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निकल गयी पाकिस्तान की हेकड़ी, भारत से दवाओं का करेगा आयात

इस्‍लामाबाद : पाकिस्‍तान सरकार ने कश्‍मीर मुद्दे को लेकर भारत के साथ बढ़ते तनाव के बावजूद पड़ोसी देश से जीवन-रक्षक दवाओं का आयात करने को अपनी मंजूरी दे दी है. पाकिस्तान की एक निजी टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्‍तान के वाणिज्‍य मंत्रालय ने एक वैधानिक नियामकीय आदेश के जरिये, भारत से दवाओं के आयात […]

इस्‍लामाबाद : पाकिस्‍तान सरकार ने कश्‍मीर मुद्दे को लेकर भारत के साथ बढ़ते तनाव के बावजूद पड़ोसी देश से जीवन-रक्षक दवाओं का आयात करने को अपनी मंजूरी दे दी है.

पाकिस्तान की एक निजी टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्‍तान के वाणिज्‍य मंत्रालय ने एक वैधानिक नियामकीय आदेश के जरिये, भारत से दवाओं के आयात और निर्यात को अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है. खबर के मुताबिक, जीवनरक्षक दवाओं की कमी से पाकिस्‍तान का बुरा हाल हो गया है. मजबूर पकिस्तान ने सोमवार को भारत के साथ आंशिक रूप से व्यापार को बहाल कर दिया. पाकिस्तान ने भारत से जीवनरक्षक दवाओं के आयात करने को मंजूरी दी है. पाकिस्तान के वाणिज्य मंत्रालय ने वैधानिक नियामक आदेश जारी कर अपने यहां की दवा उद्योग को भारत से दवाओं के आयात की अनुमति दे दी.

बता दें कि पिछले महीने भारत सरकार द्वारा जम्‍मू और कश्‍मीर का विशेष दर्जा खत्‍म करने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के निर्णय लेने के बाद पाकिस्‍तान ने भारत के साथ अपने सभी राजनायिक संबंध तोड़ लिये थे और भारत के साथ अपने व्‍यापारिक संबंध खत्‍म कर दिये थे. भारत के साथ व्‍यापार पर प्रतिबंध के 30 दिन गुजरते-गुजरते पाकिस्तान को बौखलाहट में लिये गये अपने फैसले का असर समझ में आने लगा. इन प्रतिबंधों का भारत पर कुछ खास असर नहीं हुआ, लेकिन पाकिस्तान घुटनों के बल आ गया. इस पर, भारत ने कहा है कि जम्‍मू और कश्‍मीर भारत का आंतरिक हिस्‍सा है और यह मुद्दा पूरी तरह से देश का आंतरिक मामला है.

पाकिस्तान के दवा उद्योग का इस समय बुरा हाल है. पाकिस्तान ने जब भारत से व्यापारिक रिश्ते खत्म किये तो वहां के व्यापारियों को भारत से दवाएं मंगवाना बंद करने की मजबूरी थी. कुछ ही दिनों में पाकिस्तान के अस्पताल में जीवन रक्षक दवाओं की घोर किल्लत हो गयी. दवाओं के अभाव में मरीज तड़पने लगे. इसके बाद इमरान सरकार ने जीवन रक्षक दवाओं के खरीदने का निश्चय किया. दवा समिति के प्रमुख ख्वाजा शाहजेब अकरम ने बताया कि स्थानीय स्तर पर उत्पादित दवाओं में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल का एक बड़ा हिस्सा भारत से आयात किया जाता है, क्योंकि हमारे पड़ोसी देश में दवाओं के लिए कच्चे माल का एक स्थापित उद्योग है.

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