<figure> <img alt="भारत-चीन, भारतीय सेना, चीनी सेना" src="https://c.files.bbci.co.uk/B0FA/production/_108760354_cba4fd82-7088-41f7-9435-254e1548df5f.jpg" height="351" width="624" /> <footer>AFP</footer> </figure><p>लद्दाख़ में भारत-चीन सीमा पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच संघर्ष की ख़बरें आई हैं.</p><p>134 किलोमीटर लंबी पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर दोनों देशों के सैनिकों में काफ़ी देर तक धक्का-मुक्की होती रही. देर शाम तक चले इस संघर्ष के बाद दोनों देशों ने यहां अपनी सेना बढ़ा दी है.</p><p>चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बताता रहा है और वहां किसी भी भारतीय राजनयिक के दौरे का विरोध करता रहा है. फ़रवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अरुणाचल प्रदेश दौरे पर भी उसने आपत्ति दर्ज कराई थी.</p><p>इसी तरह साल 2017 में सिक्किम के साथ लगने वाली चीनी सीमा पर भारत और चीन के बीच डोकलाम विवाद को लेकर गतिरोध पैदा हुआ था.</p><p>दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुए इस ताज़ा संघर्ष से बने हालात से भारत और चीन कैसे निपटेंगे और भारत अपनी सेना की मज़बूती के लिए और क्या कर रहा है, इसे लेकर बीबीसी ने भारतीय सेना के रिटायर्ड लेफ़्टिनेंट जनरल शंकर प्रसाद से बात की.</p><figure> <img alt="भारत-चीन" src="https://c.files.bbci.co.uk/62DA/production/_108760352_3d40fea7-fb76-4738-81b8-3890d063689c.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h3>पढ़ें रिटायर्ड जनरल शंकर प्रसाद का नज़रिया:</h3><p>इतने सालों से भारत और चीन के बीच बॉर्डर का विवाद सुलझ नहीं पा रहा है. कई बार सीमा के बंटवारे को लेकर भारत और चीन के बीच बातचीत भी हुई लेकिन अब तक कोई नतीजा नहीं निकला.</p><p>इसके दो-तीन कारण हैं. भारत और चीन दोनों के नक्शें अलग-अलग हैं. दोनों ही देशों के नक्शें अलग-अलग स्केल के होते हैं. इसपर भी कई समझौते हुए. एक स्केल के नक्शें भी बने. लेकिन दोनों देशों का बॉर्डर मैनेजमेंट अपनी-अपनी सीमाओं को लेकर अलग-अलग बातें कहता है.</p><p>लिहाज़ा बॉर्डर के बीच के इलाक़े को लेकर दोनों देशों की समझ के बीच फ़र्क़ आ जाता है. फ़र्क़ होता है कि हम जो समझते हैं कि हमारा बॉर्डर यहां तक है और वो समझते हैं कि उनका बॉर्डर यहां तक है, वो होता नहीं. तो बॉर्डर को लेकर ये संशय बना रहता है.</p><p>दोनों ही देश की सेना बॉर्डर के ऐसे इलाक़ों पर लगातार गश्त लगाती रहती हैं. कई बार गश्त लगाने वाली दोनों तरफ़ की टीमों का समय अलग-अलग होता है और दोनों के बीच बातचीत नहीं होती है.</p><p>लेकिन कई बार ऐसा होता है कि दोनों ही देशों की टीमें एक ही समय पर गश्त लगाती हैं तो दोनों में आपस में मुठभेड़ हो जाती है और जब मुठभेड़ हो जाती है तो इस बात को लेकर बहस भी होती है कि किसका बॉर्डर किधर और कितना है.</p><p>बात बढ़ती है प्रेस में आती है और हेडक्वाटर्स में पहुंच जाती है. जिसके बाद फ्लैग मीटिंग होती हैं. इसमें हमारे ब्रिगेडियर रैंक के ऑफिसर शामिल होते हैं. मीटिंग में सहमति बनती है और फिर दोनों टीमें अलग हो जाती हैं.</p><p>पिछले साल भी डोकलाम में ऐसा ही हुआ जो 70-80 दिन चला. लेकिन बातचीत से उसे सुलझा लिया गया. लेकिन जब तक दोनों देशों की सीमाओं के बंटवारे का मामला सुलझाया नहीं जाता है तब तक ऐसा ही चलता रहेगा. क्योंकि इस बारे में दोनों का मानना अलग-अलग है.</p><h3>सीमा विवाद पर अब तक क्या?</h3><p>चीन दिन ब दिन ख़ुद को बॉर्डर पर मज़बूत बनाता जा रहा है. उसने अपने बॉर्डर इलाक़ों में काफी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर लिए हैं. भारत उससे 25 साल पीछे है. तो जिस दिन चीन ये समझेगा कि वो बहुत शक्तिशाली हो चुका है और हमारे इलाक़े को हथिया सकता है वो ज़रूर ऐसी कोशिश करेगा.