<figure> <img alt="सर्जरी की गई उंगलियां" src="https://c.files.bbci.co.uk/C2F1/production/_108750994_6cbdf0b8-893f-41e0-bfd2-dbb05410a5ce.jpg" height="542" width="624" /> <footer>BBC</footer> <figcaption>फ़िंगरप्रिंट के लिए उंगलियों की सर्जरी की जाती है.</figcaption> </figure><p>जब कोई शख़्स किसी क़ानूनी मामले में फंसा हुआ हो और उसे विदेश जाने की इजाज़त न हो, तब क्या वह शख़्स किसी दूसरे तरीक़ों से विदेश जा सकता है?</p><p>अगर हम आव्रजन नियमों के हिसाब से देखें तो उस व्यक्ति का विदेश जाना संभव नहीं है.</p><p>लेकिन हाल ही में आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी पुलिस ने एक ऐसे रैकेट का भंडाफोड़ किया है जिसके ज़रिए कई चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं.</p><p>फ़र्जी पासपोर्ट बनाने के मामले तो पुलिस के सामने पहले भी आते थे. लेकिन पुलिस को हैरानी तब हुई जब उन्हें ऐसे मामले देखने को मिले जिसमें एक ही व्यक्ति बहुत सारे पासपोर्ट प्राप्त कर रहा था.</p><p>इतना ही नहीं इन अलग-अलग पासपोर्ट में उनकी बायोमेट्रिक जानकारियां जैसे फ़िंगरप्रिंट भी अलग-अलग है. </p><p>पुलिस के अनुसार, लगभग 50 लोग इसी तरह से फ़र्ज़ी पासपोर्ट बनवाकर देश से बाहर गए हैं. इन आंकड़ों की जांच होना बाक़ी है. </p><p>अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इन लोगों ने कितनी बार यह अपराध किया और उनके संपर्क में कितने लोग हैं.</p><figure> <img alt="फ़िंगरप्रिंट" src="https://c.files.bbci.co.uk/EA01/production/_108750995_2b87653b-fd25-4355-b1d0-558bd621f092.jpg" height="414" width="624" /> <footer>BBC</footer> </figure><h1>फ़िंगरप्रिंट बदलना और नए रिकॉर्ड तैयार करना</h1><p>पश्चिम गोदावरी ज़िले के रहने वाले नेलसन लंबे वक़्त से खाड़ी के देश में जाना चाहते थे. लेकिन नियमों के अनुसार उन्हें पासपोर्ट नहीं मिल रहा था.</p><p>ऐसे मौक़े पर एक गैंग के लोगों ने नेल्सन की मजबूरी का फ़ायदा उठाने के मक़सद से उन्हें फोन किया और अपना प्लान उन्हें बताया.</p><p>पश्चिम गोदावरी ज़िले के एसपी नवजीत सिंह ग्रेवाल ने बताया कि जब नेलसन ने उस गैंग के बारे में पुलिस को सूचना दी तो उन्हें उस गैंग के पूरे रैकेट के बारे में मालूम चला.</p><p>आंकड़ों के मुताबिक़ आंध्र प्रदेश के कई इलाक़ों से लोग खाड़ी के देशों में जाते रहते हैं. विशेषकर पश्चिम गोदावरी ज़िले के राजोल, नरसापुरम के आस पास के इलाक़े और नेल्लोर ज़िले से कई लोग खाड़ी देशों में जाते हैं.</p><p>यही वजह है कि इन जगहों पर फ़र्ज़ी पासपोर्ट बनवाने वाले बहुत से रैकेट सक्रिय हो गए हैं.</p><figure> <img alt="फ़िंगरप्रिंट" src="https://c.files.bbci.co.uk/11111/production/_108750996_9e26b38b-6d53-4329-9078-eb2ef555ea34.jpg" height="670" width="624" /> <footer>BBC</footer> </figure><h1>फ़िंगरप्रिंट की क्लोनिंग मुश्किल काम नहीं</h1><p>पासपोर्ट जारी करने के लिए आधार नंबर का होना अब बहुत आवश्यक हो गया है. ऐसे में आधार कार्ड में जो बायोमेट्रिक जानकारियां होती हैं उनकी क्लोनिंग भी होने लगी है. </p><p>जो गैंग फ़र्ज़ी पासपोर्ट बनाने का काम कर रहा था उसने भी आधार कार्ड की बायोमेट्रिक जानकारियों की क्लोनिंग पर ही ध्यान दिया</p><p>पुलिस के अनुसार, ”इस गैंग ने कोशिश की कि फ़िंगरप्रिंट में कम से कम 10-15 प्रतिशत तक बदलाव ला सकें. जिसका भी फ़र्ज़ी पासपोर्ट बनवाना होता उसे बेहोश कर, सर्जरी के ज़रिए पुराने फ़िंगरप्रिंट निकालकर, उसमें टांके लगा दिए जाते.”