाला करियर तलाश सकते हैं. जरूरी है बस सही जानकारी और अच्छे मार्गदर्शन की.
ह्यूमनिटीज (मानविकी)- मानविकी एक विशाल विषय क्षेत्र है जिसको किसी एक दायरे में परिभाषित करना आसान है. सामान्य तौर पर मानविकी के अतंर्गत मानव समाज के व्यवहार, सामाजिक-सांस्कृतिक स्थिति, आर्थिक और राजनीतिक प्रणालियों के विकास तथा बदलाव के कारणों आदि का अध्ययन किया जाता है. राजनीतिशास्त्र, अर्थशास्त्र, इतिहास, तथा समाजशास्त्र इसके मुख्य घटक हैं.
राजनीतिशास्त्र, अर्थशास्त्र, इतिहास, समाजशास्त्र, आदि का अध्ययन बारहवीं के बाद स्नातक में एक विशेषज्ञ विशेष के तौर पर किया जा सकता है. स्नातक के बाद आप इन विषयों में मास्टर्स, एमफिल और पीएचडी करके शिक्षण से जुड़ सकते हैं. शोध कर सकते हैं. स्कूलों, कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज में आपको कई मौके मिलेंगे.
रचनात्मकता और कल्पनाशीलता
आर्ट्स विषयों का चुनाव रचनात्मकता और कल्पनाशीलता से भी जुड़ा है जिसका आधार तथ्यपरक खूबसूरती होती है. इसके लिए फाइन आर्ट्स एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है. फाइन आर्ट्स एक व्यापक आयाम है जिसमें कई सारी कलाएं शामिल हैं. इसके अंतर्गत विजुअल आर्ट्स, परफॉर्मिंग आर्ट्स, और साहित्य कला शामिल है. आज के समय में जब दुनिया उपभोक्तावाद की तरफ अग्रसर है. इन क्षेत्रों में करियर का बेहतर ऑप्शन मिलेगा.
विजुअल आर्ट्स (दृश्य कला)– विजुअल आर्ट्स वो कला क्षेत्र है जिसमें रचनात्मकता दिखाई पड़ती है. इसके अंतर्गत प्रसिद्ध कलाकारों के बारे में पढ़ना तथा उनके द्वारा किए गए कार्यों को सीखना शामिल है. उनसे प्रेरणा पाकर अपनी रचनात्मकता को आकार देना ही विजुअल आर्ट्स की मुख्य कुंजी है. विजुअल आर्ट्स में ड्राइंग, पेंटिंग, मूर्तिकला, पेपरमेसी आदि शामिल है. आज के समय में इसके प्रोफेशनल्स की काफी मांग है.
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परफॉर्मिंग आर्ट- आज के समय में फिल्मों का मिजाज बदला है. विषय वस्तु, एक्टिंग और क्वालिटी सभी स्तरों पर. आज काफी बड़े पैमाने पर शॉर्ट फिल्में बनाई जा रही हैं. वेब-सीरिज का चलन बढ़ गया है. थियेटर्स की कला अब पेशेवर हो गयी है. इसलिए दृश्य कला में आपको काफी मौके मिलेंगे. आपकी जिसमें भी रूचि हो जैसे, म्यूजिक, डांस, एक्टिंग, वाद्ययंत्र, आदि. आज कल हर पैमाने पर आपको काफी मौके मिलेंगे.
साहित्य कला– साहित्य कला किताबों और उपन्यासों से संबंधित है. आपने प्रसून्न जोशी, कुमार विश्वास, चेतन आनंद, जेके रॉलिंग आदि का नाम तो सुना ही होगा. इन्होंने साहित्य की पढ़ाई की और लेखनी के दम पर अपनी अजीविका का भी इंतजाम कर लिया. साहित्य कला की बदौलत ना केवल इन्हें अाजीविका मिली बल्कि इन्होंने नाम और शोहरत भी हासिल किया. इस क्षेत्र में आप, फिल्मों के लिए स्क्रिप्ट राइटिंग, विज्ञापन की स्क्रिप्टिंग, नोबेल राइंटिंग, कविता लेखन जैसे क्षेत्रों में बेहतरीन करियर तलाश सकते हैं.