</p><p>पिछले चार-पांच साल से भारत सरकार के नेतृत्व का कूटनीतिक और सैन्य नज़रिया जो रहा है उससे यह लगता है कि अब हम चीन के साथ बराबरी की बात कर सकते हैं.</p><p>बराबरी की बात से ही बॉर्डर मैनेजमेंट और सीमा विवाद सुलझ सकता है. जब तक यह नहीं होता तब तक ऐसी हाथापाई होती रहेंगी. इसमें गोली चल जाने का ख़तरा बना रहता है. और एक बार गोली चल गई तो बात बिगड़ सकती है.</p><p>अब तक फ्लैग मीटिंग से ही ऐसे मामले निपटते रहे हैं और हम ऐसे ही काम चला रहे हैं.</p><figure> <img alt="भारतीय सेना" src="https://c.files.bbci.co.uk/14BA/production/_108760350_027fc0b6-5c3f-442e-ab98-766fbe13d758.jpg" height="549" width="976" /> <footer>PTI</footer> </figure><p>अरुणाचल में माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स के तहत भारत ने अपना स्टैंड लिया है. इसके तहत भारतीय सेना के पांच हज़ार से अधिक जवान अक्तूबर में चीन से सटी अरुणाचल की सीमा में युद्धाभ्यास करेंगे. चीन की सीमा पर पहली बार इस तरह के युद्धाभ्यास होने की बात सामने आई है. </p><p>माउंटेन कॉर्प्स को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए इसमें एक यूनिट इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप्स (आईबीजी) भी बनाई जाएगी जिसका उद्देश्य युद्धाभ्यास को अधिक प्रभावी बनाना है.</p><p>इसे एक तैयारी के रूप में देखा जाना चाहिए. चीन ने अपनी तीनों सेनाओं में काफी बदलाव किए हैं. वे अब छोटे ग्रुप्स के साथ अटैक करते हैं जो हेलिकॉप्टर पर ज़्यादा निर्भर है.</p><p>इटीग्रेटेड बैटल ग्रुप्स सभी सेनाओं को मिलाकर बनाई जाएगी. परिस्थितियों के हिसाब से इसमें इन्फेंट्री होगी. अगर टैंको की जगह होगी तो टैंक होगें. परिस्थितियों के हिसाब से ही ट्रुप्स की लोकेशन भी तय की जाएगी.</p><p>ये एक छोटा ग्रुप होगा जिसमें सब कुछ होगा. बॉर्डर पर जब तनाव होता है और जब दोनों तरफ के सैनिकों के बीच हाथापाई होती है. ऐसी स्थितियों में वहां पोस्ट ऑफिसरों के ऊपर ख़ास दबाव होता है कि ऐसे में गोली चलने जैसी परिस्थिति न बने.</p><p>हर अफसर को ये मालूम है कि गोली तब चलानी है जब बात को बातचीत के ज़रिए न सुलझाया जा सके. गोली चलाने से बात बढ़ सकती है. कोशिश यही रहती है कि गोली न चले. गोली चलने की नौबत से पहले ब्रिगेड कमांड लेवल की फ्लैग मीटिंग हो जाती हैं.</p><p>ऐसी स्थिति में वहां मौजूद अफसरों को संयम से काम करना पड़ता है. ऐसी स्थितियों को लिए उनकी ट्रेनिंग होती है. वे अपने ट्रुप्स को समझाते हैं कि ऐसी स्थिति में कैसे शांत रहा जाए.</p><h3>ये भी पढ़ें:</h3> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-49327336?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">अनुच्छेद 370 हटने से चीन पर क्या पड़ेगा असर </a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-49524329?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">कश्मीर पर भारत के फ़ैसले से चीन क्यों है नाराज़?</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-49547464?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">ट्रेड वॉर से चीन में गईं 30 लाख नौकरियां?</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-49408583?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">चीन की ताक़त में हॉन्गकॉन्ग का कितना योगदान</a></li> </ul><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/BBCnewsHindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो सकते हैं.)</strong></p>
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लद्दाख़ में भारत-चीन की सेना के बीच धक्का मुक्की, अब आगे क्या होगाः नज़रिया
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