</p><p>यह बहुत ही सामान्य सी प्रक्रिय है. यह गैंग इसे एक छोटे से कमरे में पूरा करता है. वो इस काम को बिना किसी को शक या संदेह के पूरा कर देते हैं.</p><p>यही वजह है कि इन लोगों को पुराने रिकॉर्ड के आधार पर पकड़ना मुश्किल होता है.</p><p>नए फ़िंगरप्रिंट की मदद से वो लोगों को नए आधार नंबर और दूसरे ज़रूरी काग़ज़ात देने में कामयाब होते हैं. इन काग़ज़ात की मदद से लोग नए पासपोर्ट के लिए आवेदन दे देते हैं.</p><p>एसपी नवजी सिंह ग्रेवाल ने बताया कि उन्हें अपनी जांच में ऐसे कई लोगों के बारे में पता चला जिन्हें इस तरह की मदद मिली थी.</p><figure> <img alt="पश्चिम गोदावरी के एसपी ग्रेवाल" src="https://c.files.bbci.co.uk/13821/production/_108750997_e05d061b-246a-4dc2-97b5-6d2e11ad3c22.jpg" height="351" width="624" /> <footer>BBC</footer> <figcaption>पश्चिम गोदावरी के एसपी ग्रेवाल</figcaption> </figure><h1>श्रीलंका के एक बस कंडक्टर ने जमाया रैकेट</h1><p>आंध्र प्रदेश में पासपोर्ट के लिए फ़िंगरप्रिंट बदलने वाले रैकेट को चलाने वाले शख्स का नाम ज़ाकिर हुसैन है, जो श्रीलंका से ताल्लुक़ रखते हैं.</p><p>ज़ाकिर श्रीलंका के कैंडी में बस कंडक्टर के तौर पर काम करते हैं. वो कपड़ों के व्यापार के लिए बीच-बीच में भारत आते रहते हैं. इसी दौरान उनकी दोस्ती नेल्लोर ज़िले के रमेश रेड्डी और पश्चिम गोदावरी ज़िले के बोक्का रामबाबू के साथ हुई.</p><p>इन तीनों ने मिलककर फ़िंगरप्रिंट बदलने का रैकेट चलाना शुरू किया.</p><p>बोक्का रामबाबू का पासपोर्ट पहले भी सीज़ हो चुका है, जब उन्हें कुवैत में ग़ैरक़ानूनी तरीक़े से शराब बेचते हुए पकड़ा गया था. ऐसा पता चला है कि इस घटना के बाद ही उन्होंने पुलिस रिकॉर्ड में अपना नाम बदलकर बोक्का राजेश कर लिया और इसी नए नाम से नया पासपोर्ट भी प्राप्त किया.</p><p>पुलिस को मालूम चला कि उनके पास दो पासपोर्ट हैं जिसमें एक ही फोटो लगी हुई है.</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-42703161?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">पासपोर्ट का रंग क्यों बदलने वाला है?</a></li> </ul> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-41814700?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">पासपोर्ट री-वेरीफ़िकेशन पर क्या बोले मुस्लिम नेता?</a></li> </ul><figure> <img alt="फ़िंगरप्रिंट" src="https://c.files.bbci.co.uk/15F31/production/_108750998_f5aba667-b274-451d-94d8-50325fc1ddd7.jpg" height="606" width="624" /> <footer>BBC</footer> </figure><h1>रैकेट में कौन-कौन शामिल?</h1><p>बोक्का रामबाबू जब क़ुवैत में काम कर रहे थे तब उनकी दोस्ती ज़ाकिर हुसैन के पिता से हुई. मैरी नामक एक महिला उनकी दोस्त बनी. </p><p>इन तीन लोगों ने मिलकर फ़िंगप्रिंट बदलने और नए पासपोर्ट दिलवाने का रैकेट बनाया. </p><p>पुलिस के मुताबिक़ पिछले दो महीने में ये क़रीब 40 लोगों को विदेश भेजने में कामयाब रहे.</p><p>पुलिस के अनुसार…</p> <ul> <li>ज़ाकिर हुसैन के पिता और मैरी कुवैत में रैकेट चलाते हैं.</li> </ul> <ul> <li>रमेश रेड्डी, जो कि नेल्लोर में ट्रेवल एजेंट हैं. वो यातायात की व्यवस्था करते हैं.</li> </ul> <ul> <li>ज़ाकिर हुसैन फ़िंगरप्रिंट बदलने की ज़िम्मेदारी संभालते हैं.