बंगलौर के एक स्कूल में छह साल की बच्ची के यौन उत्पीड़न मामले में अदालत ने स्कूल के चेयरमैन को सशर्त ज़मानत दे दी है.
बंगलौर पुलिस ने स्कूल के चेयरमैन रूस्तम केरावाला को दमण से मंगलवार रात गिरफ़्तार किया था.
पुलिस के मुताबिक़ चेयरमैन को बच्ची की ठीक से देखभाल न करने, घटना की जानकारी पुलिस को न देने पर प्रोट्रक्शन ऑफ़ चिल्ड्रन फ़्राम सेक्सुअल ऑफेंस एक्ट या पॉस्को के तहत और सबूत मिटाने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बीबीसी को बताया, ”अदालत ने केरावाला को कहा है कि वो हर दूसरे दिन जांच अधिकारी के सामने पेश हों और गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश न करें.’’
‘पूरे स्कूल में सीसीटीवी कैमरे’
स्कूल के प्रवक्ता विनोद नायर ने बीबीसी से कहा, ”अगर पुलिस कह रही है कि ये घटना स्कूल में हुई तो उन्हें ये भी बताना चाहिए कि ये कैसे, कब और कहां हुई. हमारे सीसीटीवी कैमरे पूरे स्कूल में हैं. हमें तो 15 जुलाई तक पता ही नहीं था जब पुलिस स्कूल आई और अभिभावकों की शिकायत के बारे में जानकारी दी.’’
नायर ने कहा, ”ये बच्ची एक विशेष बच्ची है. वह एडीएचडी या अटेंशन डेफ़िसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर से पीड़ित है. उसके अभिभावकों की नियुक्त एक शैडो टीचर कक्षा में बच्ची के साथ ही बैठती थी और जहां बच्ची जाती थी उसके साथ जाती थी. जैसा कि आरोप है अगर बच्ची अंधेरे कमरे में गई तो शैडो टीचर भी उसके साथ गई होगी.’’
एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, ”स्कूल का ये कहना ग़लत है कि शैडो टीचर से पूछताछ नहीं हुई. उससे तीन घंटे से ज़्यादा समय तक पूछताछ हुई है.’’
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यह मामला दो जुलाई का है, जब बंगलौर के एक स्कूल में छह साल की बच्ची के यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया था.
इस मामले में एक संदिग्ध मुस्तफ़ा को पुलिस पहले ही गिरफ़्तार कर चुकी है.
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