</li> </ul> <ul> <li>बोक्का रामबाबू इलाक़े में रहकर उन लोगों को तलाशते हैं जिन्हें पासपोर्ट की ज़रूरत है, वो इन लोगों को इस रैकेट से मिलवाते हैं.</li> </ul><p>एसपी के मुताबिक इन लोगों के अलावा कई और लोग भी इस रैकेट में शामिल हैं, जिसमें कुद्दापाह ज़िले के लोग भी शामिल है. </p><p>एसपी का यह भी मानना है कि इस मामले में कुछ पुलिसकर्मियों पर भी शक़ है, क्योंकि उनकी मदद के बिना इतना बड़ा रैकेट चलाना संभव नहीं है.</p><h1>भारत में पहली बार यह मामला सामने आया</h1><p>एसपी ग्रेवाल के मुताबिक़ फ़िंगरप्रिंट बदलकर नए पासपोर्ट दिलवाने का मामला भारत में पहली बार सामने आया है.</p><p>एसपी ग्रेवाल का कहना है, ”बोक्का रामबाबू जब गल्फ़ में रहते थे तब उन्होंने देखा कि बांग्लादेश और श्रीलंका के लोग फ़र्जी पासपोर्ट प्राप्त करने के लिए यह कोशिशें करते हैं. लेकिन बोक्का रामबाबू यह सब अकेले नहीं कर सकते थे इसलिए उन्होंने ज़ाकिर हुसैन से दोस्ती की. उसके बाद उन्होंने रमेश रेड्डी की मदद से एक गैंग बनाया और यह काम शुरू किया.”</p><p>”इन लोगों ने चेन्नई और मुंबई में भी अपना काम किया. इतना ही नहीं बोक्का रामबाबू ने ज़ाकिर हुसैन से ट्रेनिंग ली और अपने घर में पांच लोगों के फ़िंगरप्रिंट भी बदले. इसके अलावा और भी लोगों ने उनसे ट्रेनिंग ली, हम इस रैकेट में शामिल बाकी लोगों की जानकारियां जुटा रहे हैं.”</p><figure> <img alt="कीर्तिश का कार्टून" src="https://c.files.bbci.co.uk/18641/production/_108750999_518f727a-7147-4cdc-a620-78ec79a61fcc.jpg" height="624" width="624" /> <footer>BBC</footer> <figcaption>कीर्तिश का कार्टून</figcaption> </figure><h1>फ़र्ज़ी वीज़ा पर भी शक</h1><p>ऐसा शक भी ज़ाहिर किया जा रहा है कि ये लोग फ़र्ज़ी पासपोर्ट के अलावा अलग-अलग देशों के लिए फ़र्ज़ी वीज़ा भी तैयार करते होंगे. </p><p>हालांकि पुलिस ने कहा है कि इस संबंध में अभी कोई सबूत नहीं मिले हैं. पुलिस ने जांच जारी रहने की बात कही है और उन्हें उम्मीद है कि इस जांच से कई दूसरी चीज़ें सामने आएंगी.</p><p>इस सबके बीच एक और गंभीर मामला यह है कि फ़र्ज़ी पासपोर्ट की मदद की कितने अपराधी देश छोड़कर चले गए और वो किन देशों में रह रहे हैं उनकी जानकारी कैसे जुटाई जाए.</p><p><strong>ये भी पढ़ेंः</strong></p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-44611295?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">लखनऊ पासपोर्ट मामले में बैकफ़ुट पर पासपोर्ट विभाग</a></li> </ul> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/vert-cap-45778635?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">पासपोर्ट के बिना इस स्कूल में पढ़ना मुश्किल</a></li> </ul><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>
BREAKING NEWS
फ़र्ज़ी पासपोर्ट के लिए कैसे बदल दिए फ़िंगरप्रिंट?
<figure> <img alt="सर्जरी की गई उंगलियां" src="https://c.files.bbci.co.uk/C2F1/production/_108750994_6cbdf0b8-893f-41e0-bfd2-dbb05410a5ce.jpg" height="542" width="624" /> <footer>BBC</footer> <figcaption>फ़िंगरप्रिंट के लिए उंगलियों की सर्जरी की जाती है.</figcaption> </figure><p>जब कोई शख़्स किसी क़ानूनी मामले में फंसा हुआ हो और उसे विदेश जाने की इजाज़त न हो, तब क्या वह शख़्स किसी दूसरे तरीक़ों से विदेश जा सकता है?</p><p>अगर हम आव्रजन नियमों के हिसाब